एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 विज्ञान जिज्ञासा अध्याय 5 लंबाई एवं गति का मापन
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 विज्ञान जिज्ञासा अध्याय 5 लंबाई एवं गति का मापन के प्रश्न उत्तर, अभ्यास के सभी सवाल जवाब शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। इस अध्याय में लंबाई और गति के मापन की विधियों पर चर्चा की गई है। विद्यार्थी सरल भाषा में दिए गए हल के माध्यम से इन महत्वपूर्ण अवधारणाओं को आसानी से समझ सकते हैं।
कक्षा 6 विज्ञान जिज्ञासा अध्याय 5 एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 6 विज्ञान जिज्ञासा अध्याय 5 लंबाई एवं गति का मापन के प्रश्न उत्तर
कक्षा 6 विज्ञान जिज्ञासा अध्याय 5 लंबाई एवं गति का मापन का परिचय
मापन हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकी आवश्यकता हर क्षेत्र में पड़ती है, चाहे वह वस्त्र खरीदने का मामला हो या खेत की लंबाई मापने का। इस अध्याय की शुरुआत दीपा नाम की एक लड़की से होती है, जो अपने स्कूल के लिए नई वर्दी लेने जाती है। दुकान में कपड़े की लंबाई मापने के लिए मापन छड़ और फीते का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से दीपा और उसके दोस्त मापन के महत्व और इसके सही तरीके को समझते हैं। वे यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि शरीर के अंगों से मापन करना कितना सटीक हो सकता है।
शरीर के अंगों से मापन: एक अनुभव
दीपा और उसके दोस्तों ने सोचा कि शरीर के अंगों से मापन करना कितना सटीक हो सकता है। उन्होंने अपने हाथों की चौड़ाई से मापन करने की कोशिश की। यह प्रक्रिया उन्हें मजेदार लगी, लेकिन जब उन्होंने मापन के परिणामों की तुलना की, तो पाया कि हर किसी के माप में भिन्नता थी। इसका कारण यह था कि हर किसी के हाथ की चौड़ाई अलग-अलग होती है। इस अनुभव से उन्हें समझ में आया कि मापन के लिए एक मानक मात्रक की आवश्यकता होती है, ताकि मापन का परिणाम सटीक हो सके और सभी के लिए एक समान हो।
मानक मात्रक: मापन में सटीकता
इस अध्याय में हम यह जान सकेंगे कि किस प्रकार प्राचीन समय में विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग मापन मात्रक उपयोग किए जाते थे, जिससे भ्रम पैदा होता था। समय के साथ, मापन के लिए एक मानक मात्रक प्रणाली विकसित की गई, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया गया। आज, मापन के लिए मीटर (m) को मानक मात्रक माना जाता है। इसके साथ ही सेंटीमीटर (cm) और मिलीमीटर (mm) का भी उपयोग किया जाता है। इस प्रणाली का उपयोग करके मापन में सटीकता और एकरूपता सुनिश्चित की जाती है।
सही मापन विधि: मापन में सावधानी
मापन करते समय कुछ सावधानियाँ बरतना जरूरी है। पैमाने को वस्तु के साथ सही तरीके से लगाना चाहिए और मापन करते समय आँख की स्थिति भी सही होनी चाहिए। यदि पैमाना टूटा हुआ हो, तो भी उसे सही तरीके से उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए पैमाने के सही भाग को चुनकर मापन करना चाहिए और बाद में गणना करके सही माप प्राप्त करना चाहिए। इस विधि से मापन में कोई गलती नहीं होती और परिणाम सटीक होता है।
वक्र रेखा की लंबाई मापना: एक चुनौती
वक्र रेखा की लंबाई मापना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है। इसके लिए मापन फीते या धागे का उपयोग किया जाता है। धागे को वक्र रेखा के साथ रखते हुए मापा जाता है और फिर इसे सीधे करके मीटर पैमाने से उसकी लंबाई मापी जाती है। इस विधि से वक्र रेखाओं की लंबाई भी सटीकता से मापी जा सकती है, जिससे हमें विभिन्न मापन कार्यों में सुविधा होती है।
गति का मापन: स्थान और समय का संबंध
गति का मापन करते समय यह देखा जाता है कि कोई वस्तु कितनी दूरी तय कर रही है और उसे कितना समय लग रहा है। गति का मापन करते समय हमें एक संदर्भ बिंदु चुनना होता है, जिसके सापेक्ष वस्तु की स्थिति में परिवर्तन होता है। गति की विभिन्न प्रकार की गतिकाएं होती हैं, जैसे कि सरल रेखीय गति, वृताकार गति और दोलन गति। इन सभी गतिकाओं को समझने के लिए हमें मापन की सही विधि का उपयोग करना होता है।
मापन का महत्व
इस अध्याय बच्चों को यह समझाया जाता है कि मापन केवल एक तकनीकी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सही मापन से न केवल कार्य की सटीकता बढ़ती है, बल्कि यह हमें चीजों को बेहतर तरीके से समझने में भी मदद करता है। मापन का सही तरीका सीखना और उसे सही संदर्भ में उपयोग करना, शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। तिवारी अकादमी पर इस अध्याय के प्रश्न उत्तर उपलब्ध हैं, जहाँ से बच्चे अपनी समझ को और भी बेहतर कर सकते हैं।