एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 1 इस जल प्रलय में
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 1 इस जल प्रलय में, जिसकी लेखिका फणीश्वरनाथ रेणु जी हैं, सत्र 2025-26 के लिए यहाँ दिए आगे हैं। कक्षा 9 हिंदी पाठ्यक्रम अ के इस पाठ में बाढ़ की विभीषिका और उससे प्रभावित ग्रामीण जीवन का मार्मिक चित्रण किया गया है। इसमें बाढ़ से जूझते लोगों की पीड़ा, कठिनाइयाँ और आपसी सहयोग की भावना को प्रमुखता से दिखाया गया है। रेणु जी की ग्रामीण संवेदनशीलता और यथार्थ चित्रण विद्यार्थियों को प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव और उनसे निपटने के सामूहिक प्रयासों को समझने का अवसर प्रदान करता है।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका पाठ 1 के प्रश्न उत्तर
कक्षा 9 हिंदी कृतिका पाठ 1 के अति-लघु उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी कृतिका पाठ 1 के लघु उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी कृतिका पाठ 1 के दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
कक्षा 9 हिंदी कृतिका पाठ 1 एमसीक्यू
अभ्यास के प्रश्न उत्तर
इस जल प्रलय में कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 1 के प्रश्न उत्तर
1. बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे?
उत्तर देखेंबाढ़ की खबर सुनकर लोग घर में ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी और कंपोज की गोलियां जमा कर प्रतीक्षा करने लगे। नीचे की दुकानों से सामान ऊपर किए जाने लगे और रिक्शा, टमटम, ट्रक और टेम्पो पर सामान लादे जा रहे थे।
2. बाढ़ की सही जानकारी लेने और बाढ़ का रूप देखने के लिए लेखक क्यों उत्सुक था?
उत्तर देखेंलेखक को बाढ़ का अनुभव गाँव में रहते हुए कभी नहीं हुआ था। वह तो पटना शहर में सन् 1967 में हुआ जब राजेंद्रनगर, कंकड़बाग तथा अन्य निचले हिस्सों में पुनपुन का पानी घुस आया था। चूंकि उसने शहरी बाढ़ का पानी पहले नहीं देखा था, इसलिए वह बाढ़ की सही जानकारी लेने और उसका रूप देखने के लिए उत्सुक था।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 1 अभ्यास के प्रश्न उत्तर
3. सबकी ज़बान पर एक ही जिज्ञासा-‘पानी कहाँ तक आ गया है?’- इस कथन से जनसमूह की कौन-सी भावनाएँ व्यक्त होती हैं?
उत्तर देखेंइस कथन से जनसमूह की बाढ़ के प्रति उत्सुकता, कौतूहल और अनजाने खतरे के प्रति चिंता की भावनाएँ व्यक्त होती हैं। लोग बाढ़ की भयावहता को नजदीक से देखना चाहते थे।
4. ‘मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है और क्यों?
उत्तर देखें‘मृत्यु का तरल दूत’ बाढ़ के तेजी से बढ़ते हुए पानी को कहा गया है। यह पानी अपने साथ विनाश और तबाही लाता है, जिससे लोगों की जान जाने का खतरा होता है।
5. आपदाओं से निपटने के लिए अपनी तरफ़ से कुछ सुझाव दीजिए।
उत्तर देखेंआपदाओं से निपटने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं:
► आपदा से पहले सुरक्षित स्थान की जानकारी रखें।
► आपातकालीन किट तैयार करें जिसमें आवश्यक दवाएँ, भोजन और पानी हो।
► सरकार और बचाव एजेंसियों द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
► अपने पड़ोसियों और कमजोर लोगों की मदद करें।
► अफवाहों पर ध्यान न दें और सही जानकारी प्राप्त करें।
6. ‘ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए… अब बूझो!’-इस कथन द्वारा लोगों की किस मानसिकता पर चोट की गई है?
उत्तर देखेंइस कथन द्वारा लोगों की स्वार्थपरता और संवेदनहीनता की मानसिकता पर चोट की गई है। इसमें शहरी लोगों की उस मानसिकता को दर्शाया गया है कि जब ग्रामीण क्षेत्र (दानापुर) में आपदा आती है तो वे ध्यान नहीं देते, लेकिन जब उनके अपने शहर (पटना) में आपदा आती है तो वे उसका सामना करते हैं।
7. खरीद-बिक्री बंद हो चुकने पर भी पान की बिक्री अचानक क्यों बढ़ गई थी?
उत्तर देखेंबाढ़ का पानी शहर में प्रवेश करने की खबर सुनकर लोग घरों में दुबक गए थे। लेकिन जो लोग पानी देखने के लिए बाहर निकले थे और पान की दुकान के सामने खड़े थे, उन सबने शायद अपनी बेचैनी दूर करने के लिए पान खाया, जिससे पान की बिक्री अचानक बढ़ गई थी।
8. जब लेखक को यह अहसास हुआ कि उसके इलाके में भी पानी घुसने की संभावना है तो उसने क्या-क्या प्रबंध किए?
उत्तर देखेंजब लेखक को अपने इलाके में पानी घुसने की संभावना का अहसास हुआ, तो उन्होंने घर में ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी और कंपोज की गोलियाँ जमा कर लीं।
9. बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में कौन-कौन सी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है?
उत्तर देखेंबाढ़ पीड़ित क्षेत्र में जलजनित बीमारियों जैसे हैजा, टाइफाइड, पेचिश और त्वचा रोगों (पकाही घाव) के फैलने की आशंका रहती है।
10. नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। दोनों ने किन भावनाओं के वशीभूत होकर ऐसा किया?
उत्तर देखेंनौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में कूद गया। दोनों ने एक-दूसरे के प्रति असीम प्रेम और वफादारी की भावना के वशीभूत होकर ऐसा किया। कुत्ता अपने मालिक को छोड़ना नहीं चाहता था और नौजवान अपने कुत्ते को।
11. ‘अच्छा है, कुछ भी नहीं। कलम थी, वह भी चोरी चली गई। अच्छा है, कुछ भी नहीं-मेरे पास।’-मूवी कैमरा, टेप रिकॉर्डर आदि की तीव्र उत्कंठा होते हुए भी लेखक ने अंत में उपर्युक्त कथन क्यों कहा?
उत्तर देखेंबाढ़ की भयावहता को देखकर लेखक के मन में मूवी कैमरा और टेप रिकॉर्डर की तीव्र इच्छा हुई, ताकि वह उस दृश्य को कैद कर सके। लेकिन अंत में उसने कहा ‘अच्छा है, कुछ भी नहीं’। लेखक को एहसास हुआ कि कुछ दृश्य इतने हृदयविदारक होते हैं कि उन्हें कैमरे में कैद करना संभव नहीं। बल्कि, उन अनुभवों को मन में संजोकर रखना ही बेहतर होता है। वह समझ गया कि इस आपदा को एक दर्शक के रूप में देखना और भोगना ही काफी है, इसे रिकॉर्ड करने की कोई जरूरत नहीं।
12. आपने भी देखा होगा कि मीडिया द्वारा प्रस्तुत की गई घटनाएँ कई बार समस्याएँ बन जाती हैं, ऐसी किसी घटना का उल्लेख कीजिए।
उत्तर देखेंमीडिया द्वारा प्रस्तुत घटनाएँ कई बार समस्या का रूप ले लेती हैं। हाल ही में एक छोटे शहर में आई बाढ़ इसका उदाहरण है। जैसे ही बाढ़ की खबर सामने आई, मीडिया ने तुरंत रिपोर्टिंग शुरू कर दी, लेकिन उसका अंदाज़ अत्यधिक सनसनीखेज था। चैनलों ने केवल पानी की ऊँचाई और लोगों की घबराहट को बार-बार दिखाया, जिससे स्थिति वास्तविकता से कहीं अधिक भयावह लगने लगी।
लगातार ‘लाइव’ कवरेज में फंसे हुए लोगों को नाटकीय ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा था और हर रिपोर्ट डर और दहशत का माहौल बना रही थी। नतीजतन, लोग पैनिक करने लगे। राहत कार्यों में जुटे स्वयंसेवकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा क्योंकि घबराए लोग एक जगह भीड़ जमा करने लगे। कई रिपोर्टर्स बिना पर्याप्त जानकारी के प्रसारण कर रहे थे और अफवाहें फैला रहे थे, जैसे कि पानी बहुत तेजी से बढ़ रहा है, जबकि वास्तविकता अलग थी। इस गलत प्रस्तुति ने अफरा-तफरी को और बढ़ा दिया और सही ढंग से चल रहे बचाव कार्यों में बाधा उत्पन्न की।
13. अपनी देखी-सुनी किसी आपदा का वर्णन कीजिए।
