एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 संस्कृति
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 संस्कृति (भदंत आनंद कौसल्यायन) के NCERT समाधान (सत्र 2025-26) विद्यार्थियों के लिए विशेष लाभकारी हैं। पाठ के सभी प्रश्नों के उत्तर सरल एवं सटीक तरीके से दिए गए हैं। इनसे विद्यार्थी पाठ को सही ढंग से समझ सकते हैं। सभी उत्तर नवीनतम पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। ये समाधान अनुभवी शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए हैं। परीक्षा की तैयारी में इनसे बहुत मदद मिलती है।
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज पाठ 12 MCQ
कक्षा 10 हिंदी सभी अध्यायों के उत्तर
संस्कृति कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 के प्रश्न उत्तर
1. लेखक की दृष्टि में ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ की सही समझ अब तक क्यों नहीं बन पाई है?
उत्तर देखेंलेखक के अनुसार लोग अपनी रुढियों और परम्पराओं में इतने ज्यादा बंधे हुए हैं कि संसार में होने वाले परिवर्तन को आत्मसात नहीं कर पाते और दूसरी संस्कृतियों के अच्छे क्रिया-कलाप, विचारों को भी अपना नहीं पाते हैं। इसी संकुचित मानसिकता के कारण सभ्यता और संस्कृति के लोक कल्याणकारी स्वरुप को पीछे छोड़ देते हैं। समाज कहीं धर्मों में बंटा है, कहीं जातियों में विभाजित है।
2. आग की खोज एक बहुत बड़ी खोज क्यों मानी जाती है? इस खोज के पीछे रही प्रेरणा के मुख्य स्रोत क्या रहे होंगे?
उत्तर देखेंसभ्यता के विकास में आग की खोज एक बहुत बड़ी खोज इसलिए मानी जाती है क्योंकि इससे मनुष्य की जीवन शैली और खानपान में बहुत बदलाव आया। शायद आग की खोज की प्रेरणा मानव को उदर ज्वाला से मिली हो। इस आविष्कार से मानव के अनेक कार्यों में सुगमता हो गयी। भोजन को पकाकर खा सकता है, ठण्ड लगने पर गर्मी पैदा कर सकता है, अँधेरा होने पर उजाला फैला सकता है। इसके अतिरिक्त उजाला और आग के भय से जंगली जानवर भी पास नहीं आते। आज इसी आग से अनेक प्रकार के कल-कारखाने चलाये जाते हैं।
3. वास्तविक अर्थों में ‘संस्कृत व्यक्ति’ किसे कहा जा सकता है?
उत्तर देखेंलेखक के अनुसार पाठ संस्कृति के आधार पर ‘संस्कृत व्यक्ति’ उसे कहा जा सकता है, जिसकी योग्यता, बुद्धि, विवेक, प्रेरणा उसे किसी नए तथ्य के दर्शन करवाती है। उसका यह कार्य स्वयं के लिए नहीं बल्कि मानव मात्र के कल्याण के लिए होता है। एक संस्कृत व्यक्ति की सोच और कार्य मानवता के भलाई के लिए होते हैं। उसका प्रयास रहता है कि उसके कार्य से किसी का अहित न हो।
4. न्यूटन को संस्कृत मानव कहने के पीछे कौन से तर्क दिए गए हैं? न्यूटन द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों एवं ज्ञान की कई दूसरी बारीकियों को जानने वाले लोग भी न्यूटन की तरह संस्कृत नहीं कहला सकते, क्यों?
उत्तर देखेंन्यूटन ने गुरफ़त्वाकर्षण के सिद्धांत का आविष्कार किया। वह संस्कृत मानव था। आज के युग का भौतिक विज्ञान का विद्यार्थी न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण से परिचित तो है ही; लेकिन उसके साथ उसे और भी अनेक बातों का ज्ञान प्राप्त है। जिनसे शायद न्यूटन अपरिचित रहा होगा। इन सबके बावजूद भी हम आज के भौतिक विज्ञान के विद्यार्थी को न्यूटन की अपेक्षा अधिक सभ्य भले ही कह सकते हैं; लेकिन न्यूटन जितना संस्कृत नहीं कह सकते। ये लोग न्यूटन के आविष्कार का सहारा लेकर ही उसे भिन्न-भिन्न प्रकार से प्रयोग में लाते हैं।
5. किन महत्त्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुई-धागे का आविष्कार हुआ होगा?
