एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 19 रासायनिक समन्वय तथा एकीकरण

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 19 रासायनिक समन्वय तथा एकीकरण के अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर हिंदी और अंग्रेजी में सत्र 2024-25 के अनुसार संशोधित रूप में यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। ग्यारहवीं के लिए जीव विज्ञान के पाठ 19 के सभी सवाल जवाब सरलीकृत रूप में दिए गए हैं।

रासायनिक समन्वय तथा एकीकरण

तंत्रिका तंत्र विभिन्न अंगों के बीच एक बिंदु दर बिंदु द्रुत समन्वय का कार्य करता है। तंत्रिकीय समन्वय काफी तेज लेकिन अल्प अवधि का होता है। तंत्रिका तंतुओं द्वारा शरीर की सभी कोशिकाओं का तंत्रिकायन नहीं होने के करण कोशिकीय क्रियाओं के लिए तथा निरंतर नियमन के लिए एक विशेष प्रकार के समन्वय की आवश्यकता होती है। यह कार्य हार्मोन द्वारा संपादित होता है। तंत्रिका तंत्र और अंतःस्रावी तंत्र मिलकर शरीर के क्रियात्मक कार्यों का समन्वय और नियंत्रण करते हैं।

कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 19 के बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर

Q1

नीचे अग्र पीयूष ग्रंथि के हार्मोन्स के नाम दिए गए हैं। इसमें से गलत प्रविष्टि का चयन कीजिए।

[A]. वृद्धि हार्मोन
[B]. पुटिका प्रेरक (फॉलिकल स्टीमुलेटिंग) हार्मोन
[C]. ऑक्सीटोसिन
[D]. अधिवृक्क य्रांतस्था प्रेरक (एड्रिनोकॉर्टिकोट्रोपिक) हार्मोन
Q2

हमारे शरीर में जल और वैद्युत अपघट्यों (इल्कैट्रोलाइटों) के संतुलन के लिए उत्तरदायी स्टेरॉइड है:

[A]. इंसुलिन
[B]. मेलाटोनिन
[C]. टेस्टोस्टेरॉन
[D]. एल्डोस्टेरॉन
Q3

थाइमोसिन उत्तरदायी है:

[A]. रुधिर शर्करा स्तर बढ़ाने के लिए
[B]. रुधिर कैल्सियम स्तर बढ़ाने के लिए
[C]. T- लसीकाणु (लिफोसाइट) के अधिक उत्पादन के लिए
[D]. रुधिर में लाल रुधिर कणिका (RBC) को घटाने के लिए (या कम करने)
Q4

प्रोटीन हार्मोन की क्रिया की क्रियाविधि में दूसरे संवाहकों मे से एक है:

[A]. चक्रीय AMP
[B]. इंसुलिन
[C]. T₃
[D]. गैस्ट्रिन

अंतःस्रावी ग्रंथियां और हार्मोन

अंतःस्रावी ग्रंथियों में नलिकाएं नहीं होती हैं अतः वे नलिकाविहीन ग्रंथियां कहलाती हैं। इनके स्राव हार्मोन कहलाते हैं। हार्मोन की चिरसम्मत परिभाषा के अनुसार ‘हार्मोन अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रवित रक्त में मुक्त किए जाने वाले रसायन हैं, जो दूरस्थ लक्ष्य अंग तक पहुँचाए जाते हैं।’ परंतु इस परिभाषा को अब रूपांतरित किया गया है जिसके अनुसार ‘हार्मोन सूक्ष्म मात्र में उत्पन्न होने वाले अपोषक रसायन हैं जो अंतरकोशिकीय संदेशवाहक के रूप में कार्य करते हैं।’ इस नई परिभाषा के अंतर्गत सुनियोजित अंतःस्रावी ग्रंथियों से स्रावित हार्मोन के अतिरिक्त कई नये अणु भी सम्मिलित हो जाते हैं। अकशेरुकियों में कम हार्मोन के साथ एक सरल अंतःस्रावी तंत्र होता है जबकि कशेरूकियों में कई रसायन हार्मोन की तरह कार्य कर उनमें समन्वय स्थापित करते हैं।

कक्षा 11 जीव विज्ञान पाठ 19 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

उस अंतःस्रावी ग्रंथि का नाम लिखिए जो कैल्सीटोनिन उत्पन्न करती है और इस हॉर्मोन द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका का उल्लेख कीजिए।

थायरॉइड ग्रंथि थायरोकैल्सिटोनी (TCT) नामक एक प्रोटीन हार्मोन भी स्रावित करती है जो रक्त में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करता है। टीसीटी को थायरॉयड ग्रंथि की ‘सी’ कोशिकाओं द्वारा स्रावित किया जाता है। TCT एक हाइपोकैल्केमिक हार्मोन है जो हड्डियों में कैल्शियम के जमाव को बढ़ाकर रक्त कैल्शियम के स्तर को कम करता है, इसलिए ऑस्टियोपोरोसिस की जाँच करता है।

किस हॉर्मोन को प्रसव हॉर्मोन कहते हैं?

ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन को प्रसव हॉर्मोन कहते हैं, क्योंकि यह गर्भावस्था के अन्तिम समय में गर्भाशय की अनैच्छिक पेशियों को संकुचित करके प्रसव को आसान बनाता है तथा प्रसव के बाद गर्भाशय को सामान्य अवस्था में भी लाता है।

पुरुषों और महिलाओं में क्रमशः ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन की क्या भूमिका होती है?

एलएच पुरुष हार्मोन कहे जाने वाले एण्ड्रोजन के संश्लेषण और स्राव को उत्तेजित करता है। महिलाओं में, एलएच ओव्यूलेशन के लिए आवश्यक है। महिलाओं में, LH पूरी तरह से परिपक्व रोम (ग्रैफियन फॉलिकल्स) के ओव्यूलेशन को प्रेरित करता है और ओव्यूलेशन के बाद ग्रेफियन फॉलिकल्स के अवशेषों से बनने वाले कॉर्पस ल्यूटियम को बनाए रखता है।

मानव अंतःस्रावी तंत्र

अंतःस्रावी ग्रंथियां और शरीर के विभिन्न भागों में स्थित हार्मोन स्रवित करने वाले ऊतक/कोशिकाएं मिलकर अंतःस्रावी तंत्र का निर्माण करते हैं। पीयूष ग्रंथि, पिनियल ग्रंथि, थाइरॉयड, एड्रीनल, अग्नाशय, पैराथायरॉइड, थाइमस और जनन ग्रंथियां (नर में वृषण और मादा में अंडाशय) हमारे शरीर के सुनियोजित अंतःस्रावी अंग हैं। इनके अतिरिक्त कुछ अन्य अंग जैसे कि जठर-आंत्रीय मार्ग, यकृत, वृक्क, हृदय आदि भी हार्मोन का उत्पादन करते हैं।

कक्षा 11 जीव विज्ञान पाठ 19 एमसीक्यू के उत्तर

Q5

लीडिंग कोशिकाएँ एक हार्मोन-समूह को उत्पन्न करती हैं, जिसे कहा जाता है:

[A]. एंड्रोजन
[B]. एस्ट्रोजन
[C]. ऐल्डोस्टेरॉन
[D]. गोनैडोट्रॉपिन
Q6

पीत पिंड (कॉर्पस ल्यूटियम) से श्रवित हार्मोन का नाम है:

[A]. प्रोलैक्टिन
[B]. प्रोजेस्टेरॉन
[C]. एल्डोस्टेरॉन
[D]. टेस्टोस्टेरॉन
Q7

कॉर्टिसॉल किससे श्रवित होता है?

[A]. अग्न्याशय (पैंक्रियाज)
[B]. अवटु (थाइरॉइड)
[C]. अधिवृक्क (एड्रिनल)
[D]. थाइमस
Q8

सामान्य निद्रा-जागरण चक्र के लिए उत्तरदायी हार्मोन है:

[A]. एपिनेफ्रीन
[B]. गैस्ट्रिन
[C]. मेलेटोनिन
[D]. इंसुलिन
थाइरॉइड ग्रंथि

थाइरॉइड ग्रंथि श्वास नली के दोनों ओर स्थित दो पालियों से बनी होती है। दोनों पालियाँ संयोजी ऊतक के पतली पल्लीनुमा इस्थमस से जुड़ी होती हैं। प्रत्येक थाइरॉइड ग्रंथि पुटकों और भरण ऊतकों की बनी होती हैं। प्रत्येक थाइरॉइड पुटक एक गुहा को घेरे पुटक कोशिकाओं से निर्मित होता है। ये पुटक कोशिकाएं दो हार्मोन, टेट्राआयडोथाइरोनीनस अथवा थायरोक्सीन तथा ट्राईआइडोथायरोनीन का संश्लेषण करती हैं। थाइरॉइड हार्मोन के सामान्य दर से संश्लेषण के लिए आयोडीन आवश्यक है।

हमारे भोजन में आयोडीन की कमी से अवथाइरॉइडता एवं थाइरॉइड ग्रंथि की वृद्धि हो जाती है, जिसे साधारणतया गलगंड कहते हैं। गर्भावस्था के समय अवथाइरॉइडता के कारण गर्भ में विकसित हो रहे बालक की वृद्धि विकृत हो जाती है। इससे बच्चे की अवरोधित वृद्धि (क्रिटेