एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 3 कल्लू कुम्हार की उनाकोटी

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 3 कल्लू कुम्हार की उनाकोटी के प्रश्न उत्तर अभ्यास के सवाल जवाब शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए छात्र यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। उनाकोटी एक प्राचीन स्थल है जिसका अर्थ है, एक कोटि से एक कम। यहां शिव की एक कोटि से एक कम मूर्तियाँ स्थित हैं और यह स्थल पाल शासन के दौरान नवीं से बारहवीं सदी तक विकसित हुआ था। पहाड़ों को काटकर बनी आधार-मूर्तियों में एक मूर्ति शिव की है, जिसने गंगा को अपनी जटाओं में उलझाया। भारत में शिव की यह सबसे बड़ी मूर्ति है और इसके पास एक पवित्र जल प्रपात भी है।
कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 3 के प्रश्न उत्तर
कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 3 के अति-लघु उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 3 के लघु उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 3 के दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 3 MCQ

अभ्यास के प्रश्न उत्तर

कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 3 के बोध प्रश्न उत्तर

1. ‘उनाकोटी’ का अर्थ स्पष्ट करते हुए बतलाएँ कि यह स्थान इस नाम से क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर देखेंत्रिपुरा में एक जगह का नाम उनाकोटी है उनाकोटी का अर्थ होता है एक करोड़ से एक कम इसके बारे में एक दंत कथा प्रसिद्ध है कि कल्लू नाम का एक कुम्हार था उसने भगवान शिव की भक्ति की भगवान के प्रसन्न होने पर उसने भगवान शिव के साथ कैलाश रहने की प्रार्थना की इससे बचने के लिए भगवान शिव ने शर्त रखी कि यदि वह एक रात में भगवान शिव की एक करोड़ मूर्तियाँ बना देगा तो वे उसे अपने साथ कैलाश पर्वत पर रहने की अनुमति प्रदान कर देंगे कल्लू कुम्हार ने मूर्तियाँ बनाना शुरू कर दीं किन्तु सुबह होने पर सारी मूर्तियाँ बन चुकी थीं मगर गिनने पर एक मूर्ति कम निकली और शर्त के अनुसार कल्लू कुम्हार वहीं रह गया इसलिए इस जगह का नाम उनाकोटी पड गया।

2. पाठ के संदर्भ में उनाकोटी में स्थित गंगावतरण की कथा अपने शब्दों में लिखिए ।
उत्तर देखेंपौराणिक कथा के अनुसार श्रृषि भागीरथ कठोर तपस्या के बाद गंगा माँ को धरती पर लेकर आए थे गंगा यदि अपने पूरे वेग से पृथ्वी पर आती तो पृथ्वी धँस जाती गंगा के इस वेग को रोकने के लिए भगवान शिव तैयार हो गए और गंगा के वेग को अपनी जटाओं में रोककर कम कर दिया और धीरे-धीरे गंगा पृथ्वी पर उतर आई । वहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य ऐसा है कि ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों की दूर तक फ़ैली श्रृंखलाएं और उन पर से गिरते हुए झरने जिन्हें देखकर ऐसा लगता है कि भगवान शिव की जटाओं से साक्षात् गंगा उतर रही हो।

3. कल्लू कुम्हार का नाम उनाकोटी से किस प्रकार जुड़ गया गया ?
उत्तर देखें
कल्लू कुम्हार भगवान शिव का परम भक्त था और वह उनके साथ कैलाश पर्वत पर जाना चाहता था, परन्तु भगवान शिव की शर्त के अनुसार उसे एक रात में शिव की एक करोड़ मूर्तियाँ बनानी थीं कल्लू कुम्हार कैलाश पर्वत पर जाने के लिए मूर्तियाँ बनाने में जुट गया जब सुबह मूर्तियाँ गिनी गईं तो एक मूर्ति कम निकली। भगवान शिव को बहाना मिल गया तथा वे उसे छोड़कर कैलाश पर्वत पर चले गए और कल्लू कुम्हार इन मूर्तियों के साथ यहीं रह गया।

