एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 1 गिल्लू

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 1 गिल्लू के प्रश्न उत्तर सत्र 2025-26 के लिए छात्र यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। गिल्लू कक्षा 9 की हिंदी पाठ्यपुस्तक संचयन” का पहला अध्याय है। यह हृदयस्पर्शी कहानी प्रसिद्ध हिंदी लेखिका महादेवी वर्मा द्वारा लिखी गई है और यह एक खूबसूरती से गढ़ी गई कहानी है जो सभी उम्र के पाठकों को पसंद आती है। कक्षा 9 में हिंदी की परीक्षा के लिए यहाँ के महत्वपूर्ण अध्याय भी है।
कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 1 के प्रश्न उत्तर
कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 1 के अति-लघु उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 1 के लघु उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 1 के दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 1 MCQ

अभ्यास के प्रश्न उत्तर

कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 1 के बोध प्रश्न उत्तर

1. सोनजुही में लगी पीली कली को देखकर लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे?
उत्तर देखेंसोनजुही में लगी पीली कली को देखकर लेखिका को गिल्लू की याद आने लगी कि वह किस प्रकार हरी लता में छिपकर बैठता था और पास आते ही लेखिका के कंधों पर कूद कर बैठ जाता था।

2. पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?
उत्तर देखेंकौए का बोलना किसी के आने का समाचार होता है। पितरपक्ष में उसके माध्यम से अपने पुरखों को तृप्त किया जाता है उसके द्वारा भोजन ग्रहण करना पुरखों का तृप्त होना माना जाता है यह उसके प्रति आदर व्यक्त करता है। और वहीं उसकी कर्कश धवनि सुनकर उसे उड़ा देना उसके प्रति अनादर का भाव प्रकट करता है।

3. गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?
उत्तर देखेंकौए की चोंच से घायल हुए गिलहरी के बच्चे को उठाकर लेखिका अपने कमरे में ले आई रुई से उसके घाव को साफ़ किया गया और पेंसिलीन का लेप लगाया गया रुई की बत्ती बनाकर उसे दूध में भिगोया गया बच्चे के मुँह को खोलकर दूध पिलाने का प्रयास किया गया कई घंटे उपचार के बाद उसका मुँह खोला जा सका रुई के फ़ाहे से पानी पिलाया गया इस प्रकार उसका उपचार किया गया।

4. लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?
उत्तर देखेंलेखिका का धयान आकर्षित करने के लिए वह लेखिका के पैर तक आकर सर्र से परदे पर चढ़ जाता और उसी तेजी से उतरता और तब तक दौड़ता रहता जब तक लेखिका उसे पकड़़ नहीं लेती थी और भूख लगने पर चिक-चिक करके लेखिका से बिस्किट और काजू लेकर ही खाता-रहता था।

5. गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?
उत्तर देखेंजब गिल्लू के जीवन का प्रथम वसंत आया नीम और चमेली की गंध लेखिका के कमरे में आने लगी। बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक-चिक करके न जाने क्या कहने लगती। ऐसे में गिल्लू को जाली के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झाँकते देखकर लेखिका को लगा कि इसे अब मुक्त करना आवश्यक है। उसने जाली का एक कोना खोल दिया जिससे गिल्लू बाहर जाता था और दिनभर घूमकर वापस जाली से अंदर आ जाता था।

6. गिल्लू किन-किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?
उत्तर देखेंलेखिका के मोटर दुर्घटना में आहत होकर अस्पताल से घर आने पर गिल्लू लेखिका के तकिए के सिराहने बैठा रहता था और अपने नन्हे-नन्हे पंजों से उनके सिर के बालों को ऐसे सहलाता था जैसे कोई परिचारिका सेवा कर रही हो और उसका हटना किसी परिचारिका के हटने के समान लगता था।

7. गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?
उत्तर देखेंगिल्लू दो वर्ष को हो चुका था और गिलहरियों की उम्र भी दो वर्ष ही होती है। अतः उसका अंत समय भी समीप आ गया था दिन भर उसने कुछ भी न खाया और न ही बाहर घूमने गया अंतिम समय में झूले से उतरकर लेखिका के पास आ गया और उसकी उँगली पकड़कर हाथ से चिपककर हमेशा के लिए सो गया।

8. प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया- का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखेंइसका आश्य यह है कि गिल्लू की मृत्यु हो चुकी थी आत्मा “शरीर छोड़कर जा चुकी थी और किसी अन्य जीव रूप में जन्म लेने के लिए तत्पर हो चुकी थी।

9. सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?
उत्तर देखेंसोनजुही की लता के नीचे गिल्लू की समाधि बनाइ्र गई क्योंकि गिल्लू को यह लता बहुत पसंद थी, और लेखिका को भी यह विश्वास था कि किसी दिन जूही के खिले पुष्प में गिल्लू की आभा प्रकट होगी।

कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 1 गिल्लू पर आधारित अति-लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।

कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 1 अति-लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर

1. गिल्लू को लेखिका ने सबसे पहले कहाँ और किस अवस्था में देखा?
उत्तर देखेंलेखिका ने गिल्लू को गमले और दीवार की संधि में देखा। वह घायल अवस्था में पड़ा था, जिसे दो कौवों की चोंच के घाव से चोट आई थी।

2. गिल्लू को बचाने के लिए लेखिका ने क्या किया?
उत्तर देखेंलेखिका ने गिल्लू को कमरे में लाकर उसके घावों पर पेंसिलिन मरहम लगाया और रूई की बत्ती से दूध पिलाने का प्रयास किया। धीरे-धीरे गिल्लू स्वस्थ हो गया।

3. गिल्लू नाम कैसे पड़ा?
उत्तर देखेंगिलहरी के उस नन्हे बच्चे की जातिवाचक संज्ञा को व्यक्तिवाचक रूप दिया गया और सब उसे गिल्लू कहने लगे।

4. गिल्लू का घर कहाँ बनाया गया था?
उत्तर देखेंगिल्लू के लिए एक हल्की डलिया में रूई बिछाकर उसे खिड़की पर तार से लटका दिया गया। यही दो वर्षों तक उसका स्थायी घर रहा।

5. लेखिका लिखने बैठती तो गिल्लू क्या करता था?
उत्तर देखेंजब लेखिका लिखने बैठती तो गिल्लू उनका ध्यान खींचने के लिए परदे पर चढ़कर तेजी से उतरता और यह क्रम तब तक चलता जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए न उठती।

6. गिल्लू को खाने में सबसे अधिक क्या प्रिय था?
उत्तर देखेंगिल्लू को खाने में सबसे अधिक काजू प्रिय था। कई दिन काजू न मिलने पर वह अन्य खाद्य पदार्थों को छोड़ देता या झूले से नीचे फेंक देता था।

7. गिल्लू लेखिका के साथ भोजन कैसे करता था?
उत्तर देखेंगिल्लू लेखिका की थाली के पास बैठकर एक-एक चावल उठा कर बड़ी सफाई से खाता। कभी-कभी थाली में बैठने की जिद भी करता।

8. गिल्लू को मुक्त क्यों किया गया?
उत्तर देखेंगिल्लू को अन्य गिलहरियों से मेलजोल और प्राकृतिक जीवन के लिए तथा घर में बिल्लियों-कुत्तों से सुरक्षा हेतु लेखिका ने खिड़की की जाली का एक कोना खोलकर मुक्त किया।

9. बाहर जाने के बाद भी गिल्लू रोज क्यों लौटता था?
उत्तर देखेंगिल्लू को लेखिका से गहरा लगाव था। वह दिन भर बाहर गिलहरियों के साथ खेलकर ठीक चार बजे खिड़की से अंदर लौटकर अपने झूले में आ जाता था।

10. अस्पताल में लेखिका की अनुपस्थिति में गिल्लू ने क्या किया?
उत्तर देखेंलेखिका की अनुपस्थिति में गिल्लू कम खाता और अपने झूले में काजू जमा करता। इससे पता चलता है कि उसे लेखिका की बहुत याद आती थी।

11. लेखिका की अस्वस्थता में गिल्लू का व्यवहार कैसा था?
उत्तर देखेंलेखिका की अस्वस्थता में गिल्लू तकिए पर सिरहाने बैठकर अपने नन्हे पंजों से उनके सिर और बालों को हौले-हौले सहलाता, जैसे परिचारिका देखभाल करती है।

12. गर्मियों में गिल्लू गरमी से बचने के लिए क्या करता था?
उत्तर देखेंगर्मियों में गिल्लू लेखिका के पास रखी सुराही पर लेट जाता था। इससे वह ठंडक में भी रहता और लेखिका के पास भी।

13. गिल्लू की मृत्यु किस प्रकार हुई?
उत्तर देखेंगिल्लू ने अंत समय में भोजन नहीं किया, रात को लेखिका की उँगली पकड़कर उनके हाथ से चिपक गया और प्रभात की किरण के साथ सदा के लिए सो गया।

14. गिल्लू को कहाँ दफनाया गया?
उत्तर देखेंगिल्लू को सोनजुही की लता के नीचे समाधि दी गई, क्योंकि उसे यह लता अत्यंत प्रिय थी और यह लेखिका को संतोष भी देती थी।

15. गिल्लू की स्मृति लेखिका को किस रूप में जीवित प्रतीत होती है?
उत्तर देखेंगिल्लू की स्मृति सोनजुही की लता के पीले फूलों और नई गिलहरियों की चिक-चिक में जीवित प्रतीत होती है, मानो वह अब भी चौंकाने आता हो।

कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 1 गिल्लू के लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।

कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 1 लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर

1. कौवों के प्रति लेखिका का दृष्टिकोण क्या था?
उत्तर देखेंलेखिका ने कौवों को विरोधाभासी रूप में देखा। एक ओर पितरों के प्रतीक और शुभ संदेशवाहक मानकर उन्हें सम्मानित किया जाता है, तो दूसरी ओर उनके कर्कश स्वर व काँव-काँव को अपमानसूचक माना जाता है। गिल्लू को घायल देखकर लेखिका को यह भी लगा कि कौवे नन्हें जीवों के लिए संकट का कारण बनते हैं।

2. गिल्लू को लेखिका ने कैसे स्वस्थ किया और उसके प्रति कैसा व्यवहार रखा?
उत्तर देखेंगिल्लू को जब कौवों ने घायल किया, तब सबने कहा कि वह बच नहीं सकता, पर लेखिका ने हार नहीं मानी। उन्होंने घावों पर मरहम लगाया और दूध-पानी पिलाकर धीरे-धीरे उसे स्वस्थ किया। बाद में उसे डलिया में घर बनाकर रखा और मातृत्वपूर्ण स्नेह से उसका पालन-पोषण किया।

3. गिल्लू की समझदारी के कौन-कौन से उदाहरण मिलते हैं?
उत्तर देखेंगिल्लू ने कई बार अपनी चतुराई दिखाई। वह लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए परदे पर चढ़-उतरता। वह भूख लगने पर चिक-चिक कर सूचना देता। गर्मियों में ठंडक पाने के लिए सुराही पर लेट जाता। इन कार्यकलापों से उसकी समझदारी और अनोखी आदतें स्पष्ट होती हैं।

4. गिल्लू और लेखिका के बीच गहरा संबंध कैसे प्रकट होता है?
उत्तर देखेंगिल्लू लेखिका से इतना जुड़ गया था कि बाहर जाकर भी समय पर लौट आता। वह लेखिका की थाली के पास बैठकर भोजन करता और उनकी अनुपस्थिति में भोजन भी कम करता। लेखिका की बीमारी में वह तकिए पर बैठकर उनके सिर को सहलाता। उसकी मृत्यु के समय भी उसने लेखिका की उँगली पकड़ रखी थी। यह सब उनके गहरे भावनात्मक संबंध को दर्शाता है।