उत्तर देखेंपहले लोग ठण्ड से बचने के लिए पेड़ के पत्तों से शरीर को ढकते थे। उन्हें लगा होगा पत्तों के जो खुला हुआ भाग है वह भी आपस में जुड़ जाता तो और भी अच्छा हो जाता। शायद इसी आवश्यकता ने सुई-धागे के आविष्कार के लिए प्रेरित किया होगा। सुई-धागे का आविष्कार भी आग की तरह ही एक बड़ा और बुनियादी आविष्कार था। सुई और धागे की सहायता से कपड़े के दो टुकडों को एकसाथ जोड़ा जा सकता है। आज इसका व्यापक उपयोग देखने को मिलता है।
6. “मानव संस्कृति एक अविभाज्य वस्तु है।“ किन्हीं दो प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जब –
(क) मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की गईं।
(ख) जब मानव संस्कृति ने अपने एक होने का प्रमाण दिया।
उत्तर देखेंइतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण देखने को मिलेंगे जब मानव संस्कृति को धर्म, जाति और रंगभेद के नाम पर विभाजित करने की चेष्टा की गई। इसके विपरीत ऐसे भी मौके आये हैं जब मानवता को जोड़ने के प्रयास हुए हैं। इनके उदाहरण निम्नलिखित है:
(क) मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की गईं।
आजादी मिलाने के साथ ही हिंदुस्तान धर्म के नाम पर दो भागों में विभाजित हो गया। यद्यपि दोनों समुदायों के बीच कुछ मतभेद थे लेकिन राजनीतिक महत्वकांक्षी लोगों ने इसे इतना बढ़ा दिया कि इसकी परिणीति देश के विभाजन के रूप में सामने आया। जिसमें जान और माल बहुत बड़ी क्षति हुई।
(ख) जब मानव संस्कृति ने अपने एक होने का प्रमाण दिया।
मजदूरों के साथ एकत्व दिखाने के लिए कार्ल मार्क्स ने अपना सारा जीवन दुःख में बिताया। दूसरा उदाहरण 2001 में गुजरात के कच्छ में आये भूकंप का है। गुजरात भूकंप में हिंदू-मुस्लिम का भेद मिटाकर सबने सहायता की।
7. आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) मानव की जो योग्यता उससे आत्म-विनाश के साधनों का आविष्कार कराती है, हम उसे उसकी संस्कृति कहें या असंस्कृति?
उत्तर देखेंलेखक के अनुसार एक संस्कृत मनुष्य वही हो सकता है जिसका चिंतन सर्व का हित हो। उसके किये गए कार्यों से मानवता का कल्याण हो तथा सभ्यता आगे बढ़े। मानव की वह योग्यता जो उसे आत्म-विनाश के साधनों का आविष्कार करने के लिए प्रेरित करती है उसकी संस्कृति नहीं हो सकती है। संस्कृति की परिणीति ही सभ्यता है न कि उसका विनाश। विनाशकारी साधनों का आविष्कार हमारी संस्कृति के अनुरूप नहीं है। यह असंस्कृति का प्रतीक है।
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 रचना और अभिव्यक्ति
8. लेखक ने अपने दृष्टिकोण से सभ्यता और संस्कृति की एक परिभाषा दी है। आप सभ्यता और संस्कृति के बारे में क्या सोचते हैं, लिखिए।
उत्तर देखेंसंस्कृति मानवता का मूल है। एक इंसान की संस्कृति कैसी है वह उसके कर्म और विचारों से परिलक्षित होती है। इस प्रकार जो ज्ञान, कर्म और चिंतन हमारे कर्मों को श्रेष्ठ बनाते हैं वही संस्कृति है। अच्छे समाज का निर्माण का आधार भी संस्कृति ही है। सभ्यता का विकास संस्कृति के आधार पर निर्भर है। जो समाज सांस्कृतिक रूप से उन्नत होगा उसकी सभ्यता भी उतनी ही अधिक उन्नत और विकसित होगी।
भाषा-अध्ययन
9. निम्नलिखित सामासिक पदों का विग्रह करके समास का भेद भी लिखिए –