4. ‘मेरी रीढ़ में झुरझुरी-सी दौड़ गई’ -लेखक के इस कथन के पीछे कौन सी घटना जुड़ी हुई है?
उत्तर देखेंलेखक शुटिंग करने में व्यस्त था इसी समय सी. आर. पी. एफ़. के एक जवान ने आकर बताया कि निचली पहाड़ियों पर जो दो पत्थर पड़े हैं यहीं दो दिन पहले विद्रोहियों ने एक जवान को मार डाला था, इतना सुनते ही लेखक का शरीर काँप गया और उसे लगा कि उसकी रीढ़ में एक झुरझुरी-सी दौड़ गई।

5. त्रिपुरा ‘बहुधाार्मिक समाज’ का उदाहरण कैसे बना?
उत्तर देखेंत्रिपुरा में लगातार बाहरी लोग आते रहते हैं जिस कारण यह बहुधाार्मिक समाज का उदाहरण बन गया है यहाँ उन्नीस अनुसूचित जनजातियाँ और विश्व के चार बड़े धर्मों का प्रभाव है । बौद्ध धर्म की भी यहाँ मान्यता है।

6. टीलियामुरा कस्बे में लेखक का परिचय किन दो प्रमुख हस्तियों से हुआ ? समाज कल्याण के कार्यों में उनका का क्या योगदान था?
उत्तर देखेंटीलियामुरा कस्बे में लेखक का परिचय हेमंत कुमार जमातिया जो लोक-गायक थे और समाज सेविका तथा देखने में साधाारण सी गृहणी मंजु _षिदास से हुआ था जो पंचायत में अपने वार्ड का प्रतिनिधित्व करती थीं और उन्होंने अपने वार्ड में नल लगवाने, नल का पानी पहुँचाने और गलियों में ईंटें बिछवाने का कार्य किया था।

7. कैलासशहर के जिलाधिकारी ने आलू की खेती के विषय में लेखक को क्या जानकारी दी?
उत्तर देखेंजिलाधिकारी ने बताया कि किस प्रकार यहाँ उन्नत किस्म के आलू की खेती की जाती है बुआई के लिए पारंपरिक आलू के बीज की जरूरत दो मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर होती है जबकि टी. पी. एस. की सिफ़र् सौ ग्राम मात्र एक हेक्टेयर के लिए पर्याप्त होती है। अब तो यहाँ से टी. पी. एस का निर्यात पड़ोसी राज्यों में भी किया जा रहा है।

8. त्रिपुरा के घरेलू उद्योगों पर प्रकाश डालते हुए अपनी जानकारी के कुछ अन्य घरेलू उद्योगों के विषय में बताइए।
उत्तर देखेंत्रिपुरा में अनेक प्रकार के घरेलू उद्योग हैं जैसे बाँस के खिलौने बनाना , अगरबत्ती बनाना गले में पहनने वाली मालाएं बनाना ।अगरबत्ती के लिए सींकों को तैयार करके गुजरात और कर्नाटक भेजा जाता है । हमारे देश में अन्य कई प्रकार के घरेलू उद्योग भी हैं जैसे – खिलौने बनाना, चटाइयाँ बनाना, हाथ के पंखे बनाना आदि।

कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 3 कल्लू कुम्हार की उनाकोटी पर आधारित अति-लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।

कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 3 अति-लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर

1. लेखक अपनी सुबह किस तरह बिताना पसंद करता है?
उत्तर देखेंलेखक सूर्योदय के साथ उठकर चाय बनाता है, अखबार लेता है और अलसायी सुबह का आनंद लेता है। अखबार पढ़ना उसके लिए दिमाग को मुक्त छोड़ने का बहाना है।

2. ‘कटी पतंग योग’ से लेखक क्या अभिप्राय लेता है?
उत्तर देखेंअखबार पढ़ते हुए दिमाग को बिना बंधन के इधर-उधर भटकने देना। इसे लेखक ऊर्जा देने वाला अनुभव मानता है, जो जीवन का सामना करने में मदद करता है।

