एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 15 बिशन की दिलेरी
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 5 हिंदी अध्याय 15 बिशन की दिलेरी के प्रश्न उत्तर तथा अभ्यास में दिए गए प्रश्नों के उत्तर सीबीएसई तथा राजकीय बोर्ड सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से निशुल्क प्राप्त करें। कक्षा 5 में हिंदी विषय की किताब रिमझिम के पाठ 15 के सभी उत्तरों को सरल भाषा में विस्तार से समझाया गया है ताकि किसी विद्यार्थी को कोई परेशानी न हो।
कक्षा 5 हिंदी अध्याय 15 बिशन की दिलेरी के प्रश्न उत्तर
कर्नल दता के फार्म हाउस पर जाते हुए बिशन को किस तरह की आवाज सुनाई पड़ी?
कर्नल दता के फार्म हाउस पर जाते हुए बिशन को गोली चलने की आवाज सुनाई पड़ी थी।
शिकारी गुस्से में जोर-जोर से चिल्लाकर बिशन को क्या कह रहा था?
शिकारी गुस्से में जोर-जोर से चिल्ला के बिशन को कह रहा था, कि “मैं तुझे देख लूँगा, तू मेरा शिकार चुराकर नहीं ले जा सकता”।
बिशन को गोली चलने का कारण जल्दी ही कैसे समझ में आया?
बिशन को गोली चलने का कारण समझ आ गया था क्योंकि जब फसल पक जाती है, तब गेहूँ के खेतों में दाना चुगने ढेरों तीतर आ जाते हैं। शिकारी इस बात को जानते हैं। इसलिए, वे सुबह-सुबह ही तीतर मारने चले आए हैं।
‘जी हाँ, हमारे पास लाइसेंस वाली बंदूकें हैं, सरपंच माधो सिंह भी हमें जानता हैं’। शिकारियों ने कर्नल साहब से क्या सोचकर ऐसा कहा होगा?
शिकारी कर्नल साहब को देख कर घबरा गए थे, क्योंकि बिशन का पीछा करते-करते वे कर्नल साहब के फार्म हाउस में पहुँच गए थे। उन्हें लगा कर्नल साहब उन्हें चोर या डाकू समझकर उन पर कोई करवाई न कर दें। इसलिए, वे अपना परिचय कर्नल साहब को बता रहे थे।
बिशन घायल तीतर को क्यों बचाना चाहता था?
बिशन घायल तीतर को शिकारियों से बचा के पालना चाहता था।
घायल तीतर को बचाने के लिए बिशन को किस तरह की परेशानियाँ हुई?
घायल तीतर को बचाने के लिए बिशन ने खेतों के छोटे रास्ते से जाना तय किया। शिकारियों से छिपे रहने के लिए बिशन घुटनों के बल चलने लगा। खेतों से आगे के रास्ते में काँटेदार झाड़ियाँ थी। बहुत संभलकर चलने के बाद भी हाथ-पाव पर काँटों की बहुत सी खरोचें उभर आई जिससे खून निकलने लगा और कमीज की एक आस्तीन भी फट गई थी।
बिशन को किस बात का संतोष था?
बिशन जानता था कि, कमीज़ फ़टने पर उसे माँ से डांट खानी पड़ेगी, परंतु फिर भी उसे इस बात का संतोष था कि वह तीतर की जान बचाने में कामयाब रहा।
बिशन ने शिकारियों के बारे में क्या सोचा?
बिशन ने सोचा, “कितना दुःख पहुँचाने का काम करते हैं ये शिकारी”। इन्हें अवश्य ही सबक सिखाया जाना चाहिए।
बिशन ने घायल तीतर को देख क्या सोचा?
बिशन ने घायल तीतर को देखकर सोचा, शिकारी इसे ढूँढ नहीं पाएँगे और यह खेत में तड़प-तड़पकर मर जाएगा। मुझे इसे बचाना चाहिए।
बिशन को अपने पीछे से भारी आवाज़ में क्या सुनाई दिया?
बिशन को अपने पीछे से भारी आवाज़ में सुनाई दिया, “लड़के, रुक जा, नहीं तो मैं गोली मार दूँगा”।
कर्नल साहब ने गुस्से में शिकारियों से क्या कहा?
कर्नल साहब ने गुस्से में शिकारियों से कहा, “कैसे हो तुम लोग, हर साल आकर इतने तीतर मार डालते हो! कुछ को खा जाते हो। कुछ को घायल करके मरने के लिए छोड़ देते हो। इसे तुम अपनी बहादुरी समझते हो”।