एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 गणित प्रश्नावली 12.2
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 गणित प्रश्नावली 12.2 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन के हल हिंदी में सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त करें। कक्षा 10 गणित प्रश्नावली 12.2 ठोसों के संयोजन के आयतन निकलने पर आधारित है। इस प्रश्नावली में कुल 8 ही प्रश्न हैं जिनमें गणनाएँ अधिक हैं। प्रत्येक प्रश्न को विस्तार से हल करके पीडीएफ और विडियो के माध्यम से दर्शाया गया है।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 गणित प्रश्नावली 12.2
कक्षा 10 गणित अध्याय 12 प्रश्नावली 12.2 के लिए एनसीईआरटी समाधान
ठोसों के संयोजन का आयतन
इस अनुच्छेद में यह ज्ञात करने की कोशिश करेंगे कि इस प्रकार के ठोसों के आयतन किस प्रकार परिकलित किए जाते हैं। ध्यान दीजिए कि पृष्ठीय क्षेत्रफल परिकलित करने में हमने दोनों घटकों (ठोसों) के पृष्ठीय क्षेत्रफलों को जोड़ा नहीं था क्योंकि इनको मिलाने की प्रक्रिया में पृष्ठीय क्षेत्रफल का कुछ भाग लुप्त हो गया था। परंतु आयतन परिकलित करने की स्थिति में ऐसा नहीं होगा। दो आधारभूत ठोसों के संयोजन से बने ठोस का आयतन वास्तव में दोनों घटकों के आयतनों के योग के बराबर होता है, जैसाकि हम नीचे दिए उदाहरण में देखेंगे।
हल सहित उदाहरण
शांता किसी शेड में एक उद्योग चलाती है। यह शेड एक घनाभ के आकार का है जिस पर एक अर्धबेलन आरोपित है। यदि इस शेड के आधार की विमाएँ 7 m × 15 m हैं तथा घनाभाकार भाग की ऊँचाई 8 m है तो शेड में समावेशित हो सकने वाली हवा का आयतन ज्ञात कीजिए। पुनः यदि यह मान लें कि शेड में रखी मशीनरी 300 m³ स्थान घेरती है तथा शेड के अंदर 20 श्रमिक हैं जिनमें से प्रत्येक 0.08 m³ के औसत से स्थान घेरता है तब शेड में कितनी हवा होगी? (π = 22/7 लीजिए।)
हल
शेड के अंदर हवा का आयतन (जब इसमें कोई व्यक्ति या मशीनरी नहीं है) घनाभ के अंदर की हवा और अर्धबेलन के अंदर की हवा के आयतनों को मिला कर प्राप्त होगा। अब, घनाभ की लंबाई, चौड़ाई और ऊँचाई क्रमशः 15 m, 7 m और 8 m हैं। साथ ही, अर्धबेलन का व्यास 7 m और ऊँचाई 15 m है।
इसलिए वांछित आयतन = घनाभ का आयतन + ½ बेलन का आयतन
आगे, मशीनरी द्वारा घेरा गया स्थान = 300 m³
तथा 20 श्रमिकों द्वारा घेरा गया स्थान = 20 × 0.08 m³ = 1.6 m³
अतः, शेड में उस समय हवा का आयतन, जब उसमें मशीनरी और श्रमिक हैं
= 1128.75 – (300.00 + 1.60) = 827.15 m³
महत्वपूर्ण प्रश्नों के हल
एक जूस बेचने वाला अपने ग्राहकों को जिन गिलासों से जूस देता था। उस बेलनाकार गिलास का आंतरिक व्यास 5 cm था, परंतु गिलास के निचले आधार (तली) में एक उभरा हुआ अर्धगोला था, जिससे गिलास की धारिता कम हो जाती थी। यदि एक गिलास की ऊँचाई 10 cm थी, तो गिलास की आभासी धारिता तथा उसकी वास्तविक धारिता ज्ञात कीजिए। (π = 3.14 लीजिए।)
हल
चूँकि गिलास का आंतरिक व्यास = 5 cm है और ऊँचाई = 10 cm है, इसलिए गिलास की आभासी धारिता = πr²h
= 3.14 × 2.5 × 2.5 × 10 cm³ = 196.25 cm³
परंतु इसकी वास्तविक धारिता उपरोक्त धारिता से आधार में बने अर्धगोले के आयतन के बराबर कम है।
अर्थात् कमी बराबर है 2/3 πr³ = 2/3 × 3.14 × 2.5 × 2.5 × 2.5 cm³
= 32.71 cm³
अतः गिलास की वास्तविक धारिता = आभासी धारिता – अर्धगोले का आयतन
= 196.25 cm³ – 32.71 cm³
= 163.54 cm³
अभ्यास के लिए प्रश्न
एक ठोस खिलौना एक अर्धगोले के आकार का है जिस पर एक लंब वृत्तीय शंकु आरोपित है। इस शंकु की ऊँचाई 2 cm है और आधार का व्यास 4 cm है। इस खिलौने का आयतन निर्धारित कीजिए। यदि एक लंब वृत्तीय बेलन इस खिलौने के परिगत हो तो बेलन और खिलौने के आयतनों का अंतर ज्ञात कीजिए। (π = 3.14 लीजिए।)
हल
मान लीजिए BPC अर्धगोला है तथा ABC अर्धगोले के आधार पर खड़ा एक शंकु है। अर्धगोले (और शंकु की भी) की त्रिज्या = ½ × 4 cm = 2 cm इसलिए खिलौने का आयतन = 2/3 πr³ + 1/3 πr²h
= [2/3 × 3.14 × (2)³ + 1/3 × 3.14 × (2)² × 2] cm³
= 25.12 cm³
अब, मान लीजिए कि दिए गए ठोस के परिगत लंब वृत्तीय बेलन है। इस लंब वृत्तीय बेलन के आधार की त्रिज्या = HP = BO = 2 cm है तथा इसकी ऊँचाई
EH = AO + OP = (2 + 2) cm = 4 cm है।
अतः, वांछित आयतन = लंब वृत्तीय बेलन का आयतन – खिलौने का आयतन
= (3.14 × 22 × 4 – 25.12) cm³
= 25.12 cm³
इस प्रकार, दोनों आयतनों का अंतर = 25.12 cm³ है।