एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 विज्ञान जिज्ञासा अध्‍याय 9 दैनिक जीवन में पृथक्करण विधियाँ

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 विज्ञान जिज्ञासा अध्‍याय 9 दैनिक जीवन में पृथक्करण विधियाँ के प्रश्न उत्तर, अभ्यास के सभी सवालों के जवाब शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। इस अध्याय में पृथक्करण की विभिन्न विधियों, जैसे कि छनाई, वाष्पीकरण और निस्यंदन, का सरल भाषा में वर्णन किया गया है, जिससे विद्यार्थी इसे आसानी से समझ सकें।

कक्षा 6 विज्ञान जिज्ञासा अध्‍याय 9 एनसीईआरटी समाधान

कक्षा 6 विज्ञान जिज्ञासा अध्‍याय 9 दैनिक जीवन में पृथक्करण विधियाँ का उद्देश्य

पृथक्करण का मतलब है एक मिश्रण से विभिन्न पदार्थों को अलग करना। यह प्रक्रिया रोजमर्रा के जीवन में महत्वपूर्ण है क्योंकि हम अक्सर एकत्रित सामग्री को उनके उपयोगी और अनुपयोगी भागों में विभाजित करते हैं। उदाहरण के लिए, खेतों में अनाज को भूसे से अलग करने, या खाना बनाते समय चावल से पत्थर निकालने की प्रक्रिया में पृथक्करण की विधियाँ अपनाई जाती हैं। इन विधियों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमें सिर्फ वही सामग्री मिले जो उपयोगी और सुरक्षित हो।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 विज्ञान जिज्ञासा अध्‍याय 9 दैनिक जीवन में पृथक्करण विधियाँ

हस्त चयन (हाथ से चुनना)
हस्त चयन सबसे सरल और पुरानी पृथक्करण विधियों में से एक है। इसमें हम अपने हाथों का उपयोग करके बड़े और छोटे आकार के कणों को अलग करते हैं। उदाहरण के लिए, जब हम चावल में से छोटे पत्थरों को निकालते हैं, तो हम आकार और रंग के अंतर के आधार पर इन्हें अलग करते हैं। यह विधि तभी उपयोगी होती है जब कणों का आकार और बनावट स्पष्ट रूप से भिन्न हो।

छानना और छलनी का उपयोग

छानने और छलनी का उपयोग तब किया जाता है जब हमें छोटे और बड़े कणों को एक दूसरे से अलग करना हो। जैसे कि आटे से चोकर और कंकड़ को निकालने के लिए हम छलनी का उपयोग करते हैं। इस विधि में, छलनी के छिद्रों से सिर्फ छोटे कण ही गुजर सकते हैं, जबकि बड़े कण छलनी में रह जाते हैं। यह विधि सूक्ष्म कणों को अलग करने के लिए अत्यंत उपयोगी है।

थ्रेशिंग और विंनॉइंग
थ्रेशिंग एक पारंपरिक विधि है, जिसका उपयोग अनाज को उनके डंठल और भूसे से अलग करने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में, अनाज के डंठल को पीटा जाता है ताकि अनाज के दाने अलग हो जाएँ। इसके बाद, विंनॉइंग या ओसाई की प्रक्रिया में हल्के भूसे को हवा में उड़ाकर भारी अनाज से अलग किया जाता है। यह विधि खेतों में बड़े पैमाने पर उपयोग की जाती है।

अवसादन और निस्तारण

अवसादन की प्रक्रिया का उपयोग तब किया जाता है जब हमें द्रव में घुले ठोस कणों को अलग करना हो। उदाहरण के लिए, जब कीचड़ में पानी को कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है, तो भारी कण तल में जम जाते हैं और पानी साफ हो जाता है। इसके बाद, निस्तारण की विधि द्वारा ऊपर के साफ पानी को धीरे-धीरे निकाल लिया जाता है।

निस्यंदन और फ़िल्ट्रेशन
निस्यंदन या फ़िल्ट्रेशन का उपयोग द्रव से सूक्ष्म ठोस कणों को अलग करने के लिए किया जाता है। जैसे कि चाय बनाते समय हम चाय की पत्तियों को निस्यंदित करके अलग करते हैं। फ़िल्टर पेपर, कपड़ा, या किसी अन्य सामग्री का उपयोग करके छोटे-छोटे कणों को रोक लिया जाता है, जबकि द्रव फ़िल्टर से गुजर जाता है। यह विधि प्रयोगशालाओं और घरेलू कामों में बहुत उपयोगी होती है।

चुंबकीय पृथक्करण

चुंबकीय पृथक्करण का उपयोग तब किया जाता है जब मिश्रण में चुंबकीय और अचुंबकीय पदार्थ होते हैं। उदाहरण के लिए, लोहे के कणों को रेत से अलग करने के लिए चुंबक का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में चुंबकीय पदार्थ चुंबक से आकर्षित हो जाते हैं और आसानी से बाकी मिश्रण से अलग किए जा सकते हैं। यह विधि उद्योगों में भी बड़े पैमाने पर उपयोग की जाती है।

कक्षा 6 विज्ञान जिज्ञासा अध्याय 9 में बताई गई पृथक्करण विधियाँ हमारे दैनिक जीवन के विभिन्न कार्यों में उपयोगी होती हैं। इसके प्रश्न उत्तर तिवारी अकादमी पर सरल भाषा में उपलब्ध हैं।

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