एनसीईआरटी समाधान कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 6 संगतकार
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 6 संगतकार (मंगलेश डबराल) के NCERT समाधान (सत्र 2025-26) विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। पाठ के सभी प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में मिलते हैं। इनसे छात्र कविता को आसानी से समझ सकते हैं। सभी उत्तर नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार किए गए हैं। ये समाधान विशेषज्ञ शिक्षकों की टीम द्वारा तैयार किए गए हैं। परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में भी ये सहायक हैं।
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज पाठ 6 MCQ
कक्षा 10 हिंदी सभी अध्यायों के उत्तर
संगतकार कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 6 के प्रश्न उत्तर
1. संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है?
उत्तर देखेंसंगतकार के माध्यम से कवि किसी भी कार्य अथवा कला में लगे सहायक कर्मचारियों और कलाकारों की ओर संकेत कर रहा है। जैसे संगतकार मुख्य गायक के साथ मिलकर उसके सुरों में अपने सुरों को मिलाकर उसके गायन में नई जान फूँकता है और उसका सारा श्रेय मुख्य गायक को ही प्राप्त होता है।
2. संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और किन-किन क्षेत्रें में दिखाई देते हैं?
उत्तर देखेंसंगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा बड़े बड़े नेताओं, अभिनेताओं, संतों-महात्माओं के साथ भी इसी प्रकार सहयोग करते हैं। नेताओं के इर्द-गिर्द रहने वाले सभी सहायक उपनेता अपने बड़े नेता के महत्त्व को बढ़ाने में लगे रहते हैं। आम कार्यकर्ता, झंडे लगाने वाले नारे लगाने वाले कार्यकर्ता संगतकार की भूमिका ही निभाते हैं।
3. संगतकार किन-किन रूपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद करते हैं?
उत्तर देखेंसंगतकार अपनी आवाज़ की गूँज को मुख्य गायक के साथ मिलाकर उसकी आवाज़ को बल प्रदान करते हैं और ‘स्थायी’ (मूलपंक्ति) को खोने नहीं देते। जब मुख्य गायक का गला बैठने लगता है और आवाज टूटने लगती है तब वे अपनी आवाज़ मिलाकर मुख्य गायक को सहयोग देते हैं।
4. भाव स्पष्ट कीजिए-
और उसकी आवाज में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
उसे विफलता नहीं
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
उत्तर देखेंइन पंक्तियों का भाव यह है कि जब कोई व्यक्ति धीमे स्वर में बोलता है, उसके शब्दों में हिचकिचाहट होती है या वह अपनी आवाज़ ऊँची नहीं करता, तो इसे उसकी कमजोरी या असफलता नहीं मानना चाहिए। यह उसकी संवेदनशीलता, विनम्रता और मनुष्यता का प्रतीक है। ऐसे व्यवहार में उसकी कोमलता, दूसरों के प्रति सम्मान और संवाद में शांति बनाए रखने की इच्छा झलकती है। इसलिए इसे नकारात्मक दृष्टि से नहीं, बल्कि मानवीय गुण के रूप में देखना चाहिए।
5. किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह-तरह से अपना योगदान देते हैं। कोई एक उदाहरण देकर इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर देखेंकिसी भी क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों की सफलता में अनेक लोगों का योगदान होता है जो पर्दे के पीछे रह जाते हैं और उनका उनके काम का श्रेय नहीं मिल पाता। जैसे:- जब एक अभिनेता को प्रसिद्धि प्राप्त होती है तो उसमें निर्देशक,निर्माता, सह कलाकार, गीतकार, नृत्यकार, आदि लोगों का सहयोग होता है।
6. कभी-कभी तारसप्तक की ऊँचाई पर पहुँचकर मुख्य गायक का स्वर बिखरता नजर आता है उस समय संगतकार उसे बिखरने से बचा लेता है। इस कथन के आलोक में संगतकार की विशेष भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखेंतार सप्तक में गायन करते समय मुख्य गायक या गाय का का स्वर जब ऊंचाई तक पहुंच जाता है जिसके कारण स्वर्ग के टने का आभास होने लगता है उनकी आवाज बिखरने लगती है इसी कारण में अपने कंठ से धनी का विस्तार करने में कमजोर हो जाता है।
7. सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान यदि व्यक्ति लड़खड़ाता है तब उसे सहयोगी किस तरह सँभालते हैं?
