एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 2 तीन बुद्धिमान

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 2 तीन बुद्धिमान सत्र 2025-26 के लिए प्रश्न उत्तर गाइड के रूप में यहाँ दिए गए हैं। इसमें एक लोककथा दी गई है, जिसमें एक व्यक्ति अपने बेटों को असली धन – पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि – संचित करने की सीख देता है। तीनों भाई अपनी सूझ-बूझ और अवलोकन शक्ति से ऊँट और पेटी के बारे में सही अनुमान लगाते हैं। इस कहानी का मुख्य उद्देश्य यह है कि जीवन में रुपया-पैसा नहीं, बल्कि ज्ञान, समझ और सच्चाई ही सबसे बड़ा धन है।
कक्षा 7 हिंदी मल्हार पाठ 2 के MCQ
कक्षा 7 मल्हार के सभी प्रश्न-उत्तर

तीन बुद्धिमान कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 2 के प्रश्न उत्तर

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मेरी समझ से

(क) लोककथा के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
(1) लोककथा में पिता ने अपने बेटों से ‘धन संचय करने’ को कहा। उनकी इस बात का क्या अर्थ हो सकता है?
• खेती-बारी करना और धन इकट्ठा करना
• पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि का विकास  करना
• ऊँट का व्यापार करना
• गाँव छोड़कर किसी नगर में जाकर बसना
उत्तर देखें★ पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि का विकास करना

(2) तीनों भाइयों ने अपने ज्ञान और बुद्धि का उपयोग करके ऊँट के बारे में बहुत कुछ बता दिया। इससे क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है?
• बुद्धि का प्रयोग करके ऊँट के बारे में सब-कुछ बताया जा सकता है।
• समस्या को सुलझाने के लिए ध्यान से निरीक्षण करना महत्वपूर्ण है।
• किसी व्यक्ति का ज्ञान, बुद्धि और धन ही सबसे बड़ी ताकत है।
• ऊँट के बारे में जानने के लिए दूसरों पर भरोसा करना चाहिए।
उत्तर देखें★ समस्या को सुलझाने के लिए ध्यान से निरीक्षण करना महत्वपूर्ण है।
★ किसी व्यक्ति का ज्ञान, बुद्धि और धन ही सबसे बड़ी ताकत है।

(3) राजा ने भाइयों की बुद्धिमत्ता पर विश्वास क्यों किया?
• भाइयों ने अपनी बात को तर्क के साथ समझाया।
• राजा को ऊँट के स्वामी की बातों पर संदेह था।
• राजा ने स्वयं ऊँट और पेटी की जाँच कर ली थी।
• भाइयों ने राजा को अपनी बात में उलझा लिया था।
उत्तर देखें★ भाइयों ने अपनी बात को तर्क के साथ समझाया।
★ राजा ने स्वयं ऊँट और पेटी की जाँच कर ली थी।

(4) लोककथा के पात्रों और घटनाओं के आधार पर, राजा के निर्णय के पीछे कौन-सा मूल्य छिपा है?
• दोषी को कड़ा से कड़ा दंड देना हर समस्या का सबसे बड़ा समाधान है।
• अच्छी तरह जाँच किए बिना किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहिए।
• राजा की प्रत्येक बात और निर्णय को सदा सही माना जाना चाहिए।
• ऊँट की चोरी के निर्णय के लिए सेवक की बुद्धि का उपयोग करना चाहिए।
उत्तर देखें★ अच्छी तरह जाँच किए बिना किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहिए।

(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने भिन्न-भिन्न उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुनें।
उत्तर देखेंपहले प्रश्न पर – मैंने “पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि का विकास करना” वाला उत्तर चुना, क्योंकि कहानी में पिता ने यही सिखाया था कि असली धन सोना-चाँदी नहीं बल्कि बुद्धि है। खेती-बारी या ऊँट का व्यापार करने की बात कहीं नहीं आई थी।
दूसरे प्रश्न पर – मैंने “समस्या को सुलझाने के लिए ध्यान से निरीक्षण करना महत्वपूर्ण है” और “ज्ञान, बुद्धि और धन ही सबसे बड़ी ताकत है” दोनों चुने, क्योंकि भाइयों ने सिर्फ ध्यान से देखकर और समझकर ऊँट की सारी बातें बता दीं। दूसरों पर भरोसा करना जरूरी नहीं था, बल्कि अपनी आँखों और बुद्धि से काम लेना सही था।
तीसरे प्रश्न पर – मैंने “भाइयों ने तर्क से समझाया” और “राजा ने स्वयं जाँच कर ली थी” चुना, क्योंकि राजा तभी मान गया जब उसे पेटी में कच्चा अनार देखकर सबूत मिल गया और भाइयों ने अपनी समझ की वजह भी साफ-साफ बताई।
चौथे प्रश्न पर – मैंने “अच्छी तरह जाँच किए बिना किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहिए” चुना, क्योंकि पहले राजा ने संदेह किया, लेकिन जब सचाई जाँच ली तो उसने भाइयों को निर्दोष मान लिया।

