एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 गणित मेला अध्याय 3 दोहरा शतक
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 3 गणित मेला अध्याय 3 दोहरा शतक के सवाल जवाब अभ्यास के सभी प्रश्न उत्तर शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 3 गणित पाठ 3 में संख्याओं का महत्व और उनका उपयोग सिखाया गया है। संख्याओं के जोड़-घटाव की सरल विधियों को विस्तार से समझाया गया है, जिससे छात्र अपनी गणितीय समझ को और पुख्ता कर सकें।
कक्षा 3 गणित मेला अध्याय 3 दोहरा शतक के प्रश्न उत्तर
कक्षा 3 गणित मेला अध्याय 3 के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 3 गणित मेला अध्याय 3 दोहरा शतक का परिचय
गणित मेला के अध्याय 3, दोहरा शतक, में विद्यार्थियों को संख्या प्रणाली की बुनियादी समझ दी जाती है। इस अध्याय का मुख्य उद्देश्य बच्चों को यह सिखाना है कि किस प्रकार से छोटी संख्याओं के समूह को जोड़कर बड़ी संख्याएँ बनाई जा सकती हैं। अध्याय में खेल-खेल में 100 और उससे अधिक संख्याओं का निर्माण करने के तरीके बताए गए हैं, जिससे बच्चों को गणित को समझने में रुचि पैदा हो।
संख्याओं का खेल
अध्याय की शुरुआत में, बच्चों को संख्याओं के खेल में शामिल किया जाता है, जहाँ उन्हें माचिस की तीली, बीज, और पत्थरों जैसी वस्तुओं के माध्यम से संख्याओं की गणना करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उदाहरण के लिए, 10 तीलियों के 10 समूह से 100 की संख्या बनती है। इस प्रकार के अभ्यास से बच्चे गणित की संख्यात्मक अवधारणाओं को व्यावहारिक रूप में समझते हैं और उनका गणित के प्रति आत्मविश्वास बढ़ता है।
100 के साथ जोड़ और घटाव
अध्याय में आगे बढ़ते हुए, बच्चों को यह सिखाया जाता है कि 100 के साथ जोड़ और घटाव कैसे किया जा सकता है। बच्चों से 100 के साथ विभिन्न संख्याओं को जोड़ने और 100 से घटाने के उदाहरण दिए जाते हैं। इस प्रकार के अभ्यास से बच्चे समझते हैं कि बड़ी संख्याओं का गणित कैसे किया जाता है और यह उनके मानसिक गणना कौशल को भी मजबूत करता है।
संख्या रेखा पर संख्याओं का प्रयोग
बच्चों को संख्या रेखा पर संख्याओं को दर्शाने और उनकी सही स्थिति पहचानने का कार्य भी सिखाया जाता है। संख्या रेखा का प्रयोग करके, बच्चों को यह पता चलता है कि संख्याएँ किस क्रम में होती हैं और वे कैसे एक-दूसरे से संबंधित होती हैं। इस प्रक्रिया से बच्चों की दृश्य और तार्किक समझ विकसित होती है, जो गणित के अन्य विषयों को समझने में सहायक होती है।
100 से अधिक संख्याओं का निर्माण
अध्याय में बच्चों को 100 से आगे की संख्याओं को बनाने और उन्हें समझने का भी अवसर दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर, 150, 175, और 200 जैसी संख्याओं का निर्माण कर, बच्चों को यह सिखाया जाता है कि बड़ी संख्याओं को किस प्रकार से संगठित किया जा सकता है। यह अभ्यास उनके संख्यात्मक विकास को एक नए स्तर पर ले जाता है और गणित को अधिक समझने योग्य बनाता है।
तालियों, चुटकियों और थपकियों का खेल
अध्याय में एक विशेष खेल का भी उल्लेख है, जिसमें तालियों, चुटकियों, और थपकियों के माध्यम से संख्याओं का निर्माण किया जाता है। यह खेल बच्चों को न केवल मनोरंजन प्रदान करता है, बल्कि उन्हें गणित की मूल अवधारणाओं को बिना किसी दबाव के सीखने का अवसर भी देता है। इस खेल के माध्यम से बच्चे संख्याओं की धारणा को और अधिक मज़बूती से समझ पाते हैं।
संख्या प्रणाली का महत्व
इस अध्याय में बच्चों को यह भी सिखाया जाता है कि संख्या प्रणाली का आविष्कार कैसे हुआ और यह कैसे हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह जानकारी बच्चों को गणित की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से जोड़ती है, जिससे उनकी समझ और भी गहरी हो जाती है। बच्चों को बताया जाता है कि कैसे संख्या प्रणाली ने हमारे जीवन को सरल और सुव्यवस्थित किया है।
अध्याय 3, दोहरा शतक, कक्षा 3 के बच्चों को संख्याओं की दुनिया में एक मजेदार और ज्ञानवर्धक सफ़र पर ले जाता है। इस अध्याय में प्रस्तुत गतिविधियाँ और खेल बच्चों को संख्या गणना की बुनियादी अवधारणाओं से परिचित कराते हैं और उन्हें गणित में आत्मविश्वास प्राप्त करने में मदद करते हैं। इस प्रकार के अध्याय प्राथमिक कक्षा के बच्चों के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं, क्योंकि वे बच्चों को गणित के प्रति रुचि विकसित करने में मदद करते हैं।