एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 3 रीढ़ की हड्डी
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 3 रीढ़ की हड्डी, जिसके लेखक जगदीश चंद्र माथुर हैं, सत्र 2025-26 के लिए विद्यार्थी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी पाठ्यक्रम अ के इस पाठ में समाज में व्याप्त विवाह संबंधी रूढ़ियों और स्त्रियों की स्थिति को उजागर करता है। इसमें रामस्वरूप, गोपाल प्रसाद और शंकर जैसे पात्र पुराने सोच और संकीर्ण मानसिकता का प्रतीक हैं, जबकि उमा शिक्षा, आत्मसम्मान और साहस का स्वर उठाती है। यह अध्याय पाठकों को सिखाता है कि विवाह कोई व्यापार नहीं, बल्कि समानता और सम्मान पर आधारित बंधन होना चाहिए।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका पाठ 3 के प्रश्न उत्तर
कक्षा 9 हिंदी कृतिका पाठ 3 के अति-लघु उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी कृतिका पाठ 3 के लघु उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी कृतिका पाठ 3 के दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी कृतिका पाठ 3 MCQ
अभ्यास के प्रश्न उत्तर
रीढ़ की हड्डी कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 3 के प्रश्न उत्तर
1. रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद बात-बात पर ” एक हमारा जमाना था—” कहकर अपने समय की तुलना वर्तमान समय से करते हैं। इस प्रकार की तुलना करना कहाँ तक तर्कसंगत है?
उत्तर देखेंरामस्वरूप और गोपाल प्रसाद अक्सर कहते हैं – “एक हमारा जमाना था।” वे अपने समय को मेहनती और तंदुरुस्त बताते हैं, जबकि आज की पीढ़ी को कमजोर और बिगड़ा हुआ मानते हैं। पर मुझे लगता है कि यह तुलना पूरी तरह सही नहीं है। हर जमाने की अपनी अच्छी और बुरी बातें होती हैं। पहले जीवन सरल था, अब विज्ञान और तकनीक से नए अवसर हैं। सिर्फ अतीत को बड़ा और वर्तमान को छोटा कहना ठीक नहीं। हमें दोनों से सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए।
2. रामस्वरूप का अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना और विवाह के लिए छिपाना, यह विरोधाभास उनकी किस विवशता को उजागर करता है?
उत्तर देखेंरामस्वरूप ने अपनी बेटी उमा को उच्च शिक्षा दिलवाई, क्योंकि वे चाहते थे कि वह आगे बढ़े और पढ़-लिखकर सक्षम बने। लेकिन विवाह की बात आने पर उन्होंने यही पढ़ाई छिपाई, क्योंकि समाज में अधिक पढ़ी-लिखी लड़की को पसंद नहीं किया जाता था। यह विरोधाभास उनकी उस सामाजिक विवशता को दिखाता है जिसमें माता-पिता को अपनी सोच और सपनों को दबाकर समाज की रूढ़ियों के अनुसार चलना पड़ता है।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 3 अभ्यास के प्रश्नों के हल
3. अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, वह उचित क्यों नहीं है?
उत्तर देखेंरामस्वरूप अपनी बेटी उमा से चाहते हैं कि वह सजधज कर, मुस्कुराकर, गाना गाकर और चुपचाप बैठकर केवल मेहमानों को खुश करे। यह उचित नहीं है, क्योंकि शादी कोई सामान खरीदने-बेचने जैसा सौदा नहीं है। लड़की का मूल्य सिर्फ उसकी सुंदरता या दिखावे से नहीं आँका जा सकता। हर लड़की को अपनी इच्छाओं, विचारों और सम्मान के साथ जीवनसाथी चुनने का अधिकार होना चाहिए। उमा पर ऐसा व्यवहार थोपना अन्याय और असमानता है।
4. गोपाल प्रसाद विवाह को ‘बिजनेस’ मानते हैं और रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा छिपाते हैं। क्या आप मानते हैं कि दोनों ही समान रूप से अपराधी हैं? अपने विचार लिखें।
उत्तर देखेंमेरे विचार से गोपाल प्रसाद और रामस्वरूप दोनों ही अलग-अलग रूप में दोषी हैं। गोपाल प्रसाद विवाह को ‘बिज़नेस’ मानते हैं, जिससे यह साफ़ होता है कि वे रिश्ते को पैसों और फायदे का सौदा समझते हैं। यह सोच इंसानियत और रिश्तों का अपमान है। दूसरी ओर, रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा छिपाते हैं। वे सीधे अपराधी तो नहीं लगते, पर उनकी विवशता उन्हें झूठ बोलने पर मजबूर करती है। असली अपराध समाज की उस मानसिकता का है, जो लड़कियों की पढ़ाई को बोझ और शादी में बाधा मानती है। इसलिए गोपाल प्रसाद ज़्यादा दोषी हैं, लेकिन रामस्वरूप की मजबूरी भी उन्हें गलत रास्ते पर ले जाती है।
5. “—आपके लाड़ले बेटे की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं—” उमा इस कथन के माध्यम से शंकर की किन कमियों की ओर संकेत करना चाहती है?
उत्तर देखेंउमा जब कहती है “आपके लाड़ले बेटे की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं” तो वह दरअसल शंकर की कमज़ोर और कायर प्रवृत्ति की ओर इशारा करती है। शंकर में न तो आत्मविश्वास है, न ही सच्चाई का सामना करने का साहस। वह लड़कियों के हॉस्टल के आसपास घूमकर गलत हरकतें करता है और पकड़े जाने पर नौकरानी के पैरों में गिरकर भागता है। उमा इस कथन से बताना चाहती है कि शंकर में चरित्र की मज़बूती, नैतिकता और हिम्मत की “रीढ़ की हड्डी” नहीं है।
6. शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की -समाज को कैसे व्यक्तित्व की जरूरत है? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर देखेंसमाज को उमा जैसी लड़कियों के व्यक्तित्व की ज़रूरत है, न कि शंकर जैसे लड़कों की। शंकर डरपोक, असंयमी और गैर-जिम्मेदार है, जबकि उमा पढ़ी-लिखी, आत्मसम्मानी और सच्चाई के पक्ष में बोलने वाली है। समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब उसमें साहस, ईमानदारी और आत्मसम्मान रखने वाले लोग हों। उमा जैसी लड़कियाँ रूढ़ियों को तोड़कर नई दिशा देती हैं, जबकि शंकर जैसे लोग समाज को पीछे खींचते हैं। इसलिए ज़रूरत मज़बूत और जागरूक व्यक्तित्व की है, जैसा उमा ने दिखाया।
7. ‘रीढ़ की हड्डी’ शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखें‘रीढ़ की हड्डी’ शीर्षक अत्यंत सार्थक है। यह केवल शारीरिक अंग का नाम नहीं, बल्कि साहस, आत्मसम्मान और सशक्त व्यक्तित्व का प्रतीक है। एकांकी में यह दिखाया गया है कि बिना ‘रीढ़’ वाले लोग समाज की कुरीतियों को स्वीकार कर लेते हैं। रामस्वरूप, गोपाल प्रसाद और शंकर जैसे पात्र झुकते रहते हैं, जबकि उमा जैसी लड़की ही असली ‘रीढ़’ का परिचय देती है। शीर्षक पूरे नाटक की आत्मा और संदेश को समेटे हुए है।
8. कथावस्तु के आधार पर आप किसे एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्यों?
उत्तर देखेंकथावस्तु के आधार पर इस एकांकी का मुख्य पात्र उमा को माना जा सकता है। पूरी कहानी उसके संघर्ष, साहस और विचारों के इर्द-गिर्द घूमती है। उमा ही वह पात्र है जो अन्याय और झूठ का विरोध करती है। शंकर, रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद जैसे पात्र समाज की पुरानी मानसिकता को दर्शाते हैं, परंतु बदलाव और नई सोच का प्रतिनिधित्व उमा ही करती है। इसीलिए उसे मुख्य पात्र मानना अधिक उचित है।
9. एकांकी के आधार पर रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए।
उत्तर देखेंरामस्वरूप की चारित्रिक विशेषताएँ:
► बेटी की शिक्षा को लेकर प्रगतिशील सोच
► समाज के दबाव से डरने वाला
► व्यवहार में दुविधाग्रस्त
► बेटी से अनुचित अपेक्षा रखने वाला।
गोपाल प्रसाद की विशेषताएँ:
► विवाह को व्यवसाय मानने वाला
► आधुनिकता की आलोचना करने वाला
► रूढ़िवादी और अवसरवादी
► लड़कियों की शिक्षा और व्यक्तित्व को महत्व न देने वाला।
दोनों पात्र समाज की संकीर्ण सोच को स्पष्ट करते हैं।
10. इस एकांकी का क्या उद्देश्य है? लिखिए।
उत्तर देखेंइस एकांकी का मुख्य उद्देश्य समाज में स्त्रियों की स्थिति और उनके प्रति पुरानी मानसिकता की आलोचना करना है। यह दिखाया गया है कि विवाह को व्यवसाय या प्रतिष्ठा का साधन बनाना कितना अनुचित है। साथ ही, यह संदेश दिया गया है कि लड़कियों को पढ़ाई-लिखाई और स्वतंत्र सोच का अधिकार मिलना चाहिए। एकांकी का ध्येय है समाज को बदलने, स्त्रियों को उचित सम्मान देने और साहसिक जीवन जीने की प्रेरणा देना।
11. समाज में महिलाओं को उचित गरिमा दिलाने हेतु आप कौन-कौन से प्रयास कर सकते हैं?