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पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-
(क) “रुपये-पैसे के स्थान पर तुम्हारे पास पैनी दृष्टि होगी और सोने-चाँदी के स्थान पर तीव्र बुद्धि होगी। ऐसा धन संचित कर लेने पर तुम्हें कभी किसी प्रकार की कमी न रहेगी और तुम दूसरों की तुलना में उन्नीस नहीं रहोगे।”
उत्तर देखेंइस पंक्ति का अर्थ है कि भौतिक धन (रुपया-पैसा, सोना-चाँदी) से अधिक मूल्यवान धन ज्ञान, तेज बुद्धि और गहरी समझ है। जिस व्यक्ति के पास यह बौद्धिक धन होता है, उसे जीवन में कभी कोई कमी महसूस नहीं होती और वह हमेशा दूसरों के बराबर या उनसे बेहतर ही रहता है।

(ख) “हर वस्तु और स्थिति को पूर्णतः समझने और जानने का प्रयास करो। कुछ भी तुम्हारी दृष्टि से न बच पाए।”
उत्तर देखेंइस पंक्ति का अर्थ है कि हमें अपने आसपास की हर चीज और हर हालात को बहुत ध्यान से देखना और पूरी तरह से समझना चाहिए। हमें अपनी अवलोकन शक्ति इतनी तेज कर लेनी चाहिए कि कोई भी छोटी-से-छोटी बात हमारी नजरों से ओझल न हो।

(ग) “हमने अपने परिवेश को पैनी दृष्टि से देखने और बुद्धि से सोचने के प्रयास में बहुत समय लगाया है।”
उत्तर देखेंइस पंक्ति का अर्थ है कि भाइयों ने अपने आसपास के वातावरण को बहुत बारीकी से देखने और जो कुछ भी वे देखते हैं, उस पर अपनी बुद्धि का प्रयोग करके तर्कपूर्ण निष्कर्ष निकालने का लंबे समय तक अभ्यास किया है। यही उनकी असाधारण समझ का कारण है।

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मिलकर करें मिलान

इस लोककथा में से चुनकर कुछ वाक्य नीचे स्तंभ 1 में दिए गए हैं। उनके भाव या अर्थ से मिलते-जुलते वाक्य स्तंभ 2 में दिए गए हैं। स्तंभ 1 के वाक्यों को स्तंभ 2 के उपयुक्त वाक्यों से सुमेलित कीजिए –

कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 2 प्रश्न 1

उत्तर:

कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 2 उत्तर 1

कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 2 सोच-विचार पर आधारित प्रश्न

सोच-विचार के लिए

लोककथा को एक बार फिर ध्यान से पिढ़ए पता लगाइए और लिखिए-
(क) तीनों भाइयों ने बिना ऊँट को देखे उसके विषय में कैसे बता दिया था?
उत्तर देखेंतीनों भाइयों ने अपनी पैनी दृष्टि और बुद्धि का प्रयोग करके ऊँट के विषय में बताया था:
बड़ा ऊँट: सबसे बड़े भाई ने धूल पर ऊँट के पैरों के बड़े चिह्नों को देखकर यह अनुमान लगाया।
एक आँख से काना: मझले भाई ने देखा कि सड़क के केवल दायीं ओर की घास चरी गई थी, जबकि बायीं ओर की घास वैसी ही थी।
महिला और बच्चा सवार: सबसे छोटे भाई ने रेत पर ऊँट के घुटने टेककर बैठने के निशान, एक महिला के जूतों के चिह्न और साथ ही बच्चे के छोटे-छोटे पैरों के निशान देखे थे।

(ख) आपके अनुसार इस लोककथा में सबसे अधिक महत्व किस बात को दिया गया है- तार्किक सोच, अवलोकन या सत्यवादिता? लोककथा के आधार पर समझाइए।
उत्तर देखेंइस लोककथा में सबसे अधिक महत्व अवलोकन और तार्किक सोच को दिया गया है। पिता ने बेटों को “पैनी दृष्टि” (अवलोकन) और “तीव्र बुद्धि” (तार्किक सोच) का धन संचित करने की सलाह दी थी। भाइयों ने ऊँट और अनार वाली, दोनों ही समस्याओं का समाधान अपने आस-पास की चीजों को ध्यान से देखकर (अवलोकन) और फिर उस जानकारी पर तर्क करके (तार्किक सोच) ही निकाला। उनकी सत्यवादिता भी महत्वपूर्ण थी, लेकिन कहानी का मुख्य केंद्र उनकी अवलोकन और तर्क करने की अद्भुत क्षमता है।

(ग) लोककथा में राजा ने पहले भाइयों पर संदेह किया लेकिन बाद में उन्हें निर्दोष माना। राजा की सोच क्यों बदल गई?
उत्तर देखेंराजा की सोच इसलिए बदल गई क्योंकि भाइयों ने अपनी बुद्धिमानी का प्रमाण दे दिया था। जब राजा ने उनकी परीक्षा लेने के लिए पेटी में रखी वस्तु के बारे में पूछा, तो भाइयों ने अपने अवलोकन और तर्क से बिलकुल सही बता दिया कि उसमें एक कच्चा अनार है। उनके द्वारा दिए गए तार्किक स्पष्टीकरण को सुनकर राजा को विश्वास हो गया कि वे चोर नहीं, बल्कि बहुत बुद्धिमान हैं।

(घ) ऊँट के स्वामी ने भाइयों पर तुरंत संदेह क्यों किया? आपके विचार से उसे क्या करना चाहिए था जिससे उसे अपना ऊँट मिल जाता?
उत्तर देखेंऊँट के स्वामी ने भाइयों पर तुरंत इसलिए संदेह किया क्योंकि उन्होंने उसके ऊँट के बारे में ऐसी बातें (बड़ा होना, एक आँख का न होना, महिला-बच्चे का सवार होना) बता दी थीं जो उसे ही पता थीं, जबकि उसने इस बारे में एक शब्द भी नहीं कहा था। मेरे विचार में, उसे भाइयों पर शक करने की बजाय उनसे यह पूछना चाहिए था कि उन्हें यह सब कैसे पता चला और फिर उनके बताए रास्ते पर जाकर अपने ऊँट को खोजना चाहिए था।

(ङ) पिता ने बेटों को “दूसरे प्रकार का धन” संचित करने की सलाह क्यों दी? इससे पिता के बारे में क्या-क्या पता चलता है?
उत्तर देखेंपिता ने बेटों को “दूसरे प्रकार का धन” (ज्ञान और बुद्धि) संचित करने की सलाह इसलिए दी क्योंकि उनके पास रुपया-पैसा या सोना-चाँदी जैसा भौतिक धन नहीं था। पिता का मानना था कि बुद्धि और पैनी दृष्टि ऐसा धन है जिससे जीवन में कभी कोई कमी नहीं रहती। इससे पिता के बारे में पता चलता है कि वे बहुत बुद्धिमान, दूरदर्शी और ज्ञानी व्यक्ति थे जो भौतिक संपत्ति की तुलना में ज्ञान और कौशल को अधिक महत्व देते थे।

(च) राजा ने भाइयों की परीक्षा लेने के लिए पेटी का उपयोग किया। इस परीक्षा से राजा के व्यक्तित्व और निर्णय शैली के बारे में क्या-क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है?
उत्तर देखेंइस परीक्षा से राजा के व्यक्तित्व और निर्णय शैली के बारे में यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि:
• वह एक निष्पक्ष और न्यायप्रिय शासक है जो बिना जाँच-पड़ताल के किसी को दोषी नहीं मानता।
• वह सुनी-सुनाई बातों पर नहीं, बल्कि प्रमाणों पर विश्वास करता है।
• वह बुद्धिमान है और सही निर्णय पर पहुँचने के लिए स्वयं परिस्थितियों की जाँच करता है।
• उसकी निर्णय शैली साक्ष्य-आधारित और तार्किक है।

(छ) आप इस लोककथा के भाइयों की किस विशेषता को अपनाना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर देखेंमैं इस लोककथा के भाइयों की “पैनी दृष्टि से देखने और बुद्धि से सोचने” की विशेषता को अपनाना चाहूँगा। मैं यह विशेषता इसलिए अपनाना चाहूँगा क्योंकि यह हमें अपने आसपास की दुनिया को बेहतर ढंग से समझने, समस्याओं को सुलझाने और सही निर्णय लेने में मदद करती है, जैसा कि भाइयों ने कहानी में करके दिखाया।

कक्षा 7 मल्हार अध्याय 2 अनुमान और कल्पना पर आधारित प्रश्न

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अनुमान और कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए
(क) यदि राजा ने बिना जाँच के भाइयों को दोषी ठहरा दिया होता तो इस लोककथा का क्या परिणाम होता?
उत्तर देखेंयदि राजा ने बिना जाँच के भाइयों को दोषी ठहरा दिया होता, तो तीनों निर्दोष भाइयों को अन्यायपूर्ण दंड मिलता। राजा एक अन्यायपूर्ण शासक कहलाता और ऊँट के मालिक को भी अपना ऊँट कभी वापस नहीं मिलता। इस कथा की मुख्य शिक्षा कि बुद्धि और अवलोकन सबसे बड़ा धन है, भी व्यर्थ हो जाती।