3. लेखक की दिनचर्या में खलल किससे पड़ा?
उत्तर देखेंएक सुबह तेज गर्जन और बिजली की चमक से उसकी नींद टूटी। पहले उसे लगा युद्ध शुरू हो गया है, लेकिन यह बादलों और बिजली का प्राकृतिक तांडव था।

4. लेखक त्रिपुरा क्यों गया था?
उत्तर देखेंवह दिसंबर 1999 में “ऑन द रोड” नामक टीवी शृंखला की शूटिंग हेतु त्रिपुरा पहुँचा था। उद्देश्य था राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के रास्ते त्रिपुरा का सामाजिक-आर्थिक चित्रण करना।

5. त्रिपुरा की जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर देखेंबांग्लादेश से अवैध आवक, असम और पश्चिम बंगाल से प्रवास। बाहरी लोगों की भारी आमद से जनसंख्या संतुलन बिगड़ा और स्थानीय आदिवासी असंतोष उत्पन्न हुआ।

6. उज्जयंत महल किसलिए प्रसिद्ध है?
उत्तर देखेंउज्जयंत महल कभी राजाओं का महल था। अब यहाँ राज्य विधानसभा बैठती है। यह सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक बन चुका है और त्रिपुरा की ऐतिहासिक धरोहर है।

7. त्रिपुरा के चकमा और मुघ जनजाति किस धर्म को मानते हैं?
उत्तर देखेंये दोनों महायानी बौद्ध धर्म का पालन करते हैं। यह समुदाय बर्मा (म्यांमार) से चटगाँव के रास्ते त्रिपुरा आया था और यहाँ बौद्ध संस्कृति का प्रभाव लाया।

8. हेमंत कुमार जमातिया कौन थे?
उत्तर देखेंवे कोकबारोक बोली के प्रसिद्ध लोकगायक थे, जिन्हें 1996 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला। वे पहले विद्रोही संगठन से जुड़े थे, बाद में राजनीति में सक्रिय हुए।

9. हेमंत कुमार जमातिया ने भोज में क्या किया?
उत्तर देखेंभोज के बाद लेखक के अनुरोध पर उन्होंने अपनी धरती की नदियों, हवाओं और शांति पर आधारित गीत गाया, जिसने त्रिपुरा के संगीत की गहराई को उजागर किया।

10. मंजु ऋषिदास किस समुदाय से थीं और उनकी विशेषता क्या थी?
उत्तर देखेंवे ऋषिदास (मोची) समुदाय से थीं। वे रेडियो कलाकार और नगर पंचायत प्रतिनिधि थीं। जूते और वाद्ययंत्र बनाने में उनका समुदाय पारंगत था।

11. मंजु ऋषिदास की सबसे बड़ी चिंता क्या थी?
उत्तर देखेंअपने वार्ड में स्वच्छ पेयजल और ईंट की सड़कों की व्यवस्था करना। वे निरक्षर थीं, पर अपने क्षेत्र की समस्याओं से पूरी तरह परिचित और सजग थीं।

12. टीलियामुरा से मनु तक यात्रा कैसी होती थी?
उत्तर देखेंयह क्षेत्र हिंसाग्रस्त था। इसलिए यात्रा सीआरपीएफ सुरक्षा घेरे में काफिले के रूप में होती थी। विद्रोहियों के हमले का खतरा हमेशा मौजूद रहता था।

13. मनु नदी पर लेखक ने क्या दृश्य देखा?
उत्तर देखेंनदी पर हजारों बाँसों का बँधा काफिला तैरता हुआ दिखा। डूबते सूरज की रोशनी में वह जलता हुआ प्रतीत हो रहा था, जिसकी सुरक्षा केवल चार लोग कर रहे थे।

14. टी-पी-एस (True Potato Seeds) की विशेषता क्या है?
उत्तर देखेंपारंपरिक आलू बीज की तुलना में बहुत कम मात्रा चाहिए। केवल 100 ग्राम बीज एक हेक्टेयर भूमि की बुआई के लिए पर्याप्त होता है, जिससे उत्पादन सस्ता और आसान होता है।