उत्तर देखेंसमाज में महिलाओं को गरिमा दिलाने हेतु कई प्रयास किए जा सकते हैं:
► बेटियों की शिक्षा को प्राथमिकता देना
► विवाह में समान अधिकार और निर्णय का अवसर देना
► घरेलू और कार्यस्थल पर समान अवसर सुनिश्चित करना
► स्त्री के आत्मसम्मान को बनाए रखना
► समाज में महिला विरोधी सोच और रूढ़ियों का विरोध करना।
जब तक महिलाएँ आत्मनिर्भर और सम्मानित नहीं होंगी, तब तक समाज का वास्तविक विकास संभव नहीं है।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 3 रीढ़ की हड्डी पर आधारित अति-लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 3 अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
1. रामस्वरूप ने तख्त पर दरी क्यों बिछवाई?
उत्तर देखेंमेहमानों के आने से पहले कमरे को ठीक और सजा-संवार कर प्रस्तुत करना चाहते थे।
2. प्रेमा उमा से क्यों नाराज़ थी?
उत्तर देखेंक्योंकि उमा सजने-संवरने और पाउडर लगाने से इंकार कर मुँह फुलाए बैठी थी।
3. गोपाल प्रसाद विवाह को किस रूप में देखते हैं?
उत्तर देखेंवे विवाह को ‘बिज़नेस’ मानते हैं और फायदे-नुकसान की दृष्टि से सोचते हैं।
4.शंकर किस विषय की पढ़ाई कर रहा था?
उत्तर देखेंशंकर लखनऊ के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था।
5. गोपाल प्रसाद अपनी बहू की शिक्षा कितनी चाहते थे?
उत्तर देखेंवे केवल मैट्रिक पास लड़की चाहते थे, उससे अधिक पढ़ाई स्वीकार्य नहीं थी।
6. रामस्वरूप ने उमा की बी.ए. की पढ़ाई क्यों छिपाई?
उत्तर देखेंक्योंकि वरपक्ष अधिक पढ़ी-लिखी लड़की पसंद नहीं करता था।
7. उमा ने किस गीत को गाया था?
उत्तर देखेंमीरा का भजन “मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई” गाया था।
8. उमा का चश्मा देखकर गोपाल प्रसाद क्यों चौंक उठे?
उत्तर देखेंउन्हें शक हुआ कि उमा पढ़ाई के कारण आँखें खराब कर बैठी है।
9. रामस्वरूप उमा से कौन-सा व्यवहार चाहते थे?
उत्तर देखेंवे चाहते थे कि उमा सजकर, मुस्कुराकर, गाना गाकर मेहमानों को खुश करे।
10. गोपाल प्रसाद ने खूबसूरती पर किस प्रकार का टैक्स सुझाया?
उत्तर देखेंउन्होंने कहा कि औरतें अपनी खूबसूरती के अनुसार खुद टैक्स तय करें।
11. उमा ने मेहमानों के सामने बोलने से पहले क्या कहा?
उत्तर देखेंकि जब सामान बिकता है, तो दुकानदार ही दिखाता है, वस्तु कुछ नहीं बोलती।
12. शंकर के चरित्र की कमजोरी किस घटना से उजागर होती है?
उत्तर देखेंलड़कियों के हॉस्टल में ताक-झाँक कर पकड़ा गया और नौकरानी के पैरों पर गिरकर भागा।
13. उमा ने शंकर पर “रीढ़ की हड्डी” न होने का आरोप क्यों लगाया?