गलत-सलत – आत्म-विनाश
महामानव – पददलित
हिदू-मुसलिम – यथोचित
सप्तर्षि – सुलोचना
उत्तर:
सामासिक पद | विग्रह | समास का भेद |
---|---|---|
गलत-सलत | गलत ही गलत | अव्ययीभाव समास |
आत्म-विनाश | आत्मा का विनाश | तत्पुरुष समास |
महामानव | महान है जो मानव | कर्मधारय समास |
पददलित | पद से दलित | तत्पुरुष समास |
हिदू-मुस्लिम | हिंदू और मुस्लिम | द्वन्द समास |
यथोचित | जैसा उचित हो | अव्ययीभाव समास |
सप्तर्षि | सात ऋषियों का समूह | द्विगु समास |
सुलोचना | सुन्दर हैं लोचन जिसके | बहुव्रीहि समास |
पाठेतर सक्रियता
• ‘स्थूल भौतिक कारण ही आविष्कारों का आधार नहीं है।’ इस विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।
उत्तर देखेंवाद–विवाद प्रतियोगिता
विषय: “स्थूल भौतिक कारण ही आविष्कारों का आधार नहीं है”
► संयोजक का आरंभिक वक्तव्य: “माननीय प्रधानाचार्य, आदरणीय शिक्षकगण एवं प्रिय सहपाठियो! आज की वाद–विवाद प्रतियोगिता का विषय है—‘स्थूल भौतिक कारण ही आविष्कारों का आधार नहीं है।’ इस विषय पर हमारे विद्यालय के मेधावी छात्र–छात्राएँ अपने विचार रखेंगे। आइए, पहले सुनते हैं पक्ष के वक्ता को।”
✦ पक्ष (समर्थन में)
• ज्ञान-पिपासा और जिज्ञासा – मानव हमेशा से केवल भूख या ठंड से बचने के लिए ही आविष्कार नहीं करता। आकाश के तारों को देखकर उनकी गति जानने की जिज्ञासा ने ही खगोलशास्त्र को जन्म दिया।
• मानवता और करुणा – रोगी के इलाज की खोज केवल धन या पेट की भूख से प्रेरित नहीं थी, बल्कि दूसरों के जीवन बचाने की करुणा से हुई।
• आध्यात्मिक प्रेरणा – बुद्ध ने त्याग करके मानवता के कल्याण के लिए नया मार्ग दिखाया। यह किसी भौतिक कारण से नहीं, बल्कि आध्यात्मिक प्रेरणा से उपजा आविष्कार था।
• महान आविष्कारकों की सोच – न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत, आइंस्टीन का सापेक्षता सिद्धांत—ये सब केवल भौतिक कारणों से नहीं, बल्कि ज्ञान की असीम चाह से उत्पन्न हुए।
इसलिए, स्थूल भौतिक कारण आविष्कारों का आधार भर हो सकते हैं, लेकिन उनका वास्तविक स्रोत जिज्ञासा, करुणा और कल्याणकारी संस्कृति है।
✦ विपक्ष (विरोध में)
• प्रारंभिक आविष्कार भौतिक ज़रूरतों से ही हुए – आग का आविष्कार भूख मिटाने के लिए, सुई-धागे का आविष्कार कपड़े पहनने के लिए। यानी आधार तो पेट और तन ही थे।
• सुविधा की खोज – पहिया, घर, औज़ार—सबका मूल कारण जीवन को आसान बनाना था। यानी भौतिक आवश्यकताएँ ही जननी रहीं।
• भौतिक कारण ही प्रेरणा देते हैं – अगर भूख, प्यास, सुरक्षा और आराम की ज़रूरत न होती, तो आविष्कार करने की प्रेरणा कहाँ से आती?
• आधुनिक उदाहरण – मोबाइल फोन, इंटरनेट, दवाईयाँ—इनका मूल आधार भी भौतिक आवश्यकताएँ ही थीं।
अतः आविष्कारों की असली नींव स्थूल भौतिक कारण ही हैं, बाकी बातें द्वितीयक हैं।
► संयोजक का समापन: “धन्यवाद विद्यार्थियो! दोनों पक्षों ने अपने विचार स्पष्ट किए। पक्ष ने दिखाया कि ज्ञान-पिपासा, करुणा और त्याग भी आविष्कारों का आधार हैं, जबकि विपक्ष ने बताया कि आविष्कारों की जड़ भौतिक आवश्यकताओं में ही है। अब निर्णायक मंडल बताएगा कि इस प्रतियोगिता में विजयी कौन रहा।”
• उन खोजों और आविष्कारों की सूची तैयार कीजिए जो आपकी नजर में बहुत महत्त्वपूर्ण हैं?