5. गिल्लू की मृत्यु पर लेखिका की भावनाएँ कैसी थीं?
उत्तर देखेंगिल्लू की मृत्यु लेखिका के लिए अत्यंत पीड़ादायक रही। अंतिम क्षणों में गिल्लू ने उनकी उँगली पकड़कर जीवन का विदा लिया। उसे सोनजुही की लता के नीचे दफनाने से लेखिका को यह संतोष हुआ कि वह उसके प्रिय स्थान पर है और वसंत में पीली कलियों के रूप में उसका जीवन फिर महसूस होगा।

6. गिल्लू का स्वतंत्र जीवन और उसका लेखिका से लगाव कैसे साथ-साथ चलता रहा?
उत्तर देखेंगिल्लू को मुक्त कर देने पर वह गिलहरियों के झुंड में शामिल होकर डाल-डाल कूदता, पर समय पर लौटकर खिड़की से कमरे में आ जाता। बाहर रहते हुए भी वह लेखिका से अलग नहीं हो पाया। यह दर्शाता है कि स्वतंत्रता और लगाव दोनों उसके जीवन का हिस्सा रहे।

7. गिल्लू की स्मृति लेखिका के जीवन में कैसे बनी रही?
उत्तर देखेंगिल्लू की मृत्यु के बाद भी उसकी स्मृति लेखिका के हृदय में जीवित रही। खिड़की की जाली के पास नई गिलहरियों की चिक-चिक, सोनजुही की पीली कलियाँ उसे बार-बार गिल्लू की याद दिलातीं। लेखिका को विश्वास था कि गिल्लू किसी फूल में पुनः खिल उठा है।

8. गिल्लू के जीवन से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर देखेंगिल्लू के जीवन से हमें सीख मिलती है कि स्नेह और संवेदना से किसी भी प्राणी को बचाया जा सकता है। छोटा-सा जीव भी गहरा स्नेह और लगाव दिखा सकता है। यह कथा मनुष्य और जीव-जंतुओं के बीच आत्मीय संबंध का संदेश देती है।

9. गिल्लू का लेखिका के जीवन में क्या महत्व रहा?
उत्तर देखेंगिल्लू केवल एक गिलहरी नहीं था, बल्कि लेखिका का साथी, स्नेहिल मित्र और संवेदनाओं का सहचर था। उसने लेखिका की बीमारी में परिचारिका का काम किया, साथ ही उनके अकेलेपन को भर दिया। गिल्लू उनके जीवन में भावनात्मक आधार और सुख-दुःख का सहभागी बना।

10. ‘गिल्लू’ कहानी को आप किस श्रेणी में रखेंगे और क्यों?
उत्तर देखें‘गिल्लू’ कहानी संवेदनशील आत्मकथात्मक रचना है, जो जीव-जंतुओं के प्रति करुणा, प्रेम और सहानुभूति की भावना जगाती है। इसमें एक गिलहरी और लेखिका के गहरे संबंध का चित्रण है। कहानी केवल पशु-प्रेम की नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं की अनूठी मिसाल भी है।

कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 1 गिल्लू के लिए दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।

कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर

1. गिल्लू और लेखिका के बीच गहरे भावनात्मक संबंध का चित्रण कीजिए।
उत्तर देखेंगिल्लू और लेखिका का संबंध मात्र एक पालतू जीव और स्वामी का नहीं था, बल्कि माँ और बच्चे जैसा आत्मीय व भावनात्मक था। जब गिल्लू घायल अवस्था में मिला, तब सबने कहा कि वह जीवित नहीं रहेगा, पर लेखिका ने हार नहीं मानी और उसे प्रेम व देखभाल से स्वस्थ कर दिया। धीरे-धीरे गिल्लू ने लेखिका की ओर गहरा विश्वास और लगाव प्रकट किया। वह उनके साथ थाली के पास बैठकर खाना खाता, उनकी अनुपस्थिति में भोजन कम करता और बीमारी के समय तकिए पर बैठकर सिरहाने उनकी सेवा करता। यहाँ तक कि मरते समय भी उसने उनकी उँगली पकड़कर विदा ली। लेखिका भी उसे नन्हा साथी मानकर डलिया में झूला बनाकर रखती और उसकी आदतों पर आश्चर्य करतीं। गिल्लू की चंचलता और प्रेमपूर्ण स्वभाव ने लेखिका के जीवन में स्नेह और संवेदनाओं की मधुर धारा प्रवाहित की। इस प्रकार यह संबंध असाधारण आत्मीयता का प्रतीक है।

