एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 7 नेताजी का चश्मा
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 7 नेताजी का चश्मा (स्वयं प्रकाश) के NCERT समाधान सत्र 2025-26 में छात्रों के लिए बेहद मददगार हैं। पाठ के सभी प्रश्नों के उत्तर बड़ी ही सरल भाषा में लिखे गए हैं। इनसे विद्यार्थी कहानी का मुख्य संदेश आसानी से समझ सकते हैं। सभी उत्तर नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार बनाए गए हैं। ये समाधान विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए हैं। इनसे परीक्षा की तैयारी में काफी सहायता मिलती है।
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज पाठ 7 MCQ
कक्षा 10 हिंदी सभी अध्यायों के उत्तर
नेताजी का चश्मा कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 7 के प्रश्न उत्तर
1. सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?
उत्तर देखेंसेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन कहते थे क्योंकि लोग उनकी देश-प्रेम की भावना से प्रभावित थे। नगरपालिका ने कस्बे के चौराहे पर नेताजी की मूर्ति लगाई थी। शायद मूर्तिकार नेताजी का चश्मा लगाना भूल गया था। चश्में वाले को जब पता चला तो उन्हें दुःख हुआ। उन्होंने नेताजी की मूर्ति को चश्मा पहना दिया और जब तक जीवित रहे तब तक पहनाते रहे।
2. हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा-
(क) हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे?
उत्तर देखें(क) कैप्टन की मृत्यु का समाचार सुनकर हालदार साहब मायूस हो गए थे। क्योंकि वे नेताजी की मूर्ति को बिना चश्में के नहीं देख सकते थे। इसलिए उन्होंने चौराहे पर गाड़ी न रोकने के लिए कहा था।
(ख) मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?
उत्तर देखेंहालदार साहब जब चौराहे के पास पहुँचे तो न चाहते हुए भी उनकी नजर नेताजी की मूर्ति की ओर उठी तो उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं था। मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा चढ़ा हुआ था। हालदार साहब यह देखकर प्रसन्न हुए और मन में विचार आया कि आज के बच्चे कल देश के भविष्य हैं। उन्हें अब कभी भी नेताजी की मूर्ति बिना चश्में के देखने को नहीं मिलेगी।
(ग) हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे?
उत्तर देखेंनेताजी की मूर्ति पर ब्बच्चों द्वारा बनाया सरकंडे का चश्मा देखकर हालदार साहब भावुक हो गए। उन्हें लग रहा था कि कैप्टन की मृत्यु के बाद अब कोई नेताजी मूर्ति पर चश्मा नहीं लगाएगा। यही सोचकर ड्राईवर से कस्बे के चौराहे पर रुकने से मना कर दिया था। सरकंडे का चश्मा देखकर उनकी आँखों में आँसू आ गए थे और उन्होंने नाम आँखों से नेताजी को प्रणाम किया।
3. आशय स्पष्ट कीजिए-
“बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-जिदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है।“
उत्तर देखेंउपरोक्त कथन से लेखक का आशय यह है कि देश में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो उन लोगों पर हंसते हैं जो देश की रक्षा में अपना सब कुछ यहाँ तक कि जान भी कुर्बान देते हैं। ऐसे लोग अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए देश का अहित करने से भी नहीं चूकते।
4. पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर देखेंपानवाले की दुकान चौराहे पर नेताजी की मूर्ति के सामने थी। वह एक काला मोटा और खुशमिजाज आदमी था। उसकी आँखें गोल-गोल लेकिन हास्यपूर्ण थी। शरीर पर गोल-मटोल तोंद थी जो उसके हंसने पर हिलने लगती थी। ज्यादा पान के सेवन से बतीसी भी लाल-काली हो गयी थी। पान वाले के पास सभी की पूरी जानकारी रहती थी जिसे पूछने पर वह बड़े रसीले अंदाज में बयान करता था।
5. “वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!” कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।