15. ‘उनाकोटी’ नाम का क्या अर्थ है?
उत्तर देखेंउनाकोटी का अर्थ है “एक करोड़ से एक कम।” दंतकथा के अनुसार यहाँ शिव की एक करोड़ से एक कम मूर्तियाँ विद्यमान हैं।

कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 3 कल्लू कुम्हार की उनाकोटी के लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।

कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 3 लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर

1. लेखक ने त्रिपुरा की जनसंख्या वृद्धि का क्या कारण बताया?
उत्तर देखेंत्रिपुरा तीन ओर से बांग्लादेश से घिरा है। यहाँ बांग्लादेश से अवैध आवक होती रहती है, जिसे सामाजिक स्वीकृति भी मिली हुई है। असम और पश्चिम बंगाल से भी लोग यहाँ आते हैं। बाहरी लोगों की भारी आमद से जनसंख्या अनुपात बदला और स्थानीय आदिवासी समुदाय अपने ही राज्य में अल्पसंख्यक जैसा महसूस करने लगा। यही कारण आदिवासी असंतोष का मूल कारण बना।

2. त्रिपुरा की सांस्कृतिक विविधता का लेखक ने किस रूप में वर्णन किया है?
उत्तर देखेंलेखक ने बताया कि त्रिपुरा बहुधार्मिक और बहुसांस्कृतिक राज्य है। यहाँ उन्नीस अनुसूचित जनजातियाँ रहती हैं और विश्व के चार प्रमुख धर्मों का प्रतिनिधित्व भी यहाँ मौजूद है। उदाहरणस्वरूप चकमा और मुघ जनजाति बौद्ध धर्म मानती हैं। संगीत की परंपरा गहरी है; हेमंत कुमार जमातिया और मंजु ऋषिदास इसके उदाहरण हैं। यही विविधता त्रिपुरा को भारत के अन्य राज्यों से विशेष बनाती है।

3. हेमंत कुमार जमातिया का जीवन और कार्य किस प्रकार प्रेरक हैं?
उत्तर देखेंहेमंत कुमार जमातिया कोकबारोक बोली के लोकप्रिय गायक थे। उन्हें 1996 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला। वे पहले पीपुल्स लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन से जुड़े थे, लेकिन बाद में हथियारबंद संघर्ष छोड़ राजनीति और लोकसेवा में लग गए। भोज के दौरान उन्होंने अपनी धरती की नदियों और हवाओं पर गीत गाया। उनका जीवन संघर्ष से सकारात्मकता की ओर यात्रा का उदाहरण है।

4. मंजु ऋषिदास का व्यक्तित्व किस रूप में सामने आता है?
उत्तर देखेंमंजु ऋषिदास ऋषिदास समुदाय से थीं, जो जूते और वाद्ययंत्र निर्माण में पारंगत है। वे स्वयं आकर्षक और सक्रिय महिला थीं, रेडियो कलाकार भी थीं और नगर पंचायत में वार्ड प्रतिनिधि भी। निरक्षर होने के बावजूद उन्हें अपने वार्ड की पेयजल और सड़क संबंधी समस्याओं की पूरी जानकारी थी। गीत गाने के बाद वे तुरंत गृहिणी की भूमिका में भी लौट आईं। यह उनका बहुमुखी व्यक्तित्व दर्शाता है।

5. टीलियामुरा से मनु तक की यात्रा को लेखक ने खतरनाक क्यों बताया?
उत्तर देखेंयह क्षेत्र हिंसाग्रस्त था और विद्रोहियों के हमले का खतरा बना रहता था। इसलिए गाड़ियों का काफिला सीआरपीएफ की सुरक्षा में चलता था। लेखक ने देखा कि पहाड़ियों पर इरादतन रखे गए पत्थरों से दो दिन पहले ही एक जवान की हत्या हुई थी। ऐसे वातावरण में यात्रा का हर पल डर से भरा हुआ था। सुंदर जंगलों के बावजूद विद्रोहियों की छिपी मौजूदगी भय उत्पन्न करती थी।