2. गिल्लू की जीवन यात्रा और उसके व्यवहार का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर देखेंगिल्लू का जीवन संघर्ष और स्नेह से भरा रहा। वह घायल अवस्था में लेखिका को मिला और उनकी सेवा-संवेदना से धीरे-धीरे स्वस्थ हुआ। छोटा-सा जीव होते हुए भी उसमें अद्भुत समझदारी थी। वह परदे पर चढ़कर लेखिका का ध्यान आकर्षित करता, भूख लगने पर चिक-चिक करके सूचना देता, और लिफ़ाफ़े में बैठकर भी भोजन करता। काजू उसका सबसे प्रिय भोजन था। गर्मियों में वह सुराही पर लेटकर ठंडक पाता। जब लेखिका ने उसे स्वतंत्रता दी, तब भी वह दिन भर बाहर रहकर समय पर लौट आता और उनके पास बैठकर प्रेम जताता। लेखिका की बीमारी के समय उसने परिचारिका की तरह सेवा की और अंत समय में उनकी उँगली पकड़कर प्राण त्यागे। इस प्रकार गिल्लू का जीवन छोटा होते हुए भी प्रेम, लगाव और संवेदनाओं से परिपूर्ण रहा, जिसने लेखिका के जीवन को गहराई से प्रभावित किया।

3. गिल्लू के जीवन से हमें कौन-सी शिक्षाएँ मिलती हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखेंगिल्लू का जीवन हमें अनेक महत्वपूर्ण शिक्षाएँ देता है। सबसे पहले यह कि संवेदना और स्नेह किसी भी प्राणी के जीवन को बचा सकते हैं। यदि लेखिका ने गिल्लू को मरने के लिए छोड़ दिया होता तो उसका जीवन आरंभ में ही समाप्त हो जाता, पर उनकी देखभाल से वह स्वस्थ हुआ। दूसरी शिक्षा यह है कि छोटा-सा जीव भी मनुष्य के प्रति आत्मीयता और विश्वास व्यक्त कर सकता है। गिल्लू ने लेखिका की अनुपस्थिति में भोजन न करना, बीमारी में सेवा करना और समय पर लौटकर पास बैठना इस बात का प्रमाण है। तीसरी शिक्षा यह है कि स्वतंत्रता प्रत्येक प्राणी के लिए आवश्यक है, क्योंकि गिल्लू को जब जाली का कोना खोला गया तो उसने मुक्त होकर प्रकृति से जुड़ने का अवसर पाया, फिर भी अपने प्रियजन के पास लौटता रहा। गिल्लू का जीवन हमें पशु-प्रेम, करुणा और सहजीवन का गहरा संदेश देता है।

4. ‘गिल्लू’ कहानी को संवेदनशील रचना क्यों कहा जाता है? विस्तार से समझाइए।
उत्तर देखें‘गिल्लू’ कहानी को संवेदनशील रचना इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें मनुष्य और जीव-जंतुओं के बीच गहरे आत्मीय संबंध और करुणा का चित्रण है। लेखिका ने घायल गिलहरी को मरने नहीं दिया और मातृसुलभ देखभाल से उसे नया जीवन दिया। गिल्लू ने भी मनुष्य की भावनाओं को समझा और आत्मीयता से उनका साथ निभाया। वह उनकी थाली के पास बैठकर भोजन करता, अनुपस्थिति में भोजन कम करता और बीमारी के समय परिचारिका की तरह सेवा करता। कहानी का सबसे मार्मिक दृश्य वह है जब गिल्लू मरते समय लेखिका की उँगली पकड़कर सदा के लिए सो गया। लेखिका ने उसे सोनजुही की लता के नीचे समाधि दी और उसकी स्मृति फूलों व गिलहरियों की चिक-चिक में जीवित रखी। इस प्रकार यह कहानी पशु-प्रेम और मानवीय संवेदना की उत्कृष्ट मिसाल है, जो पाठकों के हृदय को गहराई से छू लेती है।