उत्तर देखेंहालदार साहब के मन में नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगाने वाले के प्रति आदर था जब उन्होंने सुना कि चश्मा लगाने वाला कोई कैप्टन है तो लगा कि शायद कोई नेताजी का साथी होगा। लेकिन पान वाले ने मजाक उड़ाते हुए कहा “कि साहब वह लंगडा फ़ौज में कैसे क्या जा सकता है।“
मेरे विचार में पान वाले द्वारा कैप्टन का मजाक उड़ाना उचित नहीं था। एक वही इंसान था जिसके मन में स्वतन्त्रता सेनानियों के प्रति आदर था। पान वाले के मन में देश और सेनानियों के प्रति समान नहीं था। जो लोग केवल अपना स्वार्थ देखते हैं वो देश के लिए के लिए कुछ नहीं कर सकते उन्हें दूसरों के अच्छे कार्यों की हंसी उड़ाने का कोई अधिकार नहीं है।
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 7 रचना और अभिव्यक्ति
6. निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं-
(क) हालदार साहब हमेशा चौराहे पर रुकते और नेताजी को निहारते।
उत्तर देखेंहालदार साहब हमेशा चौराहे पर रुकते थे क्योंकि उनके मन में नेताजी के प्रति समान की भावना थी। उन्हें नेताजी की मूर्ति से प्रेरणा मिलती कि देश की सेवा के लिए यदि जान भी कुर्बान करनी पड़े तो भी पीछे नहीं हटना चाहिए।
(ख) पानवाला उदास हो गया। उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सिर झुकाकर अपनी धोती के सिरे से आँखें पोंछता हुआ बोला-साहब! कैप्टन मर गया।
उत्तर देखेंपान वाली की एक आदत थी, वह जब भी किसी से बाट करता तो पहले मुँह का पान नीचे थूकता था। कैप्टन के मरने से पानवाला दुखी था। इसलिए, उसने धोती के सिरे से आँसू पोछते हुए हालदार साहब को कैप्टन के मरने का समाचार सुनाया।
(ग) कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगा देता था।
उत्तर देखेंमूर्तिकार नेताजी की मूर्ति का चश्मा बनाना भूल गया था। चश्मेवाले के मन में नेताजी के प्रति आदरभाव था। इसलिए, वह जब भी देखता कि नेताजी की मूर्ति बिना चश्में की है तो तुरंत अपनी ओर से चश्मा लगा देता था। इससे पता चलता है कि चश्मेवाला के मन में देश और स्वतन्त्रता सेनानियों प्रति सम्मान की भावना थी।
7. जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात् देखा नहीं था तब तक उनके मानस पटल पर उसका कौन-सा चित्र रहा होगा, अपनी कल्पना से लिखिए।
उत्तर देखेंजब तक हालदार साहब ने कैप्टन को नहीं देखा था उनके मन में कैप्टन की छवि एक रौबदार फ़ौजी जिसकी लम्बी मूंछे, रौबदार चेहरा और गठीला बदन की रही होगी। जिसकी चाल और व्यवहार में अनुशासन है। व्यक्तित्व ऐसा जिसे देखकर दूसरा प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता। एक फ़ौजी की जैसी छबि होती है वही कैप्टन के प्रति हालदार के मन में थी।
8. कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी न किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है-
(क) इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?
उत्तर देखेंकस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी न किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने से उस जगह से गुजरने वाले लोग मूर्ति में छिपे व्यक्तित्व को जानने का प्रयास करते हैं। उनके अच्छे गुणों से प्रेरणा ग्रहण करते हैं। नौजवान पीढ़ी के लोग भी देश के प्रति अपने कर्तव्यों को जानने की प्रेरणा महापुरुषों की जीवनी से ले सकते हैं।
(ख) आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर देखेंमैं अपने इलाके के चौराहे पर सरदार बल्ल्लभभाई पटेल की प्रतिमा लगानी चाहेंगे। देश की स्वतन्त्रता प्राप्ति में उनका बड़ा योगदान था। स्वतंत्रता के बाद देश के पहले गृहमंत्री के रूप में देशभर में बिखरी रियासतों का देश में विलय कराने का श्रेय पटेल जी को ही जाता है।
(ग) उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?
उत्तर देखेंचौराह पर स्थापित मूर्ति के प्रति हम सबके बहुत सारे उत्तरदायित्व हैं जैसे उस स्थल की साफ़-सफाई का ध्यान रखना, साल में एक बार उसका रंग-रोगन करवाना, जन्म जयन्ती पर उत्सव का आयोजन आदि बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
9. सीमा पर तैनात फ़ौजी ही देश-प्रेम का परिचय नहीं देते। हम सभी अपने दैनिक कार्यों में किसी न किसी रूप में देश-प्रेम प्रकट करते हैं जैसे-सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुँचाना, पर्यावरण संरक्षण आदि। अपने जीवन-जगत से जुड़े ऐसे और कार्यों का उल्लेख कीजिए और उन पर अमल भी कीजिए।
उत्तर देखेंदेश के प्रति प्रत्येक नागरिक का कुछ कर्तव्य हैं जिनका निर्वाह सभी को ईमानदारी से करना चाहिए। जैसे- पर्यावरण संरक्षण के अंतर्गत वनों को आग एवं कटने से बचाना, पानी की फिजूलखर्ची को रोकना, नदी और तालाबों को प्रदूषित होने से बचाना, देश की संपति को क्षति नहीं पहुंचाना तथा दूसरों को ऐसा करने से रोकना।
10. निम्नलिखित पंक्तियों में स्थानीय बोली का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है, आप इन पंक्तियों को मानक हिदी में लिखिए- कोई गिराक आ गया समझो। उसको चौड़े चौखट चाहिए। तो कैप्टन किदर से लाएगा? तो उसको मूर्तिवाला दे दिया। उदर दूसरा बिठा दिया।
उत्तर देखेंइन पंक्तियों को मानक हिन्दी में इस तरह से लिख सकते हैं: जैसे कोई ग्राहक आता है। उसको चौड़े फ्रेम वाला चश्मा चाहिए। कैप्टन कहाँ सेलाएगा तो मूर्ति पर लगा चश्मा उतारकर ग्राहक को दे दिया और वहाँ दूसरा लगा देता है।
11. ‘भई खूब! क्या आइडिया है।’ इस वाक्य को ध्यान में रखते हुए बताइए कि एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्दों के आने से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर देखेंदूसरी भाषाओं के कुछ ऐसे शब्द होते हैं जो स्थानीय भाषा में ज्यादा प्रचलित होते हैं। कई बार उनके प्रयोग से भाषा ज्यादा प्रभावपूर्ण और समझने में आसान होती है। ऊपर लिखे वाक्य में बहुत भाषाओं का प्रयोग किया गया है। इससे वाक्य ज्यादा आसान व असरकारक प्रतीत होता है।
भाषा-अध्ययन
12. निम्नलिखित वाक्यों से निपात छाँटिए और उनसे नए वाक्य बनाइए-
(क) नगरपालिका थी तो कुछ न कुछ करती भी रहती थी।
(ख) किसी स्थानीय कलाकार को ही अवसर देने का निर्णय किया गया होगा।
(ग) यानी चश्मा तो था लेकिन संगमरमर का नहीं था।
(घ) हालदार साहब अब भी नहीं समझ पाए।
(ङ) दो साल तक हालदार साहब अपने काम के सिलसिले में उस कस्बे से गुजरते रहे।
उत्तर देखें(क) भी: दुकान पर जा रहे हो तो मेरा भी एक सामान लेते आना।
(ख) ही: शिक्षा ही मानव का सच्चा धन है।
(ग) यानी: स्कूल गया तो था लेकिन आज पढ़ाई नहीं हुई।
(घ) भी: जो बात मैं कह रहा हूँ आपके समझ में अब भी नहीं आ रही है।
(ङ) तक: शाम होने तक अपने सभी कार्य निपटा देने चाहिए।
13. निम्नलिखित वाक्यों को कर्मवाच्य में बदलिए –
(क) वह अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से नेताजी की मूर्ति पर फिट कर देता है।
(ख) पानवाला नया पान खा रहा था।
(ग) पानवाले ने साफ़ बता दिया था।
(घ) ड्राइवर ने जोर से ब्रेक मारे।
(ङ) नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया।
(च) हालदार साहब ने चश्मेवाले की देशभक्ति का सम्मान किया।
उत्तर देखें(क) उसके द्वारा अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से नेताजी की मूर्ति पर फिट कर दिया जाता था।
(ख) पानवाले के द्वारा नया पान खाया जा रहा था।
(ग) पानवाले के द्वारा साफ़ बता दिया गया था।
(ङ) नेताजी के द्वारा देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया गया था।
(च) हालदार साहब द्वारा चश्मेवाले की देशभक्ति का सम्मान किया गया था।
14. नीचे लिखे वाक्यों को भाववाच्य में बदलिए-
जैसे-अब चलते हैं। -अब चला जाए।
(क) माँ बैठ नहीं सकती।
(ख) मैं देख नहीं सकती।
(ग) चलो, अब सोते हैं।
(घ) माँ रो भी नहीं सकती।
उत्तर देखें(क) माँ से बैठा नहीं जाता।
(ख) मुझसे देखा नहीं जाता।
(ग) चलो, अब सोया जाए।
(घ) माँ से रोया भी नहीं जाता।
पाठेतर सक्रियता
• लेखक का अनुमान है कि नेताजी की मूर्ति बनाने का काम मजबूरी में ही स्थानीय कलाकार को दिया गया-
(क) मूर्ति बनाने का काम मिलने पर कलाकार के क्या भाव रहे होंगे?
उत्तर देखेंलेखक के अनुसार शायद नगरपालिका का बजट कम रहा होगा जिससे उन्होंने सोचा कि स्थानीय कलाकार को काम देने से खर्च कम होगा। इसी कारण स्थानीय मूर्तिकार को चुना गया गया। मूर्तिकार के मन में विचार आया होगा कि नगरपालिका उसके काम को प्रोत्साहित करना चाहती है। इसलिए, उसने रात-दिन लगकर एक महीने के अन्दर मूर्ति का निर्माण पूरा कर लिया।
(ख) हम अपने इलाके के शिल्पकार, संगीतकार, चित्रकार एवं दूसरे कलाकारों के काम को कैसे महत्त्व और प्रोत्साहन दे सकते हैं, लिखिए।
उत्तर देखेंहम अपने इलाके के शिल्पकार, संगीतकार, चित्रकार एवं दूसरे कलाकारों के काम को महत्त्व और प्रोत्साहन दे सकते हैं जैसे स्थानीय या व्यक्तिगत स्तर पर कोई भी कार्य हो तो वह इन्हीं लोगों द्वारा करवाया जाए। उनके द्वारा किये गए कार्य की सराहना भी की जानी चाहिए। अच्छे कार्य के लिए समय-समय पर पुरस्कृत भी किया जाना चाहिए।
• आपके विद्यालय में शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण विद्यार्थी हैं। उनके लिए विद्यालय परिसर और कक्षा-कक्ष में किस तरह के प्रावधान किए जाएँ, प्रशासन को इस संदर्भ में पत्र द्वारा सुझाव दीजिए।
उत्तर देखेंसेवा में,
दिनांक: 22 अक्टूबर, 2025
प्रधानाचार्य
तिवारी माध्यमिक अकादमी, नई दिल्ली
महोदय,
निवेदन है कि हमारे विद्यालय में बहुत से छात्र शारीरिक रूप से विकलांग हैं जिस कारण उन्हें प्रथम व द्वितीय तल पर बनी कक्षाओं में जाने समस्या का सामना करना पड़ता है। महोदय से निवेदन है कि ऐसे छात्रों की कक्षा की व्यवस्था भूतल पर किया जाए। सभी आपके आभारी रहेंगे।
धन्यवाद
भवदीय
अनंत तिवारी
कक्षा 10
• कैप्टन फेरी लगाता था।
फेरीवाले हमारे दिन-प्रतिदिन की बहुत-सी जरूरतों को आसान बना देते हैं। फेरीवालों के योगदान व समस्याओं पर एक संपादकीय लेख तैयार कीजिए।
उत्तर देखेंआमतौर पर कस्बों और मोहल्लों की गलियों में फेरीवालों को आवाज लगाते सुन सकते हैं। इनमें से कुछ सब्जी बेचने वाले, फल बेचने वाले, रोजमर्रा की जरुरत के सामान आदि वाले होते हैं। इनसे एक सुविधा हो जाती है कि इन चीजों को खरीदने के लिए समय को बरबाद नहीं करना पड़ता। बचे हुए समय को दूसरे उपयोगी कार्यों में लगा सकते हैं। जहां इनके होने से कुछ कार्य आसान हो जाते हैं वहीं कई बार ये लोग समस्या का कारण भी बन जाते हैं। लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर महंगे दाम पर सामान बेचना, घटिया वस्तुएं बेचना आदि। इनमें से कुछ लोग अपराधिक प्रवृति के भी होते हैं। जो बंद घरों में चोरी आदि भी कर लेते हैं। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि इनको पहचान पत्र जारी किये जाएँ तथा सामान की भी एक निर्धारित सूची होनी चाहिए।
• नेताजी सुभाषचंद्र बोस के व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक प्रोजेक्ट बनाइए।
उत्तर देखेंप्रोजेक्ट कार्य – नेताजी सुभाषचंद्र बोस
(कक्षा 10 – हिंदी)
► प्रस्तावना: नेताजी सुभाषचंद्र बोस भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सबसे साहसी और क्रांतिकारी नेताओं में गिने जाते हैं। उनका जीवन संघर्ष, त्याग और देशभक्ति का प्रतीक है। उन्होंने “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा” जैसे ओजस्वी नारे से युवाओं में जोश भर दिया।
► प्रारंभिक जीवन
जन्म – 23 जनवरी 1897, कटक (ओडिशा)
पिता – जानकीनाथ बोस (प्रसिद्ध वकील)
माता – प्रभावती देवी
वे पढ़ाई में तेज, अनुशासित और देशभक्ति से ओत-प्रोत थे।
उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद इंग्लैंड में ICS की परीक्षा पास की, पर ब्रिटिश सरकार की नौकरी ठुकरा दी।
► राजनीतिक योगदान
1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े।
1938 और 1939 में कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए।
महात्मा गांधी की अहिंसा की नीति का सम्मान करते हुए भी उन्होंने सशस्त्र क्रांति के पक्ष में विचार रखे।
► आज़ाद हिन्द फ़ौज की स्थापना
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान की सहायता से आज़ाद हिन्द फ़ौज का गठन किया।
सेना का उद्देश्य ब्रिटिश शासन को सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से समाप्त करना था।
उन्होंने सैनिकों को “जय हिन्द” और “दिल्ली चलो” जैसे नारों से प्रेरित किया।
► व्यक्तित्व की विशेषताएँ
साहसी, निडर और दूरदर्शी नेता।
अनुशासनप्रिय और दृढ़ निश्चयी।
अद्भुत वक्ता और संगठक।
कठिन परिस्थितियों में भी हार न मानने वाला स्वभाव।
► प्रमुख नारे
“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा।”
“जय हिन्द।”
“दिल्ली चलो।”
► निधन
18 अगस्त 1945 को ताइवान में विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु होने की बात कही जाती है, परंतु इस पर अब भी रहस्य बना हुआ है।
► नेताजी का जीवन हमें सिखाता है कि सच्चे देशभक्त अपने लक्ष्य के लिए किसी भी कठिनाई से नहीं डरते। उनका त्याग और बलिदान हमेशा देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा।
• अपने घर के आस-पास देखिए और पता लगाइए कि नगरपालिका ने क्या-क्या काम करवाए हैं? हमारी भूमिका उसमें क्या हो सकती है?