6. मनु नदी पर लेखक ने कौन-सा अद्भुत दृश्य देखा और उसका महत्व क्या था?
उत्तर देखेंलेखक ने मनु नदी पर हजारों बाँसों का बँधा काफिला देखा, जो किसी विशाल ड्रैगन जैसा प्रतीत हो रहा था। डूबते सूर्य की सुनहरी रोशनी उसे अग्नि जैसा बना रही थी। इस विशाल काफिले की सुरक्षा केवल चार लोग कर रहे थे, जबकि लेखक का काफिला सीआरपीएफ की पूरी कंपनी के संरक्षण में था। यह विरोधाभास त्रिपुरा की असली जीवनशैली और साहस को दर्शाता है।

7. त्रिपुरा में True Potato Seeds (TPS) की खेती क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर देखेंपारंपरिक आलू बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर दो मीट्रिक टन बीज चाहिए, जबकि टीपीएस की केवल 100 ग्राम मात्रा पर्याप्त होती है। इससे लागत घटती है और उत्पादन अधिक होता है। त्रिपुरा में इसकी खेती खासकर उत्तरी जिले में सफल हुई। यहाँ से टीपीएस का निर्यात केवल भारत के पूर्वोत्तर राज्यों तक ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश, मलेशिया और वियतनाम तक होता है। यह त्रिपुरा की कृषि में क्रांतिकारी बदलाव है।

8. ‘उनाकोटी’ स्थान का धार्मिक और पौराणिक महत्व क्या है?
उत्तर देखेंउनाकोटी का अर्थ है “एक करोड़ से एक कम।” दंतकथा है कि कल्लू कुम्हार को शिव ने शर्त दी थी कि वह एक रात में एक करोड़ मूर्तियाँ बनाए। उसने बहुत मेहनत की, लेकिन सुबह तक एक मूर्ति कम रह गई। शिव ने उसे यहीं छोड़ दिया। पहाड़ काटकर बनी मूर्तियाँ और विशाल शिव प्रतिमा इसे महान शैव तीर्थ बनाती हैं। यहाँ का जलप्रपात गंगा जितना ही पवित्र माना जाता है।

9. लेखक ने उनाकोटी में देखी मूर्तियों का क्या वर्णन किया है?
उत्तर देखेंलेखक ने बताया कि उनाकोटी में विशाल आधार-मूर्तियाँ बनी हैं। एक बड़ी चट्टान पर शिव का चेहरा उकेरा गया है, जिसकी जटाएँ दो पहाड़ों तक फैली हैं। यह भारत की सबसे बड़ी आधार-मूर्ति है। साथ ही भगीरथ की प्रार्थना और गंगा अवतरण का मिथक भी यहाँ अंकित है। पूरा क्षेत्र देवताओं और देवियों की मूर्तियों से भरा हुआ है, जो इसे अद्वितीय और रहस्यमय बनाता है।

10. दिल्ली की एक सुबह के गर्जन-तर्जन ने लेखक को उनाकोटी की याद क्यों दिलाई?
उत्तर देखेंदिल्ली में एक सुबह लेखक तेज गरज और बिजली की आवाज़ से जागा। उसे यह दृश्य उनाकोटी की याद दिला गया, जहाँ उसने बादलों के बीच शिव का तांडव महसूस किया था। उनाकोटी के अंधकार, गर्जन और मूर्तियों के बीच का अनुभव इतना प्रबल था कि वर्षों बाद भी वैसी ही ध्वनि और दृश्य ने उसे वहीं पहुँचा दिया। ध्वनि की यह शक्ति समय-संदर्भ बदलने वाली प्रतीत हुई।

कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 3 कल्लू कुम्हार की उनाकोटी के दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।

कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर

1. लेखक की सुबह की दिनचर्या और ‘कटी पतंग योग’ की विशेषता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखेंलेखक अपनी सुबह बड़े ही साधारण किंतु अर्थपूर्ण तरीके से बिताना पसंद करता है। वह उन लोगों में से नहीं है जो सुबह चार बजे उठकर व्यायाम या सैर पर निकलते हैं। वह सूर्योदय के साथ उठकर खुद चाय बनाता है और अखबार लेकर लंबी, अलसायी सुबह का आनंद लेता है। अखबार पढ़ने का उद्देश्य समाचारों को जानना नहीं, बल्कि दिमाग को बिना बंधन के भटकने देना है। लेखक इस अवस्था को “कटी पतंग योग” कहता है। जैसे एक पतंग डोर कटने के बाद हवा में स्वतंत्र रूप से तैरती है, वैसे ही उसका मन विचारों की उड़ान भरता है। यह उसे ऊर्जा देता है और जीवन की कठिनाइयों का सामना करने में मानसिक सहारा प्रदान करता है। उसके अनुसार यह साधना उसके भीतर नई शक्ति जगाती है और उसे दुनिया की जटिलताओं का सामना करने में सहायक होती है।

2. त्रिपुरा की जनसंख्या समस्या और आदिवासी असंतोष का वर्णन कीजिए।
उत्तर देखेंत्रिपुरा भारत का छोटा राज्य है, जो तीन ओर से बांग्लादेश से घिरा हुआ है। यहाँ की जनसंख्या वृद्धि दर असाधारण रूप से ऊँची है। इसका सबसे बड़ा कारण बांग्लादेश से लगातार होने वाली अवैध आवक है। लोग बड़ी संख्या में सीमा पार करके त्रिपुरा आते हैं और यहाँ बस जाते हैं। असम और पश्चिम बंगाल से भी प्रवास होता रहता है। इस प्रकार बाहरी लोगों की भारी आमद से जनसंख्या संतुलन बदल गया। स्थानीय आदिवासी समुदाय, जो कभी बहुसंख्यक थे, धीरे-धीरे अल्पसंख्यक हो गए। इससे उनमें असंतोष और असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई। यही कारण है कि त्रिपुरा में आदिवासी आंदोलनों और विद्रोह की स्थितियाँ बनीं। यद्यपि बाहरी लोगों के आने से सांस्कृतिक विविधता भी बढ़ी, परंतु आदिवासी असंतोष ने राज्य की स्थिरता को प्रभावित किया। यही समस्या त्रिपुरा के सामाजिक और राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी चुनौती बन गई।

3. हेमंत कुमार जमातिया और मंजु ऋषिदास के व्यक्तित्व का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर देखेंहेमंत कुमार जमातिया त्रिपुरा के प्रसिद्ध लोकगायक थे, जो कोकबारोक बोली में गाते थे। उन्हें 1996 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला। युवावस्था में वे विद्रोही संगठन पीपुल्स लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन से जुड़े, पर बाद में हिंसा छोड़ राजनीति में सक्रिय हुए। उन्होंने भोज के अवसर पर नदियों, हवाओं और शांति का गीत गाकर त्रिपुरा की सांगीतिक परंपरा का परिचय दिया।
दूसरी ओर, मंजु ऋषिदास ऋषिदास समुदाय से थीं, जो मोची कार्य और वाद्ययंत्र निर्माण में कुशल है। वे निरक्षर होते हुए भी रेडियो कलाकार और नगर पंचायत की प्रतिनिधि थीं। उन्होंने अपने वार्ड में स्वच्छ पेयजल और सड़क सुधार जैसे कार्य कराए। साथ ही वे गीत गाने और घरेलू जिम्मेदारियों दोनों में निपुण थीं।
इन दोनों का जीवन दर्शाता है कि त्रिपुरा की संस्कृति में संगीत और सामाजिक चेतना गहराई तक रची-बसी है।