5. लेखिका ने गिल्लू की स्मृति को किस रूप में जीवित माना है? विस्तार से लिखिए।
उत्तर देखेंगिल्लू की मृत्यु ने लेखिका को गहरे शोक में डुबो दिया, परंतु उन्होंने उसकी स्मृति को जीवनदायी रूप में अनुभव किया। गिल्लू को सोनजुही की लता के नीचे दफनाया गया, क्योंकि वही स्थान उसे सबसे प्रिय था। लेखिका को विश्वास था कि वसंत आने पर सोनजुही की पीली कलियों में गिल्लू का पुनर्जन्म होता है और वह फूलों के रूप में उन्हें चौंकाने आता है। खिड़की की जाली पर नई गिलहरियों की चिक-चिक भी उन्हें गिल्लू की उपस्थिति का आभास कराती रही। इस प्रकार गिल्लू केवल एक स्मृति न रहकर प्रकृति और जीवन का प्रतीक बन गया। लेखिका की संवेदनशील दृष्टि ने उसे मृत्युपरांत भी जीवित अनुभव किया। यह दृष्टिकोण बताता है कि सच्चा प्रेम और लगाव मृत्यु से परे भी जीवित रहता है और स्मृतियों में जीवन का उत्सव बना रहता है।

लेखिका का गिल्लू से रिश्ता

यह अध्याय गिल्लू नामक एक गिलहरी के प्यारे रिश्ते के इर्द-गिर्द घूमता है। लेखिका एक दयालु और जिज्ञासु होने के कारण एक गिलहरी से दोस्ती करती हैं वह उसकी चंचल हरकतों से मोहित हो जाती हैं। इस अध्याय में यह दोस्ती एक केंद्रीय विषय बन जाता है, जो बचपन के बंधन की मासूमियत और पवित्रता का प्रतीक है।

महादेवी वर्मा का लेखन कुशलतापूर्वक गिल्लू की दुनिया की बारीकियों को उजागर करता है क्योंकि वह गिलहरी को देखती हैं, बातचीत करती हैं और अंततः उससे मूल्यवान जीवन सबक सीखती हैं। इस अध्याय के माध्यम से, छात्रों को न केवल एक मनोरम कहानी से अवगत कराया जाता है, बल्कि उन्हें सहानुभूति, दोस्ती और प्रकृति की सुंदरता का महत्व भी सिखाया जाता है।

कक्षा 9 के हिंदी अध्याय 1 गिल्लू के महत्वपूर्ण शब्द

जैसे-जैसे छात्र कक्षा 9 में संचयन के अध्याय 1 गिल्लू में गहराई से उतरते हैं, वे न केवल एक आकर्षक कथा का आनंद लेते हैं, बल्कि कहानी कहने की दुनिया और मानव-पशु संबंधों के गहरे प्रभाव के बारे में भी जानकारी प्राप्त करते हैं। यह अध्याय छात्रों के लिए हिंदी साहित्य की समृद्ध दुनिया का पता लगाने और कक्षा की सीमाओं से परे महत्वपूर्ण मूल्यों को आत्मसात करने के लिए एक उत्कृष्ट आधार के रूप में कार्य करता है।


कक्षा 9 के हिंदी अध्याय 1 गिल्लू में कई महत्वपूर्ण शब्द और अवधारणाएँ हैं जिन्हें छात्रों को अध्याय के सार को समझने के लिए सीखना और समझना चाहिए। इस अध्याय से कुछ प्रमुख शब्द और अवधारणाएँ इस प्रकार हैं: कहानी का केंद्रीय पात्र, गिल्लू एक गिलहरी जो लिखिका से दोस्ती करता है और उसके साथ घनिष्ठ मित्रता का संबंध बनाता है। यह अध्याय लेखिकाऔर गिलहरी के बीच विकसित होने वाली गहरी और मासूम दोस्ती की पड़ताल करता है। इन नियमों और अवधारणाओं को समझने से छात्रों की कक्षा 9 के हिंदी अध्याय 1 गिल्लू की समझ बढ़ेगी और वे कहानी में बताए गए गहरे विषयों और भावनाओं की सराहना करने में सक्षम होंगे।