उत्तर देखेंमेरे घर के आस-पास नगरपालिका ने कई काम करवाए हैं। हाल ही में सड़कों की मरम्मत की गई है और गड्ढे भरे गए हैं। जगह-जगह नए स्ट्रीट लाइट लगाए गए हैं जिससे रात में रोशनी रहती है और रास्ता सुरक्षित लगता है। कूड़े के लिए हरे और नीले रंग के डस्टबिन लगाए गए हैं, साथ ही सफाई कर्मचारी रोज़ सुबह आकर कचरा इकट्ठा करते हैं। नालियों की सफाई और पानी की पाइपलाइन की मरम्मत भी करवाई गई है।
हमारी भूमिका यह हो सकती है कि:
• हम कचरा इधर-उधर न फैलाएँ और उसे डस्टबिन में डालें।
• पानी और बिजली का अनावश्यक इस्तेमाल न करें।
• गंदगी या टूट-फूट दिखने पर नगरपालिका को सूचित करें।
• पौधे लगाकर और उनकी देखभाल करके वातावरण को साफ़ रखें।
इस तरह हम भी अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 7 अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
हालदार साहब कस्बे से क्यों गुजरते थे?
उत्तर देखेंकंपनी के काम के सिलसिले में हर पंद्रहवें दिन उन्हें उस कस्बे से गुजरना पड़ता था।
कस्बे की नगरपालिका क्या-क्या काम करती थी?
उत्तर देखेंसड़कें पक्की करवाना, पेशाबघर बनवाना, कबूतरों की छतरी बनवाना और कवि सम्मेलन आयोजित करना।
मूर्ति किसकी थी और कहाँ लगाई गई?
उत्तर देखेंनेताजी सुभाषचंद्र बोस की संगमरमर की मूर्ति कस्बे के मुख्य बाजार के चौराहे पर लगाई गई थी।
मूर्ति बनाने का काम किसे दिया गया?
उत्तर देखेंकस्बे के हाई स्कूल के ड्राइंग मास्टर (मान लीजिए मोतीलाल जी) को यह काम सौंपा गया।
मूर्ति की विशेषता क्या थी?
उत्तर देखेंमूर्ति सुंदर थी पर नेताजी की आँखों पर पत्थर का चश्मा नहीं था; असली चश्मा पहनाया गया था।
हालदार साहब ने पहली बार मूर्ति देखकर क्या प्रतिक्रिया दी?
उत्तर देखेंउनके चेहरे पर कौतुकभरी मुसकान आई और उन्होंने “मूर्ति पत्थर की, चश्मा रियल” का आइडिया ठीक बताया।
दूसरी बार मूर्ति में क्या बदलाव दिखा?
उत्तर देखेंचश्मा बदल गया था—पहले चौकोर मोटे फ्रेमवाला था, अब तार के फ्रेमवाला गोल चश्मा था।
कैप्टन कौन था?
उत्तर देखेंएक बूढ़ा, लँगड़ा फेरीवाला जो चश्मे बेचता था और मूर्ति पर चश्मा लगाता था।
कैप्टन मूर्ति का चश्मा क्यों बदलता था?
उत्तर देखेंजब किसी ग्राहक को मूर्ति पर लगा चश्मा चाहिए होता, तो वह उसे दे देता और बाद में दूसरा चश्मा लगा देता।
मूर्ति पर मूल चश्मा क्यों नहीं था?
उत्तर देखेंमूर्तिकार मास्टर मोतीलाल पत्थर में पारदर्शी चश्मा बनाना भूल गए या असफल रहे।
पानवाले ने कैप्टन के बारे में क्या बताया?
उत्तर देखेंउसने कहा कि कैप्टन पागल है, लँगड़ा है और फौज में नहीं जा सकता।
एक बार मूर्ति पर चश्मा क्यों नहीं था?
उत्तर देखेंकैप्टन की मृत्यु हो गई थी, इसलिए कोई चश्मा नहीं लगा पाया।
हालदार साहब ने कैप्टन की मृत्यु पर क्या सोचा?
उत्तर देखेंवे दुखी हुए और सोचा कि जो देशभक्तों का मजाक उड़ाती है, वह कौम खतरे में है।
आखिरी बार मूर्ति पर कैसा चश्मा था?