उत्तर देखेंयह घटना पिछले वर्ष की है, जब हमारे शहर में लगातार तीन दिनों तक भारी वर्षा हुई। शुरुआत में यह सामान्य लग रही थी, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति गंभीर होती चली गई। स्कूलों की छुट्टियाँ हो गईं और मैं घर पर ही था। पहले दिन गलियों में पानी भरना शुरू हुआ, और दूसरे दिन तक हालात इतने बिगड़ गए कि सड़कों पर खड़ी गाड़ियाँ आधी तक डूब गईं। बसें, कारें और ऑटो-रिक्शा सब बंद हो गए और लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए।
हमारे घर के सामने भी घुटनों तक पानी भर गया था। खिड़की से बाहर देखते हुए साफ़ दिखाई दे रहा था कि पानी का बहाव लगातार तेज़ हो रहा है। बिजली गुल हो गई थी और मोबाइल नेटवर्क भी काम नहीं कर रहा था, जिससे बाहरी सूचनाएँ मिलना मुश्किल हो गया। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की स्थिति और भी दयनीय थी—उनके घरों में पानी घुस गया था और उन्हें अपना सामान समेटकर ऊपरी मंज़िलों पर शरण लेनी पड़ी।
यह अनुभव भयावह था और इसने प्रकृति की अपार शक्ति का एहसास कराया। जो शहर हमेशा चहल-पहल से भरा रहता था, वह अचानक ठहर गया। सड़कें और बाज़ार सब सन्नाटे में डूब गए। तीसरे दिन बारिश थमने पर ही लोगों ने राहत की सांस ली। पानी धीरे-धीरे उतरने लगा, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था। इस घटना ने मुझे यह सिखाया कि मनुष्य चाहे कितना भी विकसित क्यों न हो, प्रकृति के सामने उसे झुकना पड़ता है और आपदाओं से निपटने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 1 इस जल प्रलय में पर आधारित अति-लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 1 अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
1. लेखक का गाँव किस प्रकार के क्षेत्रों से घिरा हुआ था?
उत्तर देखेंलेखक का गाँव कोसी, पनार, महानंदा और गंगा नदियों की बाढ़ से पीड़ित क्षेत्रों से घिरा हुआ था।
2. ‘पकाही घाव’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर देखें‘पकाही घाव’ पानी में लगातार रहने से पैर की उँगलियों और तलवों में होने वाले घाव को कहते हैं।
3. ‘मृत्यु का तरल दूत’ किसे कहा गया है?
उत्तर देखें‘मृत्यु का तरल दूत’ बाढ़ के तेजी से आते हुए पानी को कहा गया है।
4. लेखक के मित्र किस विषय के विशेषज्ञ थे?
उत्तर देखेंलेखक के मित्र नयी कविता के विशेषज्ञ व्याख्याता-आचार्य-कवि थे।
5. 1967 में पटना शहर के किस इलाके में बाढ़ का पानी घुस आया था?
उत्तर देखें1967 में पटना के राजेंद्रनगर, कंकड़बाग तथा अन्य निचले हिस्सों में बाढ़ का पानी घुस आया था।
6. बाढ़ की खबर सुनकर लोग अपने घरों में क्या-क्या जमा कर रहे थे?
उत्तर देखेंलोग अपने घरों में ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी और दवाइयाँ जमा कर रहे थे।
7. लेखक को बाढ़ का अनुभव सबसे पहले कहाँ हुआ?
उत्तर देखेंलेखक को बाढ़ का अनुभव सबसे पहले पटना शहर में हुआ।
8. लोग बाढ़ का हाल जानने के लिए कहाँ जा रहे थे?
उत्तर देखेंलोग बाढ़ का हाल जानने के लिए कॉफ़ी हाउस, गांधी मैदान और शहर के अन्य निचले हिस्सों की ओर जा रहे थे।
9. लेखक ने किस गाँव में राहत सामग्री बांटी थी?
उत्तर देखेंलेखक ने 1949 में महानंदा की बाढ़ से घिरे बापसी थाना के एक गाँव में राहत सामग्री बांटी थी।
10. बाढ़ के दौरान पान की बिक्री क्यों बढ़ गई थी?