उत्तर देखें► महत्वपूर्ण खोजें
• आग की खोज – भोजन पकाने, रोशनी और सुरक्षा के लिए।
• पहिए की खोज – यातायात और मशीनों का आधार।
• लिपि और भाषा की खोज – विचारों और ज्ञान को सुरक्षित रखने का साधन।
• शून्य (0) की खोज – गणित और विज्ञान की उन्नति का मूल।
• गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत (न्यूटन) – आधुनिक भौतिकी की नींव।
• डीएनए की संरचना की खोज – जीवन और अनुवांशिकी को समझने में क्रांति।
• विद्युत की खोज – आधुनिक सभ्यता का आधार।
• पेनिसिलिन की खोज (एलेक्ज़ेंडर फ़्लेमिंग) – चिकित्सा जगत में सबसे बड़ा परिवर्तन।
• एक्स-रे और रेडियम की खोज – चिकित्सा निदान और उपचार में वरदान।
• सापेक्षता का सिद्धांत (आइंस्टीन) – विज्ञान और तकनीक में नए आयाम खोले।
► महत्वपूर्ण आविष्कार
• कृषि उपकरण – हल और सिंचाई पद्धति ने स्थायी जीवन बसाया।
• मुद्रण यंत्र (गुटेनबर्ग) – ज्ञान का प्रसार पूरे विश्व में संभव हुआ।
• भाप इंजन – औद्योगिक क्रांति का आधार।
• बिजली का बल्ब (एडिसन) – जीवन को रोशन करने वाला आविष्कार।
• टेलीफ़ोन (ग्राहम बेल) – संचार में क्रांति।
• रेडियो और टेलीविज़न – सूचना और मनोरंजन का नया युग।
• कंप्यूटर – आधुनिक युग की सबसे बड़ी उपलब्धि।
• इंटरनेट – पूरी दुनिया को एक नेटवर्क में जोड़ा।
• विमान (राइट बंधु) – हवाई यात्रा का मार्ग खोला।
• अंतरिक्ष यान और उपग्रह – ब्रह्मांड को समझने और तकनीक में आगे बढ़ने का साधन।
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
संस्कृति और सभ्यता में मूल अंतर क्या है?
उत्तर देखेंसंस्कृति वह आंतरिक योग्यता है जो नवाचार करती है (जैसे आविष्कार की प्रेरणा), जबकि सभ्यता उसका भौतिक परिणाम है (जैसे आग या सुई का आविष्कार)।
आग के आविष्कार में संस्कृति का क्या रूप था?
उत्तर देखेंआग का आविष्कार करने की मानव की मानसिक योग्यता, प्रवृत्ति या प्रेरणा ही संस्कृति थी।
न्यूटन को “संस्कृत” क्यों कहा गया?
उत्तर देखेंक्योंकि उसने गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत स्वयं खोजा, जबकि आज का विद्यार्थी उसे विरासत में पाकर सिर्फ “सभ्य” है।
तारों को देखकर जिज्ञासु व्यक्ति कैसे संस्कृति का प्रतीक है?
उत्तर देखेंवह भौतिक सुखों से परे ज्ञानेप्सा से प्रेरित है, जो संस्कृति की उच्चतम अभिव्यक्ति है।
सभ्यता के उदाहरण क्या हैं?
उत्तर देखेंखाने-पीने के तरीके, वस्त्र, यातायात के साधन और युद्ध के तरीके सभ्यता के उदाहरण हैं।
“संस्कृत व्यक्ति” की क्या पहचान है?
उत्तर देखेंजो स्वयं नए तथ्यों की खोज करता है, न कि उन्हें विरासत में पाता है।
पेट भरा होने पर भी तारों के बारे में सोचना क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर देखेंयह दर्शाता है कि संस्कृति भौतिक आवश्यकताओं से ऊपर ज्ञानेप्सा से जन्म लेती है।
लेनिन या कार्ल मार्क्स के कार्यों में संस्कृति कैसे दिखती है?