उत्तर देखेंसरकंडे से बना छोटा चश्मा था, जैसा बच्चे बनाते हैं।
हालदार साहब ने अंत में क्या प्रतिक्रिया दी?
उत्तर देखेंउनकी आँखें भर आईं और वे मूर्ति के सामने सावधान मुद्रा में खड़े हो गए।
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 7 लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
कस्बे और मूर्ति का वर्णन कीजिए।
उत्तर देखेंकस्बा छोटा था: कुछ पक्के मकान, एक बाजार, दो स्कूल, एक सीमेंट कारखाना, दो सिनेमाघर और एक सक्रिय नगरपालिका। नगरपालिका ने चौराहे पर नेताजी की संगमरमर की बस्ट (टोपी से कोट बटन तक) लगवाई, जो सुंदर थी पर चश्मेविहीन थी।
मूर्ति पर चश्मा न होने का कारण क्या था?
उत्तर देखेंमूर्तिकार मास्टर मोतीलाल (स्थानीय ड्राइंग टीचर) ने महीने में मूर्ति बनाने का वादा किया था। संभवतः पत्थर में पारदर्शी चश्मा बनाने में असफल रहा, या बनाना भूल गया या वह टूट गया। इसलिए असली चश्मा लगाया गया।
हालदार साहब की मूर्ति के प्रति धारणा कैसे बदली?
उत्तर देखेंपहली बार वे मजाकिया नजरिए से देखते हैं। धीरे-धीरे कैप्टन की देशभक्ति से प्रभावित होकर मूर्ति का सम्मान करने लगते हैं। अंत में कैप्टन की मृत्यु पर दुखी होते हैं और बच्चों द्वारा बनाए चश्मे से भावुक हो जाते हैं।
कैप्टन का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर देखेंकैप्टन एक बूढ़ा, लँगड़ा, मरियल फेरीवाला था। सिर पर गांधी टोपी और काले चश्मे वाला। वह नेताजी की बिना चश्मेवाली मूर्ति से आहत होता था, इसलिए अपने दुकान के चश्मे उन पर लगा देता था। पानवाले के अनुसार वह “पागल” था।
कैप्टन मूर्ति का चश्मा कैसे बदलता था?
उत्तर देखेंजब कोई ग्राहक उसी तरह का चश्मा मांगता जो मूर्ति पर लगा था, तो कैप्टन वह चश्मा ग्राहक को दे देता। बाद में वह अपनी दुकान से दूसरा चश्मा लाकर मूर्ति पर लगा देता। इस तरह चश्मा बदलता रहता।
पानवाले का मूर्ति और कैप्टन के प्रति क्या नजरिया था?
उत्तर देखेंपानवाला मजाकिया स्वभाव का था। वह कैप्टन को “पागल” और “लँगड़ा” कहकर उसका मजाक उड़ाता था। हालदार साहब के देशभक्ति के विचारों को वह गंभीरता से नहीं लेता था।
कैप्टन की मृत्यु का मूर्ति और हालदार साहब पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर देखेंकैप्टन की मृत्यु के बाद मूर्ति बिना चश्मे के रह गई। हालदार साहब गहरा दुख महसूस करते हैं और देशभक्ति के प्रति लोगों की उदासीनता पर चिंता व्यक्त करते हैं।
आखिरी दृश्य में हालदार साहब भावुक क्यों हुए?
उत्तर देखेंजब उन्होंने मूर्ति पर सरकंडे का बना चश्मा देखा, तो समझ गए कि किसी बच्चे ने यह स्नेहपूर्ण कार्य किया है। यह देखकर उनकी आँखें भर आईं कि देशभक्ति की भावना अभी जीवित है।
कहानी में ‘चश्मा’ किसका प्रतीक है?
उत्तर देखेंचश्मा देशभक्ति, सामूहिक जिम्मेदारी और साधारण लोगों की भावनाओं का प्रतीक है। कैप्टन का चश्मा लगाना समर्पण दिखाता है, तो बच्चे का सरकंडे का चश्मा आशा का संकेत है।
“मास्टर बनाना भूल गया” — यह वाक्य किस संदर्भ में कहा गया?