(ख) यदि भाइयों ने अनार के बारे में सही अनुमान न लगाया होता तो लोककथा का अंत किस प्रकार होता? अपने विचार व्यक्त करें।
उत्तर देखेंयदि भाइयों ने अनार के बारे में सही अनुमान न लगाया होता, तो राजा उन्हें झूठा और चोर मान लेता। उन्हें ऊँट की चोरी के अपराध में कारागार में डाल दिया जाता और शायद कठोर दंड भी मिलता। लोककथा का अंत दुखद होता और उनकी बुद्धिमानी किसी के सामने साबित नहीं हो पाती।

(ग) लोककथा में यदि तीनों भाई ऊँट को खोजने जाते तो उन्हें कौन-कौन सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता था?
उत्तर देखेंयदि तीनों भाई ऊँट को खोजने जाते तो उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता था। वे पहले से ही चालीस दिन चलकर थके हुए थे और उनके पैरों में छाले थे। उन्हें सुनसान-वीरान घाटियों और पहाड़ों से गुजरना पड़ता और खाने-पीने के सामान की कमी का भी सामना करना पड़ता।

(घ) यदि राजा के स्थान पर आप होते तो भाइयों की परीक्षा लेने के लिए किस प्रकार के सवाल या गतिविधियाँ करते? अपनी कल्पना साझा करें।
उत्तर देखेंयदि मैं राजा के स्थान पर होता, तो मैं भाइयों की परीक्षा लेने के लिए उन्हें दरबार में मौजूद किसी मंत्री को केवल देखकर उसके व्यवसाय या आदत के बारे में बताने को कहता। या फिर, मैं दो एक जैसी दिखने वाली वस्तुओं में बहुत मामूली सा अंतर खोजने की चुनौती देता, जिससे उनकी अवलोकन क्षमता का सही पता चल पाता।

शब्द से जुड़े शब्द

नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘बुद्धि’ से जुड़े शब्द अपने समूह में चर्चा करके लिखिए-

कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 2 प्रश्न 2

उत्तर:

कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 2 उत्तर 2

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लोककथा को सुनाना

लोककथा के लिखित रूप में आने से पहले कहानियों का प्रचलन मौखिक रूप में ही पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलता था। इसमें कहानी सुनने-सुनाने और याद रखने की महत्वपूर्ण भूमिका होती थी। कहानी कहने या सुनाने वाला इस तरह से कहानी सुनाता था कि सुनने वालों को रोचक लगे। इसमें कहानी सुनने वालों को आनंद तो आता ही था, कथा उन्हें याद भी हो जाती थी।
अब आप अपने समूह के साथ मिलकर इस लोककथा को रोचक ढंग से सुनाइए। लोककथा को प्रभावशाली और रोचक रूप में सुनाने के लिए नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं जो लोककथा को और भी आकर्षक बना सकते हैं –
कथा सुनाना
• स्वर में उतार-चढ़ाव – लोककथा सुनाते समय स्वर में या आवाज में उतार-चढ़ाव से उत्साह और रहस्य का निर्माण करें। जब लोककथा में कोई रोमांचक या रहस्यमय पल हो तो स्वर धीमा या तीव्र कर सकते हैं।
• भावनाओं की अभिव्यक्ति – भावनाओं को प्रकट करने के लिए स्वर का सही चयन करें, जैसे— खुशी, दुख, आश्चर्य आदि को स्वर के माध्यम से दर्शाएँ।
• लोककथा के पात्रों के लिए अलग-अलग स्वर – जब लोककथा में अलग-अलग पात्र हों तो हर पात्र के लिए अलग स्वर (ऊँचा, नीचा, तेज, धीमा आदि) का उपयोग किया जा सकता है ताकि उन्हें पहचाना जा सके।
• हाथों और शरीर का उपयोग – जब आप लोककथा में किसी घटना का वर्णन करें तब शारीरिक मुद्राओं और चेहरे के भावों का उपयोग किया जा सकता है।
• हास्य का प्रयोग – जब कोई हास्यपूर्ण या आनंददायक दृश्य हो तो चेहरे की मुसकान और हँसी के साथ उसे प्रस्तुत करें।
• विवरणात्मक भाषा का उपयोग – लोककथा में वर्णित स्थानों और पात्रों को इस प्रकार प्रस्तुत करें कि श्रोता उनकी छवि अपने मन में बना सकें।
• रोचक मोड़— एक-दो बार लोककथा के रोमांचक मोड़ों पर थोड़ी देर के लिए रुकें या श्रोताओं में उत्सुकता होने दें, जैसे— “क्या आप जानना चाहते हैं कि आगे क्या हुआ?”
• संवादों को स्पष्ट और प्रासंगिक बनाना— पात्रों के संवाद इस तरह से प्रस्तुत करें कि वे मौलिक लगें।
उत्तर देखेंयदि मैं अपने समूह के साथ मिलकर इस लोककथा “तीन बुद्धिमान” को सुनाऊँ, तो हम इसे रोचक और प्रभावशाली बनाने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाएँगे। सबसे पहले, हम कहानी को सुनाते समय अपने स्वर में उतार-चढ़ाव लाएँगे, ताकि रोमांचक और रहस्यमय पल श्रोताओं को और ज्यादा आकर्षक लगें।
हम सब मिलकर कहानी के पात्रों की भूमिका बाँट लेंगे—कोई सबसे बड़ा भाई बनेगा, कोई मझला और कोई छोटा भाई। हर पात्र की आवाज़ अलग-अलग रखी जाएगी—किसी की आवाज़ ऊँची, किसी की धीमी, ताकि लोग पहचान सकें कि कौन बोल रहा है।
कहानी सुनाते समय हम चेहरे के भाव और हाथों की मुद्राओं का प्रयोग करेंगे। जैसे जब भाइयों पर चोरी का आरोप लगाया जाता है, तब हम घबराहट और चिंता का भाव चेहरे से दिखाएँगे, और जब वे बुद्धिमानी से जवाब देंगे तो आत्मविश्वास झलकेगा।
जहाँ हास्य या आनंद के पल होंगे, वहाँ हम हँसी और मुस्कान के साथ उसे प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा स्थान और घटनाओं का विवरण इस तरह देंगे कि श्रोता अपने मन में पूरा दृश्य बना लें।
जब कहानी में रोचक मोड़ आएगा, जैसे राजा ने पेटी में क्या है यह पूछने का समय, तो हम थोड़ी देर रुकेंगे और उत्सुकता बढ़ाएँगे—“क्या आप जानना चाहते हैं कि उसमें क्या था?”
इस तरह समूह में मिलकर हम लोककथा को इतना रोचक और जीवंत बना देंगे कि श्रोता मंत्रमुग्ध होकर सुनें और उन्हें यह कहानी लंबे समय तक याद रहे।

कारक

नीचे दिए गए वाक्य को ध्यान से पढ़िए-
“भाइयों जवाब दिया”
यह वाक्य कुछ अटपटा लग रहा है न? अब नीचे दिए गए वाक्य को पढ़िए-
‘भाइयों ने जवाब दिया।”
इन दोनों वाक्यों में अंतर समझ में आया? बिलकुल सही पहचाना आपने! दूसरे वाक्य में “ने” शब्द “भाइयों” और “जवाब दिया” के बीच संबंध को जोड़ रहा है। संज्ञा या सवर्नाम के साथ प्रयुक्त होने वाले शब्दों के ऐसे रूपों को कारक या परसर्ग कहते हैं। कारक शब्दों के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं-
ने, को, पर, से, के द्वारा, का, में, के लिए, की, के, हे, हो, अरे
नीचे दिए गए वाक्यों में कारक लिखकर इन्हें पूरा कीजिए –
1. “हमने तो तुम्हारे ऊँट ____ देखा तक नहीं”, भाइयों ____ परेशान होते हुए कहा।
2. “मैं अपने रेवड़ों ____ पहाड़ों ____ लिये जा रहा था”, उसने कहा, “और मेरी पत्नी मेरे छोटे-से बेटे ____ साथ एक बड़े-से ऊँट ____ मेरे पीछे-पीछे आ रही थी।”
3. राजा ____ उसी समय अपने मंत्री ____ बुलाया और उसके कान ____ कुछ फुसफुसाया।
4. यह सुनकर राजा ____ पेटी ____ पास लाने ____ आदेश दिया। सेवकों ____ तुरंत आदेश पूरा किया। राजा ____ सेवकों ____ पेटी खोलने ____ लिए कहा।
उत्तर देखें1. “हमने तो तुम्हारे ऊँट को देखा तक नहीं”, भाइयों ने परेशान होते हुए कहा।
2. “मैं अपने रेवड़ों को पहाड़ों पर लिये जा रहा था”, उसने कहा, “और मेरी पत्नी मेरे छोटे-से बेटे के साथ एक बड़े-से ऊँट पर मेरे पीछे-पीछे आ रही थी।”
3. राजा ने उसी समय अपने मंत्री को बुलाया और उसके कान में कुछ फुसफुसाया।
4. यह सुनकर राजा ने पेटी को पास लाने का आदेश दिया। सेवकों ने तुरंत आदेश पूरा किया। राजा ने सेवकों से पेटी खोलने के लिए कहा।