उत्तर देखेंदूसरों के कल्याण हेतु स्वयं त्याग करने की प्रेरणा भी संस्कृति का हिस्सा है।
संस्कृति के कल्याण से नाता टूटने का परिणाम क्या होगा?
उत्तर देखेंऐसी संस्कृति “असंस्कृति” बन जाएगी और उसका परिणाम “असभ्यता” होगी।
मानव संस्कृति को “अविभाज्य” क्यों कहा गया?
उत्तर देखेंक्योंकि उसमें ज्ञानेप्सा, नैतिकता और भौतिक प्रेरणाएँ सभी सम्मिलित हैं, जो अलग नहीं की जा सकतीं।
संतान को पूर्वजों से प्राप्त चीजों से क्या मिलता है?
उत्तर देखेंसंतान को सभ्यता (भौतिक उपलब्धियाँ) मिलती है, संस्कृति (खोज की क्षमता) नहीं।
सुई-धागे के आविष्कार में संस्कृति क्या थी?
उत्तर देखेंकपड़े सीने की समस्या को हल करने की मानसिक प्रेरणा या योग्यता।
संस्कृति की श्रेष्ठता का मापदंड क्या है?
उत्तर देखेंजितनी परिष्कृत संस्कृति, उतना ही महान आविष्कर्ता।
“असंस्कृति” किसे कहा गया है?
उत्तर देखेंजब संस्कृति कल्याणकारी भावना से विमुख होकर विनाश के साधन बनाए।
पाठ के अनुसार सभ्यता क्या नहीं है?
उत्तर देखेंवह “कूड़े-करकट का ढेर” नहीं है जिसे रक्षणीय समझा जाता है, बल्कि गतिशील परिणाम है।
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
संस्कृति और सभ्यता को समझाने के लिए आग के आविष्कार का उदाहरण कैसे दिया गया?
उत्तर देखेंआग का आविष्कार करने की मानव की मानसिक क्षमता (योग्यता, प्रेरणा) संस्कृति है। इस क्षमता के परिणामस्वरूप जो आग का आविष्कार हुआ, वह भौतिक उत्पाद सभ्यता है। इस प्रकार, संस्कृति कारण है और सभ्यता उसका प्रभाव।
न्यूटन और आधुनिक विद्यार्थी में संस्कृति-सभ्यता का अंतर कैसे दिखता है?
उत्तर देखेंन्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत स्वयं खोजा, अतः वह “संस्कृत” है। आधुनिक विद्यार्थी उसे विरासत में पाकर न्यूटन से अधिक ज्ञान रखता है, इसलिए वह अधिक “सभ्य” है, परंतु “संस्कृत” नहीं, क्योंकि उसने स्वयं खोज नहीं की।
तारों को देखकर व्याकुल मानव संस्कृति का क्या प्रतीक है?
उत्तर देखेंयह मानव भौतिक सुखों (पेट भरा होना, तन ढँका होना) से संतुष्ट होकर भी जिज्ञासा से प्रेरित है। यह ज्ञानेप्सा, जो किसी भौतिक प्रेरणा से उत्पन्न नहीं हुई, संस्कृति की शुद्धतम अभिव्यक्ति है और विज्ञान के विकास का मूल कारण बनी।
त्याग और सेवा के उदाहरण (लेनिन, मार्क्स, बुद्ध) संस्कृति से कैसे जुड़े हैं?
उत्तर देखेंदूसरों के लिए स्वयं का त्याग करना भी संस्कृति का हिस्सा है। यह भौतिक या ज्ञानपरक प्रेरणा नहीं, बल्कि मानवीय करुणा एवं नैतिक चेतना से उपजता है। इससे सिद्ध होता है कि संस्कृति का दायरा केवल आविष्कारों तक सीमित नहीं है।
पाठ के अनुसार संस्कृति के विभिन्न रूप क्या हैं?