4. ‘उनाकोटी’ स्थल का धार्मिक और पौराणिक महत्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखेंउनाकोटी त्रिपुरा का प्रसिद्ध शैव तीर्थ है। ‘उनाकोटी’ का अर्थ है एक करोड़ से एक कम। दंतकथा के अनुसार यहाँ शिव की एक करोड़ से एक कम मूर्तियाँ हैं। मान्यता है कि कल्लू कुम्हार पार्वती का भक्त था और शिव-पार्वती के साथ कैलाश पर्वत जाना चाहता था। शिव ने शर्त रखी कि वह एक रात में शिव की एक करोड़ मूर्तियाँ बनाए। कल्लू ने अथक प्रयास किया, परंतु सुबह होने तक मूर्तियाँ एक कम निकलीं। इस आधार पर शिव ने उसे वहीं छोड़ दिया और स्वयं कैलाश चले गए।
उनाकोटी में विशाल आधार-मूर्तियाँ हैं, जिनमें सबसे बड़ी शिव प्रतिमा है। उनकी जटाएँ दो पहाड़ों तक फैली हैं। यहाँ भगीरथ की प्रार्थना और गंगा अवतरण का दृश्य भी चित्रित है। पास ही बहने वाला जलप्रपात गंगा जितना पवित्र माना जाता है। यह स्थल धार्मिक आस्था और अद्भुत शिल्पकला का अनूठा संगम है।

5. दिल्ली की सुबह और उनाकोटी के अनुभव का लेखक ने किस प्रकार संबंध जोड़ा है?
उत्तर देखेंलेखक एक सुबह दिल्ली में बिजली की चमक और बादलों की गर्जना से जागता है। यह दृश्य उसे ऐसा प्रतीत होता है मानो तीसरा विश्वयुद्ध शुरू हो गया हो। किंतु जब वह खिड़की से बाहर देखता है तो समझता है कि यह तो बादलों और बिजली का खेल है। यही दृश्य अचानक उसे तीन वर्ष पूर्व त्रिपुरा में देखे गए उनाकोटी की याद दिला देता है। वहाँ भी बादलों की गड़गड़ाहट, अचानक छाए अंधकार और शिव की मूर्तियों के बीच का माहौल बिल्कुल तांडव जैसा लगा था। लेखक को लगता है मानो ध्वनि मनुष्य को समय और स्थान के किसी और संदर्भ में पहुँचा सकती है। दिल्ली की सुबह का यह अनुभव उसे फिर से उनाकोटी की रहस्यमयी भूमि में ले गया। इस प्रकार प्राकृतिक ध्वनियों ने उसकी स्मृति में धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभवों को जोड़ दिया।

कल्लू कुम्हार की उनाकोटी

स्थानीय आदिवासियों के अनुसार, इन मूर्तियों का निर्माता कल्लू कुम्हार था, जो पार्वती का भक्त था और शिव-पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर जाना चाहता था। शिव ने उससे एक रात में एक कोटि मूर्तियाँ बनाने की शर्त रखी, लेकिन कल्लू उससे एक कम मूर्तियाँ बना पाया। इसलिए शिव ने उसे उनाकोटी में ही छोड़ दिया। लेखक जब इस स्थल की शूटिंग कर रहा था, तो अचानक अंधेरा और तूफान आ गया, जिससे वह शिव के तांडव को याद कर बैठा।

कक्षा 9 हिदी के पाठ 3 का आरंभ
ध्वनि विशेष रूप से व्यक्ति को विभिन्न समय और स्थल पर ले जा सकती है। लेखक उन लोगों में से नहीं हैं जो बहुत प्राथमिक घड़ी में उठते हैं, वह सूर्योदय के साथ उठते हैं और अपनी सुबह को अखबार पढ़ते और चाय पीते हुए बिताते हैं। इस समय, उनका ध्यान अखबार में नहीं रहता, बल्कि उनका मन विचरण करता है, जिसे वह ‘कटी पतंग योग’ कहते हैं।
हाल ही में, उनकी शांतिपूर्ण दिनचर्या में विघ्न आया जब वह एक तेज आवाज से जागे, जो उन्हें लगा कि तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत हो सकती है। लेकिन यह सिर्फ बिजली और गरज की आवाज थी। जब वह बाहर देखे, तो उन्हें तूफानी मौसम दिखाई दिया, जिसने उन्हें तीन साल पहले त्रिपुरा की एक यात्रा पर ले जाया।