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सूचनापत्र

कल्पना कीजिए कि आप इस लोककथा के वह घुड़सवार हैं जिसका ऊँट खो गया है। आप अपने ऊँट को खोजने के लिए एक सूचना कागज पर लिखकर पूरे शहर में जगह-जगह चिपकाना चाहते हैं। अपनी कल्पना और लोककथा में दी गई जानकारी के आधार पर एक सूचनापत्र लिखिए।

कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 2 प्रश्न 3

उत्तर:

कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 2 उत्तर 3

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आपकी बात

1. लोककथा में तीन भाइयों की पैनी दृष्टि की बात कही गई है। क्या आपने कभी अपनी पैनी दृष्टि का प्रयोग किसी समस्या को हल करने के लिए किया है” उस समस्या और आपके द्वारा दिए गए हल के विषय में लिखिए।
उत्तर देखेंहाँ, एक बार मेरी पेंसिल गायब हो गई थी। सबको लगा किसी ने उठा ली है, लेकिन मैंने ध्यान से टेबल और बैग के पास देखा तो पाया कि वह मेरी कॉपी के बीच फँसी हुई थी। इस तरह मैंने अपनी पैनी दृष्टि से समस्या हल कर ली।

2. लोककथा में बताया गया है कि भाइयों ने “बचपन से हर वस्तु पर ध्यान देने की आदत डाली।” यदि आपने ऐसा किया है तो आपको अपने जीवन में इसके क्या-क्या लाभ मिलते हैं
उत्तर देखेंहाँ, मैं भी रोज़ चीज़ों पर ध्यान देता हूँ। इससे मुझे पढ़ाई में लाभ मिलता है। अध्यापक जब कोई बात समझाते हैं तो मैं छोटे-छोटे बिंदुओं पर ध्यान रखता हूँ और बाद में आसानी से याद कर लेता हूँ।

3. लोककथा में भाइयों को यात्रा करते समय अनेक किठनाइयाँ आई, जैसे- भूख, थकान और पैरों में छाले। आप अपने दैनिक जीवन में किन-किन किठनाइयों का सामना करते हैं? लिखिए।
उत्तर देखेंमेरे दैनिक जीवन में भी कठिनाइयाँ आती हैं, जैसे—सुबह जल्दी उठना मुश्किल लगता है, कभी-कभी स्कूल का होमवर्क ज़्यादा हो जाता है और गर्मी के दिनों में बिजली चली जाए तो पढ़ाई करना कठिन हो जाता है।

4. भाइयों ने बिना देखे ही ऊँ ट के बारे में सही-सही बातें बताई। क्या आपको लगता है कि अनुभव और समझ से देखे बिना भी सही निणर्य लिया जा सकता है? क्या आपने भी कभी ऐसा किया है?
उत्तर देखेंहाँ, अनुभव और समझ से सही निर्णय लिया जा सकता है। एक बार मैंने बिना घड़ी देखे अनुमान लगाया कि छुट्टी होने वाली है, क्योंकि घंटी से पहले अध्यापक अपनी किताबें समेट रहे थे। सचमुच तभी छुट्टी हो गई।

5. जब ऊँ ट के स्वामी ने भाइयों पर शंका की तो भाइयों ने बिना गुस्सा किए शांति से उत्तर दिया। क्या आपको लगता है कि कभी किसी को संदेह होने पर हमें भी शांत रहकर उत्तर देना चाहिए? क्या आपने कभी ऐसी स्थिति का सामना किया है? ऐसे में आपने क्या किया?
उत्तर देखेंहाँ, हमें शांत रहकर उत्तर देना चाहिए। एक बार मेरे दोस्त को लगा कि मैंने उसकी रबर ले ली है। मैंने गुस्सा नहीं किया, बस शांत होकर बताया कि मैंने नहीं ली और बाद में उसे अपनी ही कॉपी के बीच से रबर मिल गई।

6. राजा ने भाइयों को बुद्धिमानी देखकर बहुत आश्चर्य व्यक्त किया। क्या आपको कभी किसी की सोच, समझ या किसी विशेष कौशल को देखकर आश्चर्य हुआ है? क्या आपने कभी किसी से कुछ ऐसा सीखा है जो आपके लिए बिलकुल नया और चौंकाने वाला हो?
उत्तर देखेंहाँ, मेरे एक दोस्त को गणित में बहुत तेज़ी से सवाल हल करना आता है। जब मैंने देखा कि वह बड़ी-बड़ी संख्याओं का गुणा तुरंत कर लेता है, तो मुझे आश्चर्य हुआ। मैंने उससे ट्रिक सीखी और अब मैं भी तेज़ी से सवाल हल कर लेता हूँ।

