एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित अध्याय 3 त्रिकोणमितीय फलन

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित अध्याय 3 त्रिकोणमितीय फलन के हल अभ्यास के सवाल जवाब सीबीएसई सत्र 2024-25 के लिए यहाँ से निशुल्क प्राप्त करें। कक्षा 11 गणित के छात्र पाठ 3 के हल के लिए यहाँ दी गई विडियो और पीडीएफ समाधान की मदद लेकर आसानी से कर सकते हैं।

कक्षा 11 गणित प्रश्नावली 3.1 एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 11 गणित प्रश्नावली 3.2 एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 11 गणित प्रश्नावली 3.3 एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 11 गणित विविध प्रश्नावली 3 एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 11 गणित अध्याय 3 एनसीईआरटी पुस्तक
कक्षा 11 गणित के लिए एनसीईआरटी समाधान
कक्षा 11 के सभी विषयों के लिए समाधान
कक्षा 11 गणित अध्याय 3 समाधान अंग्रेजी में

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 गणित अध्याय 3

त्रिकोणमिती की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

ऐसा विश्वास किया जाता है कि त्रिकोणमिती का अध्ययन सर्वप्रथम भारत में आरंभ हुआ था। आर्यभट (476 ई०), ब्रह्मगुप्त (598 ई०) भास्कर प्रथम (600 ई०) तथा भास्कर द्वितीय (1114 ई०)ने प्रमुख परिणामों को प्राप्त किया था। यह संपूर्ण ज्ञान भारत से मध्यपूर्व और पुनः वहाँ से यूरोप गया। यूनानियों ने भी त्रिकोणमिति का अध्ययन आरंभ किया परंतु उनकी कार्य विधि इतनी अनुपयुक्त थी, कि भारतीय विधि के ज्ञात हो जाने पर यह संपूर्ण विश्व द्वारा अपनाई गई।

ऊँचाई और दूरी

संबंधित प्रश्नों के साथ थेल्स (600 ई० पूर्व) का नाम अपरिहार्य रूप से जुड़ा हुआ है। उन्हें मिश्र के महान पिरामिड की ऊँचाई के मापन का श्रेय प्राप्त है। इसके लिए उन्होंने एक ज्ञात ऊँचाई के सहायक दंड तथा पिरामिड की परछाइयों को नापकर उनके अनुपातों की तुलना का प्रयोग किया था। ये अनुपात हैं
H/S = h/s = tan (सूर्य का उन्नतांश)
थेल्स को समुद्री जहाज की दूरी की गणना करने का भी श्रेय दिया जाता है। इसके लिए उन्होंने समरूप त्रिभुजों के अनुपात का प्रयोग किया था। ऊँचाई और दूरी संबधी प्रश्नों का हल समरूप त्रिभुजों की सहायता से प्राचीन भारतीय कार्यों में मिलते हैं।

कक्षा 11 गणित पाठ 3 का परिचय

इस अध्याय 3 में हम त्रिकोणमितीय अनुपातों के संबंधों का त्रिकोणमितीय फलनों के रूप में व्यापकीकरण करेंगे तथा उनके गुणधर्मों का अध्ययन करेंगे। अध्याय में कुल 3 प्रश्नावलियां एवं एक विविध प्रश्नों पर आधरित प्रश्नावली दी गई हैं।

प्रश्नावली 3.1 से सम्बंधित अनुच्छेद

सम्बंधित अनुच्छेदों में विभिन्न प्रकार के कोण, कोणों की माप डिग्री में तथा रेडियन में, डिग्री और रेडियन में सम्बंध, रेडियन तथा वास्तविक संख्याओं के मध्य संबंध का वर्णन।

प्रश्नावली 3.2 से सम्बंधित अनुच्छेद

इन अनुच्छेदों में हम अध्ययन करेंगे त्रिकोंमितीय फलन sin, cos, tan आदि तथा चतुर्थांशों में उनके चिह्न, त्रिकोणमितीय फलनों का प्रांत तथा परिसर।

प्रश्नावली 3.3 से सम्बंधित अनुच्छेद

दोनों प्रश्नावलियों से सम्बंधित विषय जैसे दो कोणों के योग और अंतर का त्रिकोणमितीय फलन तथा इनसे सम्बंधित सर्वसमिकाएं, त्रिकोणमितीय समीकरण और उदाहरण दिए गए हैं।