एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित अध्याय 2 विविध प्रश्नावली
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित अध्याय 2 विविध प्रश्नावली संबंध एवं फलन के प्रश्नों के हल सवाल जवाब शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 11 गणित के अध्याय 1 की विविध प्रश्नावली के सभी प्रश्नों के उत्तर सवाल जवाब पीडीएफ और विडियो के माध्यम से भी उपलब्ध हैं।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित अध्याय 2 विविध प्रश्नावली
कक्षा 11 गणित अध्याय 2 विविध प्रश्नावली के लिए एनसीईआरटी समाधान
परिमेय फलन
f (x)/g(x), के प्रकार के फलन जहाँ f(x) तथा g(x) एक प्रांत में, x के परिभाषित बहुपदीय फलन हैं, जिसमें g(x) ≠ 0 परिमेय फलन कहलाते हैं।
मापांक फलन
f(x) = IxI प्रत्येक x ∈¬ R द्वारा परिभाषित फलन f: R ⟶ R मापांक फलन कहलाता है। x के प्रत्येक ऋणेत्तर मान के लिए f(x), x के बराबर होता है। परंतु x के ऋण मानों के लिएए f(x) का मान x, के मान के ऋण के बराबर होता है, अर्थात्
f(x) = {x, x ≥ 0; -x, x < 0
मापांक फलन को निरपेक्ष मान फलन भी कहते हैं।
चिह्न फलन
प्रत्येक x ∈ R, के लिए
f(x) = 1, यदि x > 0
f(x) = 0, यदि x = 0
f(x) = -1, यदि x < 0
द्वारा परिभाषित फलन f: R ⟶ R चिह्न फलन कहलाता है। चिह्न फलन का प्रांत R है। परिसर समुच्चय {1, 0, -1} है।
महत्तम पूर्णांक फलन
f(x) = [x], x ∈¬ R द्वारा परिभाषित फलन f: R ⟶ R, x से कम या x के बराबर महत्तम पूर्णांक का मान ग्रहण (धारण) करता है ऐसा फलन महत्तम पूर्णांक फलन कहलाता है।
[x], की परिभाषा से हम देख सकते हैं कि
[x] = –1; यदि –1 ≤ x < 0
[x] = 0; यदि 0 ≤ x < 1
[x] = 1; यदि 1 ≤ x < 2
[x] = 2; यदि 2 ≤ x < 3
वास्तविक फलनों का बीजगणित
किस प्रकार दो वास्तविक फलनों को जोड़ा जाता है, एक वास्तविक फलन को दूसरे में से घटाया जाता है, एक वास्तविक फलन को किसी अदिश (यहाँ आदिश का अभिप्राय वास्तविक संख्या से है) से गुणा किया जाता है, दो वास्तविक फलनों का गुणा किया जाता है तथा एक वास्तविक फलन को दूसरे से भाग दिया जाता है।
दो वास्तविक फलनों का योग
मान लीजिए कि f: X ⟶ R तथा g: X ⟶ R कोई दो वास्तविक फलन हैं, जहाँ X ⊂ R तब हम (f + g): X ⟶ R को, सभी x ∈ X के लिए, (f + g) (x) = f (x) + g (x), द्वारा परिभाषित करते हैं।
एक वास्तविक फलन में से दूसरे को घटाना
मान लीजिए कि f: X ⟶ R तथा g: X ⟶ R कोई दो वास्तविक फलन हैं, जहाँ X ⊂ R तब हम (f – g): X ⟶ R को सभी x ∈ X के लिए (f – g): (x) = f(x) – g(x), द्वारा परिभाषित करते हैं।
एक अदिश से गुणा
मान लीजिए कि f: X ⟶ R एक वास्तविक मान फलन है तथा α एक अदिश है। यहाँ अदिश से हमारा अभिप्राय किसी वास्तविक संख्या से है। तब गुणनफल αf, X से R में एक फलन है, जो (αf)(x) = αf(x), x ∈ X से परिभाषित होता है।
दो वास्तविक फलनों का गुणन
दो वास्तविक फलनों f: X ⟶ R तथा g: X ⟶ R का गुणनफल (या गुणा) एक फलन fg: X ⟶ R है, जो सभी (fg) (x) = f(x) g(x), x ∈ X द्वारा परिभाषित है। इसे बिंदुशः गुणन भी कहते हैं।
दो वास्तविक फलनों का भागफल
मान लीजिए कि f तथा g, X ⟶ R द्वारा परिभाषित, दो वास्तविक फलन हैं, जहाँ X ⊂ R. f का g से भागफल, जिसे f/g से निरूपित करते हैं, एक फलन है, जो सभी x ∈ X जहाँ g(x) ≠ 0, के लिए, (f/g) (x) = f(x)/g(x), द्वारा परिभाषित है।
स्मरणीय तथ्य
- संबंध समुच्चय A से समुच्चय B में संबंध R, कार्तीय गुणन A × B का एक उपसमुच्चय होता है, जिसे A × B के क्रमित युग्मों के प्रथम घटक y तथा द्वितीय घटक y के बीच किसी संबंध को वर्णित करके प्राप्त किया जाता है।
- किसी अवयव x का, संबंध R के अंतर्गत, प्रतिबिंब y होता है, जहाँ (x, y) ∈¬ R।
- संबंध R के क्रमित युग्मों के प्रथम घटकों का समुच्चय, संबंध R का प्रांत होता है।
- संबंध R के क्रमित युग्मों के द्वितीय घटकों का समुच्चय, संबंध R का परिसर होता है।
- फलन समुच्चय A से समुच्चय B में फलन f एक विशिष्ट प्रकार का संबंध होता है, जिसमें समुच्चय A के प्रत्येक अवयव x का समुच्चय B में एक और केवल एक प्रतिबिंब y होता है इस बात को हम f: A⟶B जहाँ f(x) = y लिखते हैं।
- A फलन f का प्रांत तथा B उसका सहप्रांत होता है।
- फलन f का परिसर, f के प्रतिबिंबों का समुच्चय होता है।
- किसी वास्तविक फलन के प्रांत तथा परिसर दोनों ही वास्तविक संख्याओं का समुच्चय अथवा उसका एक उपसमुच्चय होता है।