7. लोककथा में पिता ने अपने बेटों को यह सलाह दी कि वे समझ और ज्ञान जमा करें। क्या आपको कभी किसी बड़े व्यक्ति से ऐसी कोई सलाह मिली है जो आपके जीवन में उपयोगी रही हो? क्या आप भी अपने अनुभव से किसी को ऐसी सलाह देंगे?
उत्तर देखेंहाँ, मेरी दादी मुझे हमेशा कहती हैं कि पढ़ाई को कभी बोझ मत समझो, यह तुम्हारा असली धन है। यह सलाह मेरे लिए बहुत उपयोगी रही। मैं भी अपने छोटे भाई को यही सलाह दूँगा कि मेहनत से पढ़ाई करो, यह तुम्हें हमेशा आगे बढ़ाएगी।

8. भाइयों ने अपने ऊपर लगे आरोपों के होते हुए भी सदा सच्चाई का साथ दिया। क्या आपको लगता है कि सदा सच बोलना महत्वपूर्ण है, भले ही स्थिति किठन क्यों न हो? क्या आपको किसी समय ऐसा लगा है कि आपको सच्चाई ने आपको समस्याओं से बाहर निकाला हो?
उत्तर देखेंहाँ, सच बोलना बहुत जरूरी है। एक बार मैंने खेलते समय घर का गिलास तोड़ दिया। पहले तो डर लगा, पर मैंने माँ को सच्चाई बता दी। माँ ने मुझे डाँटा नहीं बल्कि समझाया कि आगे से ध्यान रखना। इससे मैंने सीखा कि सच बोलने से समस्या हल हो जाती है।

ध्यान से देखना-सुनना-अनुभव करना

“बचपन से ही हमें ऐसी आदत पड़ गई है कि हम किसी वस्तु को अपनी दृष्टि से नहीं चूकने देते। हमने वस्तुओं को पैनी दृष्टि से देखने और बुद्धि से सोचने के प्रयास में बहुत समय लगाया है।”
इस लोककथा में तीनों भाई आसपास की प्रत्येक घटना, वस्तु आदि को ध्यान से देखते, सुनते, सूँघते और अनुभव करते हैं अथार्त् अपनी ज्ञानेंद्रियों और बुद्धि का पूरा उपयोग करते हैं। ज्ञानेंद्रियाँ पाँच होती हैं— आँख, कान, नाक, जीभ और त्वचा। आँख से देखकर, कान से सुनकर, नाक से सूँघकर, जीभ से चखकर और त्वचा से स्पर्श करके हम किसी वस्तु के विषय में ज्ञान प्राप्त करते हैं। आइए, अब एक खेल खेलते हैं जिसमें आपको अपनी ज्ञानेंद्रियों और बुद्धि का उपयोग करने के अवसर मिलेंगे।
(क) ‘हाँ’ या ‘नहीं’ प्रश्न-उत्तर खेल
चरण –
1. एक विद्यार्थी कक्षा से बाहर जाकर दिखाई देने वाली किसी एक वस्तु या स्थान का नाम चुनेगा। कक्षा के भीतर से भी कोई नाम चुना जा सकता है।
2. विद्यार्थी वापस कक्षा में आएगा और उस नाम को एक कागज पर लिख लेगा। लेकिन ध्यान रहे, वह कागज पर लिखे नाम को किसी को न दिखाए।
3. अन्य विद्यार्थी बारी-बारी से उस वस्तु का नाम पता करने के लिए प्रश्न पूछेंगे।
4. प्रत्येक प्रश्न का उत्तर केवल ‘हाँ’ या ‘नहीं’ में दिया जाएगा।
उदाहरण के लिए—
• क्या इस वस्तु का उपयोग कक्षा में होता है?
• क्या यह खाने-पीने की चीज है?
• क्या यह लकड़ी से बनी है?
• क्या यह बिजली से चलती है?
5. सभी विद्यार्थी अधिकतम 20 प्रश्न ही पूछ सकते हैं। इसलिए उन्हें सोच-समझकर प्रश्न पूछने होंगे ताकि वे उस वस्तु का नाम पता कर सकें।
6. यदि 20 प्रश्नों के अंदर विद्यार्थी वस्तु का सही अनुमान लगा लेते हैं तो वे जीत जाएँगे।
7. अब दूसरे विद्यार्थी को बाहर भेजकर गतिविधि दोहराएँगे।
8. गतिविधि के अंत में सभी मिलकर इस खेल से जुड़े अपने अनुभवों के बारे में चर्चा करें।
उत्तर देखेंयह क्रियाकलाप पर आधारित गतिविधि है इसलिए विद्यार्थी अपने समूह के साथ स्वयं करें।

(ख) गतिविधि— ‘स्पर्श, गंध और स्वाद से पहचानना’
1. एक थैले या डिब्बे में (सावधानीपूर्वक एवं सुरक्षित) विभिन्न वस्तुएँ (जैसे— फल, फूल, मसाले, खिलौने, कपड़े, किताब, गुड़ आदि) रखें।
2. विद्यार्थियों को आँखों पर पट्टी बाँधकर केवल स्पर्श, गंध या स्वाद का उपयोग करके वस्तु की पहचान करनी होगी और उसका नाम बताना होगा।
3. बारी-बारी से प्रत्येक विद्यार्थी को बुलाकर उसकी आँखों पर पट्टी बाँधें।
4. उसे डिब्बे से एक वस्तु दी जाए। विद्यार्थी उसे छूकर, सूँघकर, चखकर पहचानने का प्रयास करेंगे।
5. सही पहचान करने के बाद विद्यार्थी बताएँगे कि उन्होंने उस वस्तु को कैसे पहचाना।
6. एक-एक करके सभी विद्यार्थियों को अलग-अलग वस्तुओं को पहचानने का अवसर मिलेगा।
7.अंत में सभी वस्तुओं को कक्षा में दिखाएँ और उनके बारे में चर्चा करें कि किस वस्तु को पहचानना आसान या कठिन लगा।
उत्तर देखेंयह क्रियाकलाप पर आधारित गतिविधि है इसलिए विद्यार्थी अपने समूह के साथ स्वयं करें।

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आज की पहेली

आपने पढ़ा कि तीनों बुद्धिमान भाई किस प्रकार अपने अवलोकन से वे बातें भी जान जाते थे जो अन्य लोग नहीं जान पाते। अब आपके सामने कुछ पहेलियाँ प्रस्तुत हैं जहाँ आपको कुछ संकेत दिए जाएँगे। संकेतों के आधार पर आपको उत्तर खोजने हैं –
1. कौन है यह प्राणी?
1. इसकी लंबी पूँछ होती है जो पेड़ों की शाखाओं के चारों ओर लिपटी रहती है।
2. इसका मुख्य आहार कीट और छोटे जीव होते हैं जिन्हें यह चुपके से पकड़ता है।
3. यह प्राणी अपने परिवेश में घुल-मिल जाता है और अपनी रंगत को बदल सकता है।
4. इसके पास तेज आँखें होती हैं जो चारों दिशाओं में देख सकती हैं।
उत्तर देखेंयह प्राणी गिरगिट है।

2. रंगीन डिब्बे
एक मेज पर चार रंगीन डिब्बे बराबर-बराबर रखे हैं – लाल, हरा, नीला और पीला। बताइए पीले डिब्बे के बराबर में कौन-सा डिब्बा है? यदि –
1. लाल डिब्बा नीले डिब्बे के पास है।
2. हरा डिब्बा पीले डिब्बे के पास नहीं है।
3. पीला डिब्बा लाल डिब्बे के पास नहीं है।
4. हरा डिब्बा लाल डिब्बे के पास है।
उत्तर देखेंनीला डिब्बा।

कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 2 का सारांश

यह कहानी एक व्यक्ति और उसके तीन बेटों की है। पिता अपने बेटों को धन-दौलत के बजाय पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि को अर्जित करने की सीख देता है। पिता के निधन के बाद तीनों भाई संसार घूमने निकलते हैं। रास्ते में वे अपनी पैनी दृष्टि से ऊँट के आकार, उसकी एक आँख से न देख पाने की कमी, और उस पर महिला व बच्चे के सवार होने तक का अनुमान लगा लेते हैं।
एक घुड़सवार उन पर ऊँट चोरी का झूठा आरोप लगाकर राजा के दरबार में ले जाता है। राजा पहले संदेह करता है, फिर उनकी बुद्धिमानी की परीक्षा लेता है। वे बिना देखे ही पेटी में रखे कच्चे अनार का अनुमान सही बताते हैं। इससे राजा को उनकी प्रतिभा का यकीन हो जाता है। अंततः राजा उनकी सराहना करता है और उन्हें अपने दरबार में रख लेता है।

कक्षा 7 हिंदी मल्हार अध्याय 2 की मुख्य शिक्षा

► असली धन पैनी दृष्टि और तीक्ष्ण बुद्धि है, न कि केवल रुपया-पैसा।
► परिस्थितियों को ध्यान से देखकर और विवेक से सोचकर बहुत कुछ समझा जा सकता है।
► सच्चाई और बुद्धिमत्ता अंततः सम्मान दिलाती है।