उत्तर देखेंजब हालदार साहब ने पूछा कि मूल चश्मा कहाँ गया, तो पानवाले ने हँसकर जवाब दिया: “मास्टर (मूर्तिकार) बनाना भूल गया।” यह मूर्ति की अधूरी स्थिति और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 7 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर
कहानी के मुख्य संदेशों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर देखेंयह कहानी देशभक्ति के प्रति जनसामान्य की भावनाओं को दर्शाती है। कैप्टन जैसा साधारण व्यक्ति नेताजी की अधूरी मूर्ति को “पूरा” करके अपनी श्रद्धा व्यक्त करता है। वहीं, पानवाला उसका मजाक उड़ाकर समाज की संवेदनहीनता को दिखाता है। अंत में बच्चों द्वारा सरकंडे का चश्मा लगाना यह संकेत देता है कि देशप्रेम की भावना अगली पीढ़ी में जीवित है। कहानी हमें यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि हम अपने नायकों की स्मृति के प्रति कितने जागरूक हैं।
हालदार साहब के चरित्र का विकास कथानक के साथ कैसे होता है?
उत्तर देखेंशुरू में हालदार साहब मूर्ति को एक कौतुक की तरह देखते हैं। फिर कैप्टन द्वारा चश्मा बदलने की प्रक्रिया से वे प्रभावित होते हैं और मूर्ति के प्रति सम्मान भाव रखने लगते हैं। कैप्टन की मृत्यु पर वे समाज की विडंबना पर दुखी होते हैं, पर अंत में बच्चों द्वारा लगाए गए सरकंडे के चश्मे को देखकर भावुक हो जाते हैं। यह यात्रा उनके भीतर देशभक्ति की गहरी समझ और संवेदनशीलता का विकास दिखाती है।
“कैप्टन” चरित्र के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
उत्तर देखेंकैप्टन एक गुमनाम, शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति है, पर उसमें नेताजी के प्रति अगाध श्रद्धा है। वह अपनी छोटी-सी दुकान के चश्मों से मूर्ति को “पूर्ण” करता है। लेखक दिखाता है कि देशभक्ति बड़े कारनामों तक सीमित नहीं—साधारण लोगों की छोटी-छोटी कोशिशें भी महत्वपूर्ण हैं। कैप्टन की मृत्यु के बाद मूर्ति का बिना चश्मे के रह जाना यह इंगित करता है कि ऐसे निस्वार्थ लोगों के अभाव में समाज की नैतिक ऊर्जा कमजोर पड़ती है।
कहानी का अंत क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर देखेंअंत में सरकंडे के चश्मे के माध्यम से लेखक एक आशावादी संदेश देता है। जब कैप्टन जैसा व्यक्ति नहीं रहा, तो किसी बच्चे ने मासूमियत से मूर्ति पर चश्मा लगाकर यह दिखाया कि देशप्रेम की भावना नई पीढ़ी में जीवित है। हालदार साहब का भावुक होना इस बात का प्रतीक है कि ऐसे छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव की उम्मीद जगाते हैं। यह दृश्य कहानी को विषाद से उम्मीद की ओर मोड़ देता है।
“नेताजी का चश्मा” समाज की किन विडंबनाओं को उजागर करता है?
उत्तर देखेंकहानी समाज की कई विडंबनाओं को दर्शाती है:
प्रशासनिक लापरवाही: नगरपालिका बजट के अभाव में एक अयोग्य मूर्तिकार से मूर्ति बनवाती है।
संवेदनहीनता: पानवाला कैप्टन की देशभक्ति का मजाक उड़ाता है।
व्यावसायिक स्वार्थ: मूर्ति पर लगा चश्मा ग्राहकों की मांग पर हटा दिया जाता है।
उपेक्षा: कैप्टन की मृत्यु के बाद कोई मूर्ति पर चश्मा लगाने की जहमत नहीं उठाता।
इन सबके बीच कैप्टन का समर्पण और बच्चों की मासूम पहल यह दिखाती है कि सच्ची भावनाएँ सामूहिक उदासीनता को चुनौती देती हैं।