गिल्लू, महादेवी वर्मा द्वारा लिखी गई एक हृदयस्पर्शी कहानी

कक्षा 9 हिंदी अध्याय 1 गिल्लू, प्रसिद्ध हिंदी लेखिका महादेवी वर्मा द्वारा लिखी गई एक हृदयस्पर्शी कहानी है। इस अध्याय में, पाठक कई महत्वपूर्ण विषय और पाठ सीखते हैं: अध्याय का केंद्रीय विषय मित्रता है। महादेवी वर्मा गिल्लू, एक गिलहरी, के साथ एक प्यारी और गहरी दोस्ती बनाती हैं। यह अध्याय मनुष्यों और जानवरों के बीच विकसित होने वाले बंधन को खूबसूरती से चित्रित करता है, ऐसे रिश्तों की पवित्रता और मासूमियत पर जोर देता है।


कहानी बचपन की मासूमियत के सार को दर्शाती है। लेखिका की बचपन की जिज्ञासा, करुणा और गिलहरी के लिए खिलौने बनाने जैसी साधारण चीजों में खुशी ढूंढने की क्षमता बचपन की मासूमियत और आश्चर्य को दर्शाती है। गिल्लू लेख प्रकृति की सुंदरता को उजागर करता है। प्राकृतिक दुनिया से गिलहरी का जुड़ाव पर्यावरण के संरक्षण और सराहना के महत्व की याद दिलाता है।

अध्याय उस भावनात्मक लगाव की पड़ताल करता है जो व्यक्तियों और उनके पशु साथियों के बीच विकसित हो सकता है। गिलहरी के प्रति लेखिका का गहरा प्रेम और चिंता इस बात का मार्मिक उदाहरण है कि इस तरह के लगाव हमारे जीवन पर कितना गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। गिल्लू पुरानी यादों के विषय पर प्रकाश डालता है। लेखिका गिलहरी के साथ बिताए गए समय को बड़े चाव से याद करती हैं, यह दर्शाता है कि कैसे पोषित यादें हमारे साथ रह सकती हैं और हमारे बड़े होने पर भी हमें खुशी दे सकती हैं।

गिल्लू कहानी का जीवन में सबक

गिलहरी के लिए खिलौने और कागज के पंख बनाने में लेखिका की रचनात्मकता कल्पना शक्ति और संसाधनशीलता को दर्शाती है, ये गुण व्यक्तिगत विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। अध्याय में हास्य शामिल है, विशेषकर लेखिका की गिलहरी के साथ बातचीत में। यह कहानी में एक हल्का और आनंददायक तत्व जोड़ता है।


जबकि कहानी मुख्य रूप से दोस्ती और मासूमियत के बारे में है, यह मूल्यवान जीवन सबक भी प्रदान करती है। यह हमें अपने रिश्तों को महत्व देना और उनका पोषण करना, छोटी-छोटी चीजों में खुशी ढूंढना और प्रकृति की सुंदरता की सराहना करना सिखाता है।

कुल मिलाकर गिल्लू कोई साधारण कहानी नहीं है; यह मानव स्वभाव और हमारे आस-पास की दुनिया के गहरे पहलुओं का प्रतिबिंब है। यह पाठकों को अपने भीतर के बच्चे से जुड़ने, उनके द्वारा बनाए गए बंधनों की सराहना करने और प्राकृतिक दुनिया की सुंदरता को संजोने के लिए प्रोत्साहित करता है। अध्याय की भावनात्मक गहराई और सार्वभौमिक विषय इसे सभी उम्र के छात्रों और पाठकों के लिए एक यादगार और विचारोत्तेजक पाठ बनाते हैं।

कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 1 गिल्लू
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 1