उत्तर देखेंसंस्कृति तीन रूपों में प्रकट होती है:
भौतिक आवश्यकताओं से उपजी प्रेरणा (जैसे आग या वस्त्र का आविष्कार)।
ज्ञानेप्सा (जैसे तारों के रहस्य जानने की इच्छा)।
नैतिक या परोपकारी भावना (जैसे दूसरों के लिए त्याग करना)।
“संस्कृति असंस्कृति कब बन जाती है?” पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखेंजब संस्कृति कल्याणकारी भावना से विमुख होकर विनाश के साधनों के निर्माण में लग जाती है (जैसे आत्म-विनाश के हथियार बनाना), तो वह “असंस्कृति” बन जाती है। ऐसी विकृत संस्कृति का परिणाम असभ्यता ही होती है।
संस्कृति और सभ्यता में संबंध को सुई-धागे के उदाहरण से समझाइए।
उत्तर देखेंसुई-धागे का विचार आने की मानसिक प्रक्रिया (कपड़े जोड़ने की समस्या का समाधान खोजना) संस्कृति है। इस विचार के कार्यरूप में परिणत होने से जो सुई-धागा बना, वह सभ्यता है। अतः संस्कृति आंतरिक शक्ति है, सभ्यता उसका बाह्य रूप।
“सभ्यता संस्कृति का परिणाम है”— पाठ के उदाहरणों से इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर देखेंजब संस्कृति (आंतरिक योग्यता) किसी नए विचार को जन्म देती है, तो उसका भौतिक अवतार सभ्यता बनता है। जैसे न्यूटन की संस्कृति (गुरुत्वाकर्षण की खोज) ने भौतिक विज्ञान की सभ्यता को आगे बढ़ाया। इसी प्रकार आग या सुई का आविष्कार संस्कृति का परिणामी सभ्यता रूप है।
पाठ में “संस्कृत व्यक्ति” और “सभ्य व्यक्ति” में क्या भेद बताया गया है?
उत्तर देखेंसंस्कृत व्यक्ति वह है जो स्वयं नवाचार करता है, नए सत्य को खोजता है (जैसे आग का आविष्कारकर्ता या न्यूटन)। सभ्य व्यक्ति वह है जो उन आविष्कारों या ज्ञान को विरासत में पाकर उनका उपयोग करता है (जैसे आधुनिक मानव जो आग या गुरुत्वाकर्षण के नियम जानता है)।
लेखक के अनुसार, संस्कृति की स्थायी विशेषता क्या है?
उत्तर देखेंसंस्कृति का वही अंश स्थायी है जो कल्याणकारी है। अकल्याणकर संस्कृति (जैसे विनाश के साधन) अस्थायी होती है, क्योंकि वह मानवता के हित के विरुद्ध है। इसलिए सच्ची संस्कृति सदैव प्रज्ञा (बुद्धिमत्ता) और मैत्री (सद्भाव) से जुड़ी होती है।
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 12 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर
पाठ के आधार पर संस्कृति और सभ्यता की परिभाषा एवं अंतर स्पष्ट कीजिए। उदाहरणों सहित समझाइए।
उत्तर देखेंसंस्कृति मानव की वह आंतरिक योग्यता, प्रवृत्ति या प्रेरणा है जो उसे नए विचारों, आविष्कारों या मूल्यों की खोज के लिए प्रेरित करती है। यह मानसिक शक्ति है, जैसे— आग का आविष्कार करने की कल्पना या तारों के रहस्य जानने की जिज्ञासा। सभ्यता संस्कृति के परिणामस्वरूप निर्मित भौतिक उत्पादों, तकनीकों या सामाजिक व्यवस्थाओं का समूह है, जैसे— आग, सुई-धागा, वस्त्र या गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत।
अंतर: संस्कृति कारण (आंतरिक शक्ति) है, सभ्यता प्रभाव (बाह्य अभिव्यक्ति)। जो व्यक्ति स्वयं खोजता है वह “संस्कृत” है, जो विरासत में पाता है वह “सभ्य” है। उदाहरणार्थ, न्यूटन संस्कृत था क्योंकि उसने स्वयं गुरुत्वाकर्षण खोजा; आज का विद्यार्थी सभ्य है क्योंकि वह उस ज्ञान का उपयोगकर्ता है।
“संस्कृति का संबंध केवल भौतिक आवश्यकताओं से नहीं है।” पाठ के आधार इस कथन की विवेचना कीजिए।