उत्तर देखेंखरीद-बिक्री बंद होने के बावजूद, लोग बाढ़ की खबर सुनने के लिए पान की दुकानों पर रुक रहे थे, जिससे पान की बिक्री बढ़ गई थी।
11. लेखक को बाढ़ में कौन-सा दृश्य याद आता है?
उत्तर देखेंलेखक को बाढ़ में, पानी की तेज़ धारा पर लाल-हरे विज्ञापनों की परछाइयाँ सैकड़ों रंगीन साँपों की तरह नाचती हुई याद आती हैं।
12. लेखक ने अपने बचपन में राहतकर्मी के रूप में क्या काम किया था?
उत्तर देखेंलेखक ने ब्वॉय स्काउट, स्वयंसेवक, राजनीतिक कार्यकर्ता और रिलीफ़वर्कर के रूप में बाढ़-पीड़ित क्षेत्रों में काम किया था।
13. ‘रिपोर्ताज’ किसे कहते हैं?
उत्तर देखें‘रिपोर्ताज’ किसी घटना का आंखों देखा सजीव और कलात्मक वर्णन होता है।
14. बाढ़ आने की खबर सुनकर लेखक ने सबसे पहले क्या किया?
उत्तर देखेंबाढ़ आने की खबर सुनकर लेखक ने सबसे पहले घर में खाने-पीने और ज़रूरी सामान जमा करना शुरू किया।
15. बाढ़ के समय कौन-से गाने बज रहे थे?
उत्तर देखेंबाढ़ के समय, ‘हवा में उड़ता जाए, मोरा लाल दुपट्टा मलमल का’ और ‘नैया तोरी मंझधार, होश्यार होश्यार’ जैसे गाने बज रहे थे।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 1 इस जल प्रलय में के लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 1 लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
1. बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे थे?
उत्तर देखेंबाढ़ की खबर सुनकर लोग घरों में ज़रूरी सामान इकट्ठा करने लगे। वे ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी और दवाइयाँ जमा करने में लग गए। दुकानों में भी सामान नीचे से ऊपर की ओर हटाया जा रहा था। लोग अपनी-अपनी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहे थे।
2. पटना में बाढ़ के दौरान लोगों की मानसिकता पर टिप्पणी करें।
उत्तर देखेंपटना में बाढ़ के दौरान लोगों की मानसिकता मिली-जुली थी। कुछ लोग उत्सुकतावश पानी देखने जा रहे थे और हँसी-मज़ाक कर रहे थे। वे इसे एक उत्सव की तरह देख रहे थे। वहीं, लेखक जैसे कुछ लोग आतंकित और चिंतित थे। दुकानदार अपने सामान को बचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन फिर भी लोग परेशान नज़र नहीं आ रहे थे।
3. लेखक को बाढ़ का पानी ‘मृत्यु का तरल दूत’ क्यों लगा?
उत्तर देखेंलेखक को बाढ़ का पानी ‘मृत्यु का तरल दूत’ इसलिए लगा क्योंकि वह पानी बहुत तेज़ी से और शक्तिशाली ढंग से आगे बढ़ रहा था। यह सिर्फ़ पानी नहीं था, बल्कि एक भयंकर और विनाशकारी शक्ति थी जो अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को बहा ले जाने में सक्षम थी। इसकी गति और भयानकता को देखकर लेखक डर गया था।
4. बाढ़ में नौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी पानी में क्यों कूद गया?
उत्तर देखेंनौजवान के पानी में उतरते ही कुत्ता भी इसलिए कूद गया क्योंकि वह अपने मालिक के प्रति वफादार था और उससे बिछड़ना नहीं चाहता था। यह जानवर और इंसान के बीच के गहरे प्रेम और आपसी लगाव को दर्शाता है। कुत्ते ने अपने मालिक के साथ रहने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की।
5. लेखक ने अपने बचपन में बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में क्या-क्या काम किए थे?
उत्तर देखेंलेखक ने अपने बचपन से ही बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में काम किया था। वे ब्वॉय स्काउट, स्वयंसेवक, राजनीतिक कार्यकर्ता और रिलीफ़वर्कर के रूप में काम करते थे। वे नाव पर जाकर लोगों को राहत सामग्री और दवाइयाँ पहुँचाते थे, खासकर ‘पकाही घाव’ की दवा और दियासलाई।
6. पटना के लोग दानापुर के लोगों के प्रति किस मानसिकता को दर्शाते हैं?
उत्तर देखेंपटना के लोग दानापुर के लोगों के प्रति एक स्वार्थी मानसिकता को दर्शाते हैं। जब दानापुर में बाढ़ आई थी, तो पटना के लोग उनकी मदद के लिए नहीं गए थे। लेकिन जब पटना में बाढ़ आई, तो दानापुर के एक व्यक्ति ने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब पटना के बाबू लोग बाढ़ का अनुभव करेंगे। यह एक क्षेत्र के लोगों का दूसरे क्षेत्र के लोगों के प्रति उदासीन रवैया दर्शाता है।
7. लेखक ने अपने पास मूवी कैमरा और टेप-रिकॉर्डर न होने पर भी खुद को क्यों सौभाग्यशाली माना?
उत्तर देखेंलेखक ने अपने पास मूवी कैमरा और टेप-रिकॉर्डर न होने पर भी खुद को सौभाग्यशाली माना क्योंकि वे मानते थे कि बाढ़ की भयावहता को सिर्फ़ महसूस किया जा सकता है, उसे रिकॉर्ड नहीं किया जा सकता। अगर उनके पास ये उपकरण होते, तो वे सिर्फ़ बाहरी घटनाओं को कैद कर पाते, लेकिन दिल पर पड़े प्रभाव को नहीं। उन्होंने इसे सिर्फ़ अपनी आँखों से देखना और अनुभव करना बेहतर समझा।
8. बाढ़ के समय नौजवान और युवतियों की नाव वाली घटना पर टिप्पणी करें।
उत्तर देखेंबाढ़ के समय नौजवान और युवतियों की नाव वाली घटना शहरी लोगों की असंवेदनशीलता और मनोरंजन-प्रियता को दर्शाती है। जहाँ लोग बाढ़ से परेशान थे, वहीं ये युवक-युवतियां इसे पिकनिक की तरह ले रहे थे। वे संगीत सुनकर, खाना खाकर और बातें करके मनोरंजन कर रहे थे। हालाँकि, बाद में लोगों की फब्तियों और सीटियों से उनका दिखावा तुरंत खत्म हो गया।
9. बाढ़ के दौरान लेखक को कौन-कौन सी पुरानी यादें आईं?
उत्तर देखेंबाढ़ के दौरान लेखक को कई पुरानी यादें आईं। उन्हें 1947 में मनिहारी में गुरुजी के साथ राहत कार्य, 1949 में महानंदा की बाढ़ में बीमार नौजवान और उसके वफादार कुत्ते की कहानी, और मुसहरी बस्ती में बाढ़ के बीच भी ‘बलवाही नाच’ होता हुआ याद आया। ये यादें उन्हें ग्रामीण जीवन की सहनशीलता और जीवटता की याद दिलाती हैं।
10. लेखक को किस बात का अहसास हुआ और उन्होंने क्या प्रबंध किए?
उत्तर देखेंलेखक को जब यह अहसास हुआ कि उनके इलाके में भी बाढ़ का पानी घुसने वाला है, तो उन्होंने तुरंत प्रबंध किए। उन्होंने घर में ईंधन, आलू, मोमबत्ती, दियासलाई, पीने का पानी और कंपोज की गोलियाँ जमा कर लीं। उन्होंने एक सप्ताह के लिए कुछ पत्रिकाएँ भी खरीदीं ताकि समय कट सके।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 1 इस जल प्रलय में के लिए दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर।
कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर
1. इस पाठ में बाढ़ से जुड़ी किन-किन स्थितियों को दर्शाया गया है?
उत्तर देखेंइस पाठ में बाढ़ से जुड़ी कई स्थितियों को दर्शाया गया है। सबसे पहले, ग्रामीण और शहरी बाढ़ के अनुभवों का अंतर बताया गया है। लेखक ने गाँव में बाढ़ से पीड़ित लोगों को पनाह लेते देखा था, लेकिन खुद घिरने का अनुभव नहीं किया था। वहीं, पटना शहर में उन्हें पहली बार बाढ़ का सामना करना पड़ा। दूसरी स्थिति, बाढ़ के प्रति लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ हैं। कुछ लोग आतंकित होते हैं, जबकि अन्य इसे एक उत्सव की तरह देखते हैं। तीसरी स्थिति, बाढ़ के समय लोगों की आत्मनिर्भरता और जीवटता है, जैसे मुसहरी बस्ती में लोग भूख-प्यास के बावजूद ‘बलवाही नाच’ कर रहे थे। अंत में, शहरी जीवन में बाढ़ का मनोरंजन के साधन के रूप में उपयोग दिखाया गया है, जहाँ कुछ युवक-युवतियां नाव पर पिकनिक मना रहे थे।
2. लेखक ने बाढ़ के पानी को ‘मृत्यु का तरल दूत’ कहा है। इस कथन का क्या अर्थ है और यह क्यों कहा गया है?
उत्तर देखें‘मृत्यु का तरल दूत’ कहकर लेखक ने बाढ़ के पानी की भयावहता और विनाशकारी शक्ति को दर्शाया है। यह पानी सिर्फ़ पानी नहीं था, बल्कि अपने साथ मौत और तबाही लेकर आ रहा था। इसका रंग गेरुआ-झाग-फेन वाला था और यह तेज़ी से सरक रहा था। लेखक ने इसे एक ऐसे दूत के रूप में देखा जो मृत्यु का संदेश लेकर आ रहा था। यह कथन लेखक के अंदर के डर और भय को भी व्यक्त करता है। वह जानता था कि इस पानी के सामने इंसान की कोई ताकत नहीं है और यह सब कुछ नष्ट कर सकता है।
3. ‘ईह! जब दानापुर डूब रहा था तो पटनियाँ बाबू लोग उलटकर देखने भी नहीं गए… अब बूझो!’ इस कथन से लोगों की किस मानसिकता पर चोट की गई है?
उत्तर देखेंइस कथन से लोगों की स्वार्थपरता और संकीर्ण मानसिकता पर चोट की गई है। यह बताता है कि लोग तभी मदद करते हैं जब वे खुद मुसीबत में हों, या जब मुसीबत उनके अपने इलाके में आती है। जब दानापुर में बाढ़ आई थी, तो पटना के लोग उनकी पीड़ा के प्रति उदासीन थे। लेकिन जब पटना में बाढ़ आई, तो वे खुद पीड़ित हो गए। यह कथन यह भी दर्शाता है कि ग्रामीण और शहरी लोगों के बीच एक प्रकार का सामाजिक और मानसिक विभाजन है। ग्रामीण लोग शहरी लोगों के दिखावे और लापरवाही से नाराज़ थे, और उनकी मुसीबत को देखकर एक तरह की संतुष्टि महसूस कर रहे थे।
4. बाढ़ की खबर सुनकर भी लोग क्यों नहीं डर रहे थे?
उत्तर देखेंबाढ़ की खबर सुनकर भी लोग इसलिए नहीं डर रहे थे क्योंकि उन्होंने पहले कभी ऐसी बाढ़ नहीं देखी थी। उनके लिए यह एक नया और रोमांचक अनुभव था। वे इसे एक तमाशे की तरह देख रहे थे। वे उत्सुक थे कि पानी कहाँ तक आएगा, और एक दूसरे से इसकी जानकारी ले रहे थे। पान की दुकानों पर भीड़ थी, लोग हँस-बोल रहे थे। यह एक तरह की सामाजिक घटना बन गई थी, जहाँ लोग आसन्न संकट की गंभीरता को पूरी तरह से समझ नहीं पा रहे थे।
5. लेखक ने अपने बचपन और जवानी के बाढ़ के अनुभवों की तुलना किस प्रकार की है?
उत्तर देखेंलेखक ने अपने बचपन के अनुभवों की तुलना जवानी के अनुभवों से की है। बचपन में वे एक ‘रिलीफ वर्कर’ के तौर पर बाढ़ पीड़ितों की मदद करते थे। उस समय उन्होंने लोगों को एक-दूसरे की मदद करते हुए और कठिन परिस्थितियों में भी अपनी जीवटता दिखाते हुए देखा था। जैसे- ‘बलवाही नाच’। वहीं, जवानी में (1967 में) जब वे पटना में बाढ़ से घिरे, तो उन्होंने शहरी लोगों के अलग-अलग व्यवहार देखे। कुछ लोग उत्सुकतावश बाढ़ को देखने जा रहे थे, जबकि कुछ युवक-युवतियाँ इसे मनोरंजन का साधन बना रहे थे। यह तुलना ग्रामीण लोगों की सहनशीलता और शहरी लोगों के सतही दृष्टिकोण को उजागर करती है।