त्रिपुरा की राजधानी अगरतला का सफ़र

दिसंबर 1999 में, टीवी शृंखला “ऑन द रोड” के तहत, त्रिपुरा की राजधानी अगरतला गए जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर यात्रा की गई और त्रिपुरा के विकास पर प्रकाश डाला गया। त्रिपुरा भारत के छोटे राज्यों में से एक है, जो अधिकतर बांग्लादेश से घिरा हुआ है। बांग्लादेश से अवैध प्रवासी की संख्या ज़बरदस्त है जिससे स्थानीय आदिवासियों का जनसंख्या संतुलन प्रभावित हुआ है और इसने आदिवासी असंतोष का कारण बना।

अगरतला और उसके आस-पास के क्षेत्र में शूटिंग की गई, जिसमें उज्जयंत महल, जो की त्रिपुरा के माणिक्य वंश का प्रतीक है, उसे भी शामिल किया। त्रिपुरा में विभिन्न जनजातियाँ और धर्मों का प्रतिनिधित्व है, जिसे बाहरी लोगों के आगमन ने और भी बढ़ाया। राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को पकड़कर टीलियामुरा पहुंचने पर लोकगायक हेमंत कुमार जमातिया से मुलाकात हुई, जो पहले एक संगठन के कार्यकर्ता थे लेकिन बाद में जिला परिषद के सदस्य बने।

त्रिपुरा में भोजन

त्रिपुरा में जिला परिषद ने एक भोज का आयोजन किया जिसमें सादा खाना परोसा गया था। इस राज्य में भारतीय संस्कृति का प्रभाव अब भी महसूस होता है और संगीत उसका महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ के लोग संगीत में गहरी रूचि रखते हैं, जैसे हेमंत कुमार जमातिया और मंजु ऋषिदास, जिनसे लेखक की मुलाकात हुई थी। इसके अलावा, त्रिपुरा के संगीतकार सी-डी- बर्मन भी प्रमुख थे, जो राज्य के राजपरिवार से थे।

लेखक को त्रिपुरा के हिंसाग्रस्त क्षेत्र में जाने से पहले सी-आर-पी-एफ- की सुरक्षा में यात्रा करनी पड़ी। जब वह रास्ता तय कर रहा था, तो उसने सुना कि वहीं कुछ दिन पहले एक सी-आर-पी-एफ- जवान को विद्रोहियों द्वारा मार डाला गया था। यह जानकर लेखक को डर महसूस हुआ था कि उस खूबसूरत और शांत जंगल में कहीं विद्रोही छिपे हुए हो सकते हैं।

मनु नदी के किनारे का दृश्य

त्रिपुरा में स्थित मनु नदी के किनारे एक छोटे कस्बे मनु में यात्रा करते समय, प्रवासी ने सूर्य की सुनहरी रोशनी में नदी पर बहते एक विशाल बाँस के काट-पफ़ले को देखा। वे उत्तरी त्रिपुरा जिले में पहुंचे, जहाँ बाँस के लिए अगरबत्ती तैयार की जाती है और जिले का मुख्यालय कैलासशहर है। यहाँ, जिलाधिकारी ने टी-पी-एस- (टरू पोटेटो सीड्स) की खेती की सफलता के बारे में बताया और उनाकोटी, भारत के प्रमुख शैव तीर्थों में से एक, का चर्चा किया।

जिलाधिकारी के प्रोत्साहन से, प्रवासी उनाकोटी जाने का निर्णय लिया, जहाँ उसने एक अद्वितीय धार्मिक स्थल का अनुभव किया। जिलाधिकारी ने सुरक्षा इंतजाम किए और वहाँ उन्हें भोजन की व्यवस्था भी की गई। प्रवासी को इस स्थल पर सूर्ज की पहली किरणें देखने के लिए इंतजार करना पड़ा, क्योंकि पर्वतीय प्रदेश में सूर्य की रोशनी देर से पहुंचती है।

एनसीईआरटी कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 3 कल्लू कुम्हार की उनाकोटी
कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 3 कल्लू कुम्हार की उनाकोटी