उत्तर देखेंक्योंकि उसमें साहस, आत्मविश्वास और सच्चाई का सामना करने का दम नहीं था।
14. रामस्वरूप का असली विरोधाभास क्या था?
उत्तर देखेंबेटी को उच्च शिक्षा दिलाई, पर विवाह के लिए उसे छिपाया।
15. इस नाटक से समाज को क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर देखेंलड़कियों को पढ़ाई, आत्मसम्मान और स्वतंत्रता का अधिकार है; विवाह सौदा नहीं होना चाहिए।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 3 रीढ़ की हड्डी के लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 3 लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
1. रामस्वरूप अपनी बेटी उमा को किस प्रकार प्रस्तुत करना चाहते थे?
उत्तर देखेंरामस्वरूप चाहते थे कि उमा सजधजकर, मुस्कुराकर और गाना गाकर मेहमानों को प्रभावित करे। वे उसे विवाह योग्य दिखाने के लिए उसके असली स्वभाव और पढ़ाई को छिपाते रहे। इससे उनकी सामाजिक विवशता झलकती है।
2. प्रेमा को उमा के व्यवहार से क्यों परेशानी होती थी?
उत्तर देखेंप्रेमा चाहती थी कि उमा समाज की परंपराओं के अनुसार सज-धज कर मेहमानों के सामने जाए, लेकिन उमा को यह बनावटीपन पसंद नहीं था। उसकी यही सादगी और स्पष्टता माँ को खलती थी।
3. गोपाल प्रसाद विवाह को ‘बिजनेस’ क्यों मानते हैं?
उत्तर देखेंगोपाल प्रसाद शादी को लाभ-हानि का सौदा मानते हैं। वे लड़की की सुंदरता और साधारण शिक्षा को प्राथमिकता देते हैं, ताकि बहू आज्ञाकारी रहे। उनकी सोच में रिश्ते भावनात्मक नहीं बल्कि व्यावसायिक दृष्टिकोण से देखे जाते हैं।
4. शंकर का व्यक्तित्व किस प्रकार का था?
उत्तर देखेंशंकर दिखावे में पढ़ा-लिखा था, परंतु भीतर से कमजोर और चरित्रहीन। वह लड़कियों के हॉस्टल के आसपास गलत हरकत करता था और पकड़े जाने पर नौकरानी के पैरों में गिरकर भागा। उसमें आत्मविश्वास और नैतिकता की कमी थी।
5. उमा के चश्मा पहनने पर गोपाल प्रसाद क्यों चौंके?
उत्तर देखेंगोपाल प्रसाद को लगा कि उमा की आँखें पढ़ाई के कारण कमजोर हुई हैं। वे अधिक पढ़ी-लिखी लड़की को पसंद नहीं करते थे, इसलिए चश्मा देखकर उन्हें शक हुआ कि उमा ज्यादा पढ़ाई करती है।
6. रामस्वरूप अपनी बेटी की पढ़ाई क्यों छिपाते हैं?
उत्तर देखेंवे जानते थे कि वरपक्ष ज्यादा पढ़ी-लिखी लड़की को स्वीकार नहीं करेगा। इसलिए उन्होंने उमा के बी.ए. पास होने की बात छिपाकर उसे केवल मैट्रिक पास बताया। यह उनकी सामाजिक मजबूरी और झूठ बोलने की विवशता को दर्शाता है।
7. उमा ने मेहमानों के सामने किस साहसिक तरीके से अपनी बात रखी?
उत्तर देखेंउमा ने खरीदार और सामान की तुलना करके बताया कि लड़कियाँ वस्तु नहीं हैं जिन्हें नापा-तौला जाए। उसने शंकर की कायरता उजागर की और अपने आत्मसम्मान व शिक्षा को गर्व से स्वीकार किया।
8. ‘रीढ़ की हड्डी’ शीर्षक का औचित्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखेंरीढ़ की हड्डी साहस और आत्मसम्मान का प्रतीक है। शंकर में यह नहीं थी, जबकि उमा ने सत्य बोलने का साहस दिखाया। इसलिए शीर्षक नाटक की मूल भावना और पात्रों के चरित्र को सटीक रूप से दर्शाता है।
9. इस नाटक में स्त्रियों की स्थिति किस प्रकार उजागर होती है?
