कक्षा 6 नागरिक शास्त्र अध्याय 8 एनसीईआरटी समाधान – शहरी क्षेत्र में आजीविका

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 नागरिक शास्त्र अध्याय 8 शहरी क्षेत्र में आजीविका के प्रश्न उत्तर विस्तार से यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। कक्षा 6 नागरिक जीवन के ये समाधान सीबीएसई सिलेबस 2024-25 के अनुसार संशोधित किए गए हैं। इस अध्याय में आप देखेंगे कि शहरों में रहने वाले लोग कैसे जीवन यापन करते हैं। यह आपको रोजगार और स्व-रोजगार के विभिन्न रूपों और इसमें शामिल जोखिमों की अवधारणाओं को दिखाता है। चेन्नई, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता आदि प्रमुख शहरों में दस लाख से अधिक लोग वहाँ रहते हैं और काम करते हैं। एनसीईआरटी पुस्तक के विभिन्न प्रश्नों के उत्तर को पीडीएफ और विडियो के रूप में छात्र यहाँ से निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं।

कक्षा 6 नागरिक शास्त्र अध्याय 8 के लिए एनसीईआरटी समाधान

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शहरी क्षेत्र में आजीविका

ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में आजीविका के ज्यादा साधन हैं। कृषी सम्बन्धी कार्य जहाँ साल में कुछ समय ही होता है। वहीं शहरों में कार्य करने वाले लोग साल भर अपने कार्य में व्यस्त रहते हैं इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं। फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोग, रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी आदि चलाने वाले लोग, कॉल सेंटर में काम वाले कर्मचारी, सरकारी विभागों में कार्यरत लोग, सामान विक्रेता, फल और सब्जी विक्रेता आदि इन सबके अतिरिक्त एक वर्ग ऐसा भी है जिन्हें दैनिक वेतनभोगी कहा जाता है। इनकी स्थिति इस प्रकार है कि जिस दिन काम मिल गया उस दिन के पैसे मिल जाते हैं। बहुत सारे ऐसे भी दिन होते हैं जब इन्हें काम नहीं मिल पाता अगर यह स्थिति लम्बी हो जाये तो इनके सामने भोजन तक के पैसे नहीं होते।

शहरों में दैनिक कामगारों को काम न मिलने की समस्या क्यों पैदा हो रही है? उत्तर:

जनसंख्या वृद्धि के साथ खेती की जमीन कम होती जा रही है। जिससे परिवारों का उसमें गुजरा करना मुश्किल होता जा रहा है। इस स्थिति से बाहर निकालने के लिए लोग रोजगार की तलाश में शहरों की तरफ पलायन करते हैं और यह क्रम लगातार जारी है जिससे शहरों में भीड़ बढ़ती जा रही है। जिन लोगों के पास कोई कौशल होता है उन्हें आसानी से काम मिल जाता है लेकिन जिनामें कोई विशेष कौशल नहीं है उन्हें दैनिक मजदूरों के रूप में काम करना पड़ता है। इनकी बढ़ती जनसँख्या के कारण इन्हें काम मिलने में मुश्किल आती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए उद्योगों का विकेंद्रीकरण आवश्यक है जिससे लोगों का पलायन रोका जा सके।

फैक्ट्रियों में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों को किस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है?

इस समस्या को हम एक रेडीमेड गारमेंट फैक्टरी में काम करने वाले कर्मचारियों बारे में जानेगें ज्यादातर फैक्ट्रियां आर्डर पर कपड़े तैयार करते हैं। इनके पास जब आर्डर होता है तो क्रमिकों को बढ़ा लेते हैं लेकिन जब मांग नहीं होती तो कर्मचारियों की छंटनी करके निकाल दिया जाता है जिससे वे कुछ समय के लिए बेरोजगार हो जाते हैं और उन्हें कोई दूसरा रोजगार तलाश करना पड़ता है।

सुविधा के हिसाब से नियमित और अनियमित कर्मचारियों की स्थिति का वर्णन कीजिए।

नियमित और अनियमित कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं को देखते हुए यह समझना कठिन नहीं है कि नियमित कर्मचारी बहुत सी सुविधाओं का लाभ प्राप्त करते हैं जैसे जॉब सिक्योरिटी, भविष्य निधि, सालाना मिलने वाली छुट्टियाँ, स्वास्थ्य बीमा आदि। जबकि अनियमित कर्मचारियों को इनमें से कोई भी सुविधा नहीं मिलती। इनको कब नौकरी से निकाल दिया जाता है इनको खुद भी पता नहीं होता। अगर सुविधाओं के बारे में प्रबंधकों से बात करना चाहें तो नौकरी से निकाल दिया जाता है इसलिए लोग चुपचाप से भेदभाव को सहन करने को मजबूर होते हैं।

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