उत्तर देखेंसफलता पर पहुँच कर यदि व्यक्ति लड़खड़ाने लग जाता है तो इसके सहयोगी अपने सुझावों द्वारा उसके कदमों को नई दिशा देते हैं, अपने मनोबल द्वारा इसके मनोबल को सँभालते हैं तथा उसका मार्गदर्शन करते हैं। उसकी खोई आत्मशक्ति को एकत्र कर और फिर से उठने की हिम्मत देते हैं वह उसकी प्रेरणा स्रोत बन उसके जीवन में नया संबल बनते हैं।
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 6 रचना और अभिव्यक्ति
8. कल्पना कीजिए कि आपको किसी संगीत या नृत्य समारोह का कार्यक्रम प्रस्तुत करना है लेकिन आपके सहयोगी कलाकार किसी कारणवश नहीं पहुँच पाएँ-
(क) ऐसे में अपनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर देखेंअपनी स्थिति का वर्णन: उस दिन मुझे स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम में मंच पर संगीत-प्रस्तुति देनी थी। मैं पूरी तैयारी के साथ पहुँचा, लेकिन जैसे ही कार्यक्रम शुरू होने वाला था, मुझे पता चला कि मेरे साथ प्रस्तुति देने वाले बाकी कलाकार नहीं आ पाए हैं। उस समय मेरे मन में घबराहट और चिंता दोनों आ गईं। दर्शकों की भीड़ देख कर मेरे हाथ ठंडे पड़ गए और दिमाग में सवाल चलने लगे कि अब अकेले मैं क्या करूँगा। फिर भी, मैंने मन को संभालने की कोशिश की।
(ख) ऐसी परिस्थिति का आप कैसे सामना करेंगे?
उत्तर देखेंसामना करने का तरीका: मैंने सोचा कि अगर बाकी लोग नहीं आए तो भी कार्यक्रम रुकना नहीं चाहिए। मैंने तुरंत निर्णय लिया कि मैं अकेले ही अपनी प्रस्तुति दूँगा। भले ही अभ्यास सामूहिक था, लेकिन मैंने अपने हिस्से को बढ़ाकर, कुछ नए बोल जोड़कर और मंच पर आत्मविश्वास बनाए रखकर प्रदर्शन किया। मैंने मुस्कुराते हुए दर्शकों से संवाद किया, ताकि माहौल हल्का रहे। अंत में कार्यक्रम सफल रहा और मुझे यह अनुभव मिला कि कठिन परिस्थिति में घबराने के बजाय तुरंत समाधान ढूँढना चाहिए।
9. आपके विद्यालय में मनाए जाने वाले सांस्कृतिक समारोह में मंच के पीछे काम करने वाले सहयोगियों की भूमिका पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर देखेंये सहायक लोग ही कार्यक्रम के लिए आवश्यक वस्तुओं को एकत्र करते हैं, साज-सज्जा में विशेष योगदान देते हैं। वे अतिथियों के बैठने की व्यवस्था सँभालते हैं। मंच पर प्रकाश का उचित प्रबंध करते हैं। परदे के पीछे कुछ लोग रिकॉर्डिंग समय पर बजाकर कलाकारों की मदद करते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करते हैं।
10. किसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर क्यों नहीं पहुँच पाते होंगे?
उत्तर देखेंकिसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर नहीं पहुँच पाते क्योंकि संगतकार जब मुख्य गायक के पीछे- पीछे गाता है वह अपनी आवाज़ को मुख्य गायक की आवाज़ से अधिक ऊँचें स्वर में नहीं जाने देते ताकि मुख्य गायक की महत्ता कम न हो जाए।
पाठेतर सक्रियता
1. आप फिल्में तो देखते ही होंगे। अपनी पसंद की किसी एक फिल्म के आधार पर लिखिए कि उस फिल्म की सफलता में अभिनय करने वाले कलाकारों के अतिरिक्त और किन-किन लोगों का योगदान रहा।
उत्तर देखेंमैंने हाल ही में 3 Idiots फिल्म देखी, जो मुझे बहुत पसंद आई। इस फिल्म की सफलता में सिर्फ़ अभिनय करने वाले कलाकारों का ही योगदान नहीं था, बल्कि इसके पीछे कई लोगों की मेहनत लगी थी।
सबसे पहले, निर्देशक राजकुमार हिरानी का योगदान बहुत बड़ा था, जिन्होंने कहानी को जीवंत तरीके से प्रस्तुत किया। कहानीकार और पटकथा लेखक ने ऐसा रोचक और सार्थक कथानक लिखा, जिसमें हास्य के साथ-साथ एक गहरी सीख भी थी। संगीतकार ने गीत और पृष्ठभूमि संगीत तैयार किया, जिससे भावनाएँ और भी प्रभावी बनीं। छायाकार (कैमरामैन) ने हर दृश्य को खूबसूरती से कैद किया और संपादक ने अनावश्यक हिस्सों को हटाकर फिल्म को सटीक और रोचक बनाया।
इसके अलावा, कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर, मेकअप आर्टिस्ट, साउंड इंजीनियर, सेट डिज़ाइनर और पूरी तकनीकी टीम ने मेहनत की, तभी फिल्म दर्शकों तक बेहतरीन रूप में पहुँची। इस तरह एक फिल्म की सफलता कई लोगों के सामूहिक प्रयास से संभव होती है।
2. आपके विद्यालय में किसी प्रसिद्ध गायिका की गीत प्रस्तुति का आयोजन है –
(क) इस संबंध पर सूचना पट के लिए एक नोटिस तैयार कीजिए।
उत्तर देखेंतिवारी अकादमी लर्निंग स्कूल, दिल्ली
दिनांक: 14 अक्टूबर 2025
सूचना
सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि हमारे विद्यालय में दिनांक 20 अक्टूबर 2025, समय प्रातः 10:00 बजे, विद्यालय के सभागार में प्रसिद्ध गायिका *वान्या शुक्ला* की गीत प्रस्तुति का आयोजन किया जा रहा है। वे अपने सुरीले गीतों से हमें सुर-संगीत की सुंदर दुनिया में ले जाएँगी। सभी विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य है।
संयोजक
(सांस्कृतिक समिति)
(ख) गायिका व उसके संगतकारों का परिचय देने के लिए आलेख (स्क्रिप्ट) तैयार कीजिए।
उत्तर देखेंगायिका और संगतकारों का परिचय देने के लिए आलेख (स्क्रिप्ट)
“माननीय प्राचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे साथियों,
आज हमें बहुत गर्व है कि हमारे बीच भारत की सुप्रसिद्ध गायिका वान्या शुक्ला जी उपस्थित हैं। वान्या जी का जन्म प्रयागराज में हुआ और इन्होंने बचपन से ही संगीत की शिक्षा लेना प्रारंभ किया। इन्होंने शास्त्रीय और सुगम संगीत दोनों में महारत हासिल की है। इनके गाए गीत अनेक संगीत समारोहों और टीवी कार्यक्रमों में सराहे गए हैं।
आज इनके साथ तबले पर श्री अनंत तिवारी, हारमोनियम पर श्री निखिल मिश्रा और बांसुरी पर श्री दीपक जोशी हमारा साथ देंगे। ये सभी संगतकार अपने-अपने वाद्ययंत्रों में वर्षों का अनुभव रखते हैं और देश-विदेश में कई मंचों पर प्रस्तुति दे चुके हैं।
आइए, हम सभी तालियों की गड़गड़ाहट से वान्या शुक्ला जी और उनकी पूरी टीम का स्वागत करें।”
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 6 अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
संगतकार किसका साथ देता है?
उत्तर देखेंसंगतकार मुख्य गायक के भारी, चट्टान जैसे स्वर का सहयोग करता है, उसकी गूँज को पुराने समय से जोड़ता है।
संगतकार की आवाज़ कैसी है?
उत्तर देखेंसंगतकार की आवाज़ सुंदर लेकिन कमजोर, काँपती हुई है, जिसमें एक स्पष्ट हिचक भी दिखती है।
मुख्य गायक से संगतकार का क्या संबंध हो सकता है?
उत्तर देखेंसंगतकार मुख्य गायक का छोटा भाई, शिष्य या दूर का कोई रिश्तेदार हो सकता है जो पैदल चलकर सीखने आया हो।
संगतकार कब विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है?
उत्तर देखेंजब मुख्य गायक अंतरे की जटिल तानों में खो जाता है या सरगम से भटक जाता है, तब संगतकार स्थायी को संभालता है।
संगतकार क्या समेटता है?
उत्तर देखेंसंगतकार मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान समेटता है, जैसे उसे उसके नौसिखिए बचपन की याद दिलाता है।
तारसप्तक में गायक की क्या दशा होती है?
उत्तर देखेंतारसप्तक में गायक का गला बैठने लगता है, प्रेरणा छोड़ती है, उत्साह डूबता है और आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता सा लगता है।
गायक की हताशा में संगतकार क्या करता है?
उत्तर देखेंगायक की निराशा में संगतकार का स्वर कहीं से आकर उसे ढाढ़स बंधाता है, यह बताता है कि वह अकेला नहीं है।
संगतकार क्यों देता है साथ?
उत्तर देखेंसंगतकार यूँ ही साथ देकर यह बताता है कि गायक अकेला नहीं है और राग को फिर से गाया जा सकता है।
संगतकार की आवाज़ में क्या विशेषता है?
उत्तर देखेंउसकी आवाज़ में एक स्पष्ट हिचक है और वह अपने स्वर को जानबूझकर ऊँचा नहीं उठाने की कोशिश करता है।
उसकी हिचक को क्या नहीं समझना चाहिए?
उत्तर देखेंउसकी आवाज़ की हिचक और स्वर को न उठाने की कोशिश को विफलता नहीं, बल्कि उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
कविता में संगतकार को किससे तुलना की गई है?
उत्तर देखेंसंगतकार को उस सहयोगी से तुलना की गई है जो मुख्य गायक के पीछे छूटे सामान को समेटता है।
संगतकार गायक को क्या याद दिलाता है?
उत्तर देखेंवह गायक को उस समय की याद दिलाता है जब वह खुद एक नौसिखिया था।
मुख्य गायक कब भटक जाता है?
उत्तर देखेंमुख्य गायक तब भटक जाता है जब वह अंतरे की जटिल तानों के जंगल में खो जाता है या अपने सरगम को लाँघकर अनहद में चला जाता है।
“आवाज से राख जैसा कुछ गिरता हुआ” का क्या अर्थ है?
उत्तर देखेंइसका अर्थ है कि गायक की आवाज़ थकी हुई, बिखरी हुई और निराशाजनक लगने लगती है, जैसे उसका उत्साह ठंडा पड़ गया हो।
कविता का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर देखेंकविता का मुख्य विषय एक सहायक (संगतकार) की विनम्र, सहयोगी और स्थिर कर देने वाली भूमिका का महत्व है।
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 6 लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
संगतकार की भूमिका का वर्णन कीजिए।
उत्तर देखेंसंगतकार मुख्य गायक के भारी स्वर को एक कमजोर, काँपती हुई पर सुंदर गूँज देकर सहारा प्रदान करता है। वह स्थायी को थामे रखता है, खासकर जब गायक जटिल तानों में भटक जाता है। वह पीछे छूटे सामान को समेटने वाले की तरह गायक को स्थिरता और उसके नौसिखिएपन की याद दिलाता है, यह बताता है कि गायक अकेला नहीं है।
मुख्य गायक के भटक जाने पर संगतकार क्या करता है?
उत्तर देखेंजब मुख्य गायक अंतरे की पेचीदा तानों के “जंगल” में खो जाता है या अपने सरगम की सीमाओं को पार करके “अनहद” (अनंत, अव्यवस्थित) में भटक जाता है, तब संगतकार की भूमिका अहम हो जाती है। वह स्थायी (मुख्य धुन/बोल) को सँभाले रखता है, जैसे एक सुरक्षित आधार प्रदान करता हो। यह कार्य गायक को वापस रास्ते पर लाने और उसे स्थिर करने में मदद करता है।
संगतकार मुख्य गायक को कैसे सांत्वना देता है?
उत्तर देखेंविशेष रूप से तारसप्तक में जब गायक संघर्ष कर रहा होता है (गला बैठना, प्रेरणा खोना, उत्साह डूबना), तब संगतकार का स्वर अचानक उभरकर आता है। यह स्वर गायक को ढाढ़स बँधाता है। यह सरल सहयोग संकेत देता है कि गायक अकेला नहीं है और असफलता स्थायी नहीं है; गाया हुआ राग फिर से गाया जा सकता है।
संगतकार की आवाज़ की विशेषताएँ और उनका महत्व बताइए।
उत्तर देखेंसंगतकार की आवाज़ सुंदर पर कमजोर और काँपती हुई है। इसमें एक स्पष्ट “हिचक” है और वह जानबूझकर अपने स्वर को ऊँचा नहीं उठाता। ये “कमियाँ” उसकी विनम्रता और सहायक की भूमिका को दर्शाती हैं। कवि जोर देकर कहता है कि इन्हें विफलता नहीं, बल्कि उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए। यही मानवीय कमजोरी उसके समर्पण और सहयोग को वास्तविक और प्रभावशाली बनाती है।
“जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान” – इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखेंयह पंक्ति संगतकार की सहायक भूमिका की एक सुंदर उपमा है। जिस तरह कोई व्यक्ति किसी के पीछे छूटे सामान को उठाकर उसे सहारा देता है और आगे बढ़ने में मदद करता है, ठीक वैसे ही संगतकार गायक के भटकाव, तकनीकी कमियों या भावनात्मक डगमगाहट (जैसे उसका नौसिखिया बचपन) को “समेटता” है। वह उन्हें सँभालता है, ताकि गायक फिर से केंद्रित हो सके और अपनी प्रस्तुति जारी रख सके।
कविता में संगतकार और मुख्य गायक के संबंध को कैसे चित्रित किया गया है?