उत्तर देखेंनाटक बताता है कि समाज में लड़कियों को केवल सुंदरता और आज्ञाकारिता के आधार पर आँका जाता है। उनकी पढ़ाई और स्वतंत्र सोच को दबाया जाता है। उमा इसका विरोध कर स्त्रियों के आत्मसम्मान की आवाज़ बनती है।
10. आपके विचार में इस नाटक का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर देखेंनाटक का संदेश है कि विवाह कोई सौदा नहीं, बल्कि समान विचार और सम्मान पर आधारित होना चाहिए। लड़कियों को शिक्षा, आत्मसम्मान और स्वतंत्रता का अधिकार है। समाज को पुरानी रूढ़ियों से बाहर निकलकर नई सोच अपनानी चाहिए।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 3 रीढ़ की हड्डी के लिए दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर
1. नाटक “रीढ़ की हड्डी” में विवाह की पारंपरिक और व्यावसायिक दृष्टि का चित्रण कीजिए।
उत्तर देखेंइस नाटक में विवाह को एक पवित्र बंधन के बजाय लेन-देन या ‘बिजनेस’ की तरह प्रस्तुत किया गया है। गोपाल प्रसाद जैसे लोग लड़की की सुंदरता और साधारण शिक्षा को ही महत्व देते हैं। रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा छिपाते हैं ताकि वरपक्ष नाराज़ न हो। उमा इस दृष्टिकोण का विरोध करती है और स्पष्ट करती है कि विवाह केवल दिखावे या फायदे-नुकसान का सौदा नहीं होना चाहिए, बल्कि समान विचार और सम्मान पर आधारित होना चाहिए।
2. रामस्वरूप का विरोधाभासी व्यवहार नाटक की मुख्य समस्या को कैसे उजागर करता है?
उत्तर देखेंरामस्वरूप एक ओर अपनी बेटी उमा को उच्च शिक्षा दिलाते हैं, दूसरी ओर विवाह के समय इसे छिपाते हैं। यह विरोधाभास उस समाज की वास्तविकता को सामने लाता है जहाँ लड़कियों की पढ़ाई विवाह में बाधा मानी जाती थी। उनकी विवशता बताती है कि पिता अपनी बेटी के भविष्य को लेकर प्रगतिशील तो है, पर समाज की रूढ़ियों से डरकर पीछे हट जाता है। यह व्यवहार नाटक की मूल समस्या—स्त्रियों की असमान स्थिति—को स्पष्ट करता है।
3. उमा का व्यक्तित्व शंकर से किस प्रकार भिन्न है? विस्तार से लिखिए।
उत्तर देखेंउमा आत्मसम्मानी, पढ़ी-लिखी और साहसी है। वह सत्य बोलने का साहस रखती है और समाज की रूढ़ियों का विरोध करती है। इसके विपरीत शंकर डरपोक और कायर है। वह गलत हरकतें करता है और पकड़े जाने पर अपमानजनक ढंग से भागता है। उसमें आत्मविश्वास और नैतिक बल की कमी है। उमा ने मेहमानों के सामने खरीदार और वस्तु की उपमा देकर स्त्रियों की स्थिति पर चोट की। इस प्रकार उमा का व्यक्तित्व शंकर से कहीं श्रेष्ठ और मजबूत है।
4. “रीढ़ की हड्डी” शीर्षक का महत्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखें‘रीढ़ की हड्डी’ साहस, आत्मसम्मान और दृढ़ चरित्र का प्रतीक है। नाटक में शंकर में यह कमी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। वह कायर और कमजोर है। इसके विपरीत उमा ने मेहमानों के सामने सच्चाई कहने का साहस दिखाया और अपने आत्मसम्मान की रक्षा की। इस प्रकार नाटक का शीर्षक पात्रों के स्वभाव और कथानक की मूल भावना को गहराई से प्रकट करता है। शीर्षक प्रतीकात्मक होने के साथ-साथ नाटक का केंद्रीय संदेश भी सामने लाता है।
5. इस नाटक से समाज को क्या शिक्षा मिलती है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
उत्तर देखेंनाटक सिखाता है कि विवाह कोई सौदा नहीं बल्कि समान विचार और सम्मान का बंधन होना चाहिए। लड़कियों की शिक्षा और आत्मसम्मान को दबाना नहीं चाहिए। रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद की सोच समाज की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाती है, जबकि उमा नई पीढ़ी की जागरूकता और साहस की प्रतीक है। यह नाटक बताता है कि समाज को लड़कियों को अवसर और स्वतंत्रता देनी चाहिए, ताकि वे अपनी प्रतिभा और व्यक्तित्व का विकास कर सकें। यही प्रगति का मार्ग है।