उत्तर देखेंपाठ स्पष्ट करता है कि संस्कृति की जड़ें भौतिक आवश्यकताओं (जैसे भूख, सुरक्षा) से अधिक गहरी हैं। उदाहरणतः आग या सुई का आविष्कार भौतिक प्रेरणा से हुआ, किंतु तारों के प्रति जिज्ञासा या दूसरों के लिए त्याग (जैसे बुद्ध, मार्क्स, लेनिन के कार्य) संस्कृति के उच्चतर रूप हैं। ये भावनाएँ— ज्ञानेप्सा, करुणा, नैतिकता— मानव की आंतरिक संस्कृति को दर्शाती हैं। लेखक के अनुसार, भौतिक सुखों से ऊपर उठकर जो मानव सत्य की खोज या परोपकार में लगा रहता है, वही वास्तव में “संस्कृत” है। अतः संस्कृति का दायरा व्यापक है: यह भौतिक अविष्कारों, बौद्धिक जिज्ञासा और नैतिक मूल्यों तीनों को समेटती है।
संस्कृति के कल्याण से विमुख होने के खतरे क्या हैं? पाठ के अनुसार “असंस्कृति” और “असभ्यता” की अवधारणा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखेंपाठ के अनुसार, जब संस्कृति कल्याणकारी भावना से कट जाती है, तो वह “असंस्कृति” में बदल जाती है। इसका सीधा संबंध उन नवाचारों से है जो विनाश को बढ़ावा देते हैं, जैसे— आत्म-विनाश के हथियारों का आविष्कार। ऐसी विकृत संस्कृति का अपरिहार्य परिणाम “असभ्यता” है, जहाँ मानवता भौतिक उन्नति के बावजूद नैतिक पतन की ओर अग्रसर होती है। लेखक चेतावनी देता है कि सभ्यता के नाम पर ऐसे “कूड़े-करकट के ढेर” (विनाशक तकनीकों) को थामना व्यर्थ है, क्योंकि वे मानव के अस्तित्व के लिए खतरा हैं। सच्ची संस्कृति वही है जो प्रज्ञा (ज्ञान) और मैत्री (सद्भाव) से जुड़कर कल्याण का मार्ग प्रशस्त करे।
“मानव संस्कृति एक अविभाज्य वस्तु है।” पाठ के संदर्भ में इस कथन का भावार्थ समझाइए।
उत्तर देखेंयह कथन बताता है कि संस्कृति के विभिन्न पहलू— भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति, ज्ञानेप्सा, और नैतिक मूल्य— एक दूसरे से अलग नहीं किए जा सकते। ये सभी मानव चेतना की समग्र अभिव्यक्तियाँ हैं। उदाहरणार्थ, वही संस्कृति जो आग का आविष्कार कराती है, तारों के रहस्य जानने की जिज्ञासा भी जगाती है और दूसरों के लिए त्याग की भावना भी पैदा करती है। लेखक के अनुसार, इनमें से केवल कल्याणकारी तत्व (ज्ञान, करुणा) ही स्थायी हैं, न कि अकल्याणकर (विनाश)। अतः संस्कृति को किसी एक खाँचे में सीमित करना गलत है; यह मानव की समग्र प्रेरणा, रचनात्मकता एवं नैतिकता का समन्वय है जो उसे सभ्यता के विकास में सहायक बनाती है।
पाठ में वर्णित उदाहरणों (आग, सुई, न्यूटन, तारों को देखना, त्याग) के माध्यम से संस्कृति की बहुआयामी प्रकृति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखेंपाठ संस्कृति की बहुआयामी प्रकृति को विविध उदाहरणों से स्पष्ट करता है:
भौतिक आवश्यकता से उत्पन्न संस्कृति: आग का आविष्कार (पेट की ज्वाला) या सुई-धागे का निर्माण (शीत/शरीर सज्जा)। यहाँ संस्कृति समस्याओं का समाधान खोजने की योग्यता है।
ज्ञानेप्सा से उत्पन्न संस्कृति: तारों के रहस्य जानने की जिज्ञासा। यह भौतिक सुखों से ऊपर की मानसिक प्रेरणा है, जो विज्ञान का आधार बनी।
नैतिक प्रेरणा से उत्पन्न संस्कृति: लेनिन का रोटी का त्याग, मार्क्स या बुद्ध का जीवन समर्पण। यह परोपकार की भावना है, जो मानवता के कल्याण हेतु स्वार्थ से ऊपर उठती है।
इन उदाहरणों से सिद्ध होता है कि संस्कृति एक ही समय में आविष्कारक शक्ति, बौद्धिक जिज्ञासा और नैतिक चेतना का समुच्चय है, जो मानव को सभ्यता के पथ पर अग्रसर करती है।