उत्तर देखेंकविता में संगतकार और मुख्य गायक का संबंध शिष्य, भाई या रिश्तेदार जैसा आत्मीय और सीखने-सिखाने वाला दिखाया गया है। यह संबंध “प्राचीन काल से” चला आ रहा है, जो परंपरा और निरंतरता को दर्शाता है। संगतकार गायक की सफलता में छिपा रहता है (“गरज में गूँज मिलाना”), लेकिन संकट के समय (“भटकना”, “गला बैठना”) वही अदृश्य सहारा बनकर उसे थामता और याद दिलाता है कि वह अकेला नहीं है।
“अनहद” शब्द का इस कविता के संदर्भ में क्या अर्थ है?
उत्तर देखें“अनहद” का शाब्दिक अर्थ है ‘बिना आहत का’ या ‘अनाहत नाद’ (अनन्त शब्द)। यहाँ, इसका प्रयोग उस अवस्था के लिए किया गया है जब मुख्य गायक अपने सरगम (संगीत के नियमित सुरों के क्रम) की सीमाओं को पार कर जाता है। यह भटकाव की स्थिति है – जहाँ वह तकनीकी रूप से खो सकता है, भ्रमित हो सकता है, या फिर एक उच्च आध्यात्मिक/भावनात्मक अनुभव (अनहत नाद) में पहुँच सकता है, पर नियंत्रण खो बैठता है। संगतकार उसे इस “अनहद” से वापस लाने में मदद करता है।
कवि संगतकार की ‘हिचक’ और ‘स्वर न उठाने की कोशिश’ को किस दृष्टिकोण से देखने को कहता है और क्यों?
उत्तर देखेंकवि स्पष्ट करता है कि संगतकार की आवाज़ में सुनाई देने वाली हिचक और उसका अपने स्वर को मुख्य गायक से ऊँचा न उठाने का प्रयास, उसकी कमी या विफलता नहीं है। बल्कि, इसे उसकी मनुष्यता के रूप में समझा और सराहा जाना चाहिए। यह विनम्रता, आत्म-जागरूकता, सहयोग की भावना और मुख्य कलाकार के प्रति सम्मान का प्रतीक है। ये “अपूर्णताएँ” ही उसे एक वास्तविक, संवेदनशील और विश्वसनीय सहयोगी बनाती हैं।
संगतकार मुख्य गायक को ‘उसका बचपन’ कैसे याद दिलाता है?
उत्तर देखेंसंगतकार अपनी कमजोर, काँपती हुई आवाज़ और विनम्र सहयोग के माध्यम से मुख्य गायक को उस समय की याद दिलाता है जब वह खुद एक नौसिखिया था। उस समय गायक भी संभवतः डरा हुआ, अनिश्चित और आवाज़ पर पूरा नियंत्रण न रखने वाला था। संगतकार का वर्तमान रूप गायक को उसके अपने संघर्षशील अतीत से जोड़ता है, जिससे सहानुभूति, धैर्य और यह समझ पैदा होती है कि महारत हासिल करने की यात्रा में संघर्ष स्वाभाविक है।
“प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ” – इस पंक्ति में गायक की किस मनःस्थिति का वर्णन है?
उत्तर देखेंयह पंक्ति मुख्य गायक की गहरी निराशा, थकान और हतोत्साह की मनोदशा को दर्शाती है, विशेषकर तारसप्तक के दबाव में। “प्रेरणा साथ छोड़ती हुई” बताती है कि उसका आंतरिक उत्साह और रचनात्मक ऊर्जा खत्म हो रही है। “उत्साह अस्त होता हुआ” इस भावना को और गहरा करता है – जैसे उसका आत्मविश्वास सूरज की तरह डूब रहा हो। यह एक कलाकार की सर्वोच्च चुनौतीपूर्ण क्षणों में आत्म-संदेह और शक्ति के क्षय की तीव्र अनुभूति है।
कक्षा 10 हिंदी क्षितिज अध्याय 6 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर
संगतकार की भूमिका और उसके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कविता का मुख्य संदेश स्पष्ट कीजिए।
उत्तर देखेंकविता “संगतकार” एक सहायक गायक की विनम्र पर अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है। संगतकार मुख्य गायक के शक्तिशाली, “चट्टान जैसे” स्वर के विपरीत एक “सुंदर कमजोर काँपती हुई” आवाज़ से सहयोग करता है। वह मुख्य गायक का भाई, शिष्य या रिश्तेदार हो सकता है, जो “प्राचीन काल से” उसकी गरज में अपनी गूँज मिलाता आया है। उसका असली महत्व तब उजागर होता है जब मुख्य गायक अंतरे की जटिल तानों में “खो” जाता है या सरगम लाँघकर “अनहद” में भटक जाता है। ऐसे में संगतकार “स्थायी को सँभाले रहता है”, जैसे भटके हुए को एक स्थिर आधार प्रदान करता हो। वह गायक के “पीछे छूटे सामान” (भूल, कमजोरी, नौसिखियापन) को समेटता है और उसे उसके बचपन की याद दिलाता है। जब गायक तारसप्तक में संघर्ष करता है (गला बैठना, प्रेरणा छूटना), तो संगतकार का स्वर उसे “ढाँढ़स बँधाता” है, यह भरोसा दिलाता है कि वह “अकेला नहीं है” और “फिर से गाया जा सकता है”। उसकी आवाज़ की “हिचक” और स्वर न उठाने की कोशिश उसकी विनम्रता और समर्पण को दर्शाती है, जिसे कवि विफलता नहीं बल्कि उसकी मनुष्यता बताता है। कविता का मुख्य संदेश यह है कि सफलता के शिखर पर अक्सर एक अदृश्य सहयोगी का योगदान होता है जो विनम्रता से पीछे रहकर स्थिरता, सहारा और मानवीय जुड़ाव प्रदान करता है, और इस सहयोग तथा विनम्रता का अपना विशिष्ट सुंदरता और गरिमा है।
“तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला…” से लेकर “तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता…” तक के भाग में निहित भावना और संगतकार के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर देखेंयह भाग किसी कलाकार के सर्वाधिक कमजोर और संवेदनशील क्षणों का मार्मिक चित्रण है। तारसप्तक (सुरों का उच्चतम स्तर) गायन की चरम चुनौती है। यहाँ, मुख्य गायक पूर्णतः संघर्ष करता दिखता है: उसका “गला बैठने लगता है” (आवाज़ फटने या बल खोने लगती है), “प्रेरणा साथ छोड़ती हुई” (आंतरिक ज्वाला ठंडी पड़ रही है), “उत्साह अस्त होता हुआ” (आत्मविश्वास डूब रहा है)। “आवाज से राख जैसा कुछ गिरता हुआ” पंक्ति अद्भुत रूपक है – यह थकान, निराशा, टूटन और क्षमता के अवसान की अनुभूति को दर्शाती है; जैसे उसकी आवाज़ का जीवंत तत्व नष्ट होकर राख बन रहा हो। यह गायक के लिए भावनात्मक और तकनीकी दोनों स्तरों पर पतन का क्षण है। ठीक इसी नाजुक और निराशाजनक पल में संगतकार का महत्व चमक उठता है। उसका स्वर “कहीं से चला आता है” – अचानक, अप्रत्याशित रूप से, जैसे अंधेरे में एक दीपक जल उठे। यह स्वर “ढाँढ़स बँधाता” है – सांत्वना, प्रोत्साहन और भरोसा देता है। यह सरल उपस्थिति संदेश देती है: तुम अकेले नहीं हो, यह संकट अस्थायी है, हार नहीं माननी है, संगीत फिर से शुरू किया जा सकता है। संगतकार की यह क्षमता – सही समय पर सही स्थान पर सहारा बनना – उसे महज सहायक से कहीं अधिक एक आवश्यक, जीवनदायी शक्ति बना देती है।
संगतकार की आवाज़ में ‘हिचक’ और ‘स्वर को ऊँचा न उठाने की कोशिश’ को कवि ने ‘मनुष्यता’ क्यों कहा है? इसका सामाजिक संदर्भ में क्या महत्व है?
उत्तर देखेंकवि संगतकार की आवाज़ की स्पष्ट “हिचक” और उसके अपने स्वर को मुख्य गायक से ऊँचा न उठाने के जानबूझकर प्रयास को उसकी कलात्मक कमी या विफलता के रूप में नहीं, बल्कि उसकी मनुष्यता के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करता है। यह दृष्टिकोण गहरा और मानवीय है।
मनुष्यता के रूप में: “हिचक” आत्म-संदेह, विनम्रता, संकोच या भावनात्मक संवेदनशीलता का प्रतीक हो सकती है – ये सभी मानवीय गुण हैं। स्वर को न उठाना प्रतिस्पर्धा से बचना, मुख्य कलाकार के प्रति सम्मान, सहयोग की भावना और अपनी भूमिका की सीमाओं को स्वीकार करने की समझदारी दर्शाता है। यह अहंकार का अभाव और सामूहिक प्रयास में विश्वास है। कवि कहता है कि इन्हें कमजोरी न समझकर इन मानवीय गुणों के रूप में सराहा जाना चाहिए। ये “अपूर्णताएँ” ही उसे वास्तविक, संवेदनशील और विश्वसनीय बनाती हैं।
सामाजिक संदर्भ में महत्व: यह दृष्टिकोण आज के अति-प्रतिस्पर्धी और व्यक्तिवादी समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह हमें याद दिलाता है कि:
विनम्रता और सहयोग की कीमत: सफलता में अक्सर पर्दे के पीछे के विनम्र सहयोगियों का बहुत बड़ा योगदान होता है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
अपूर्णता में सुंदरता: मानवीय कमजोरियाँ (जैसे संकोच, आत्म-संदेह) हमें दूसरों से जोड़ सकती हैं और वास्तविक बना सकती हैं। उन्हें दोष नहीं, मानवता का अंग मानना चाहिए।
अहंकार से परे: सच्ची उपलब्धि और सार्थक योगदान अहंकारी प्रदर्शन से नहीं, बल्कि विनम्रता, समर्पण और दूसरों का साथ देने की भावना से आते हैं।
सामूहिकता का मूल्य: व्यक्तिगत शोहरत से ऊपर उठकर सामूहिक सफलता और दूसरों की मदद करने में संतुष्टि ढूँढ़ना एक बड़ा मानवीय गुण है। कविता इसी ‘मनुष्यता’ को गौरवान्वित करती है।
संगतकार की तुलना ‘पीछे छूटा सामान समेटने वाले’ और ‘बचपन याद दिलाने वाले’ से क्यों की गई है? इन उपमाओं के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर देखेंकवि संगतकार की भूमिका को समझाने के लिए दो शक्तिशाली उपमाओं का प्रयोग करता है: एक जो “मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान समेटता है” और दूसरा जो उसे “उसका बचपन याद दिलाता है”। ये उपमाएँ उसके कार्य के गहन मनोवैज्ञानिक और व्यावहारिक पहलुओं को उजागर करती हैं।
पीछे छूटा सामान समेटना: यह उपमा संगतकार को एक सहायक के रूप में चित्रित करती है जो मुख्य गायक की चूकों, भूलों या पीछे छूटी तकनीकी/भावनात्मक बोझ को संभालता है। जब गायक जटिल तानों में भटक जाता है या सरगम से आगे निकल जाता है (“भटकता हुआ एक अनहद में”), तो वह प्रभावी रूप से अपनी कला का ‘सामान’ (नियंत्रण, स्थिरता) गिरा देता है। संगतकार वह सामान उठाता (स्थायी को थामता) है, ताकि गायक वापस आकर उसे पुनः प्राप्त कर सके और आगे बढ़ सके। यह सहयोग की एक सक्रिय और आवश्यक क्रिया है।
बचपन याद दिलाना: यह उपमा अधिक भावनात्मक और सहानुभूतिपूर्ण है। संगतकार की कमजोर, काँपती आवाज़ और नौसिखिये जैसी भूमिका मुख्य गायक को उस समय की याद दिलाती है जब वह स्वयं एक शुरुआत करने वाला, अनिश्चित और अधूरा था। यह याद दिलाना कई कारणों से महत्वपूर्ण है:
विनम्रता: यह गायक को उसकी वर्तमान महारत के बावजूद, उसकी अपनी शुरुआती कमजोरियों का स्मरण कराकर विनम्र बनाता है।
सहानुभूति: यह गायक को संगतकार के प्रति सहानुभूति रखने के लिए प्रेरित कर सकता है।
प्रोत्साहन: यह संकेत देता है कि जिस तरह वह नौसिखिएपन से महारत तक पहुँचा, उसी तरह वर्तमान कठिनाई भी पार की जा सकती है। यह निराशा में आशा का संचार करता है।
कवि का संदेश: इन उपमाओं के माध्यम से कवि यह कहना चाहता है कि संगतकार की भूमिका केवल संगीत साथ देने तक सीमित नहीं है। वह एक संरक्षक, स्मरण कराने वाला और भावनात्मक सहारा है। वह गायक की सफलता के लिए जरूरी “सामान” (स्थिरता, नियंत्रण) को बनाए रखता है और उसे उसकी मानवीय जड़ों (भूलने योग्य बचपन/नौसिखियापन) से जोड़े रखता है। यह सहयोग शारीरिक से कहीं अधिक मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक है।
“और यह कि फिर से गाया जा सकता है गाया जा चुका राग” – यह पंक्ति संगतकार के स्वर में किस भावना और विश्वास को व्यक्त करती है? यह पूरी कविता के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर देखेंयह पंक्ति संगतकार के स्वर में निहित सबसे शक्तिशाली और आशावादी संदेश को व्यक्त करती है: आशा, पुनरुत्थान और अवसर की अनंतता का विश्वास।
भावना और विश्वास: जब मुख्य गायक विशेषकर तारसप्तक में असफलता या थकान महसूस कर रहा होता है (“गला बैठना”, “प्रेरणा छोड़ना”), तो उसे लग सकता है कि वह राग को पूर्णतः गा पाने में विफल रहा या उसका प्रदर्शन समाप्त हो गया। संगतकार के इस सरल कथन – “फिर से गाया जा सकता है” – में अथाह सांत्वना और शक्ति है। यह असफलता को अंत नहीं मानता। यह विश्वास दिलाता है कि क्षणिक विफलता स्थायी नहीं है, थकान ठहराव नहीं है। संगीत (राग) शाश्वत है; उसे दोबारा शुरू किया जा सकता है, फिर से प्रयास किया जा सकता है। यह हार न मानने, लचीलापन दिखाने और नए सिरे से शुरुआत करने के प्रति विश्वास जगाता है। “गाया जा चुका राग” यह स्वीकारोक्ति है कि प्रदर्शन बाधित हुआ, लेकिन “फिर से गाया जा सकता है” उससे कहीं बड़ा आश्वासन है कि अवसर अभी खत्म नहीं हुआ।
पूरी कविता के लिए महत्व: यह पंक्ति कविता के केंद्रीय भाव को पूर्ण करती है और उसे एक सकारात्मक, उत्थानकारी मोड़ देती है।
सहयोग का सार: यह संगतकार के सहयोग का मूल उद्देश्य स्पष्ट करती है – न सिर्फ तकनीकी सहारा देना, बल्कि मनोबल बढ़ाना और आगे बढ़ने का साहस देना। वह गायक को याद दिलाता है कि कला की यात्रा में गिरना-उठना लगा रहता है।
मानवीय संदेश: यह पंक्ति जीवन के व्यापक संदर्भ में भी लागू होती है। यह हमें याद दिलाती है कि जीवन में असफलताएँ और ठहराव आते हैं, लेकिन नए सिरे से शुरुआत करने की संभावना हमेशा बनी रहती है (“फिर से गाया जा सकता है”)। यह आशावाद और दृढ़ता का संदेश है।
कविता का शीर्ष: यह संगतकार के समर्थन का सबसे स्पष्ट और प्रभावशाली उदाहरण है, जो उसके द्वारा दिए गए “ढाँढ़स” को साकार रूप देता है। यह दर्शाता है कि उसका सरल स्वर गायक के लिए कितना जीवनदायी और प्रेरणादायक हो सकता है।
इस प्रकार, यह पंक्ति न केवल संगीत प्रदर्शन में, बल्कि जीवन में भी आशा, पुनःप्रयास और सहयोग के शक्तिशाली महत्व को रेखांकित करके पूरी कविता को गहरा मानवीय आयाम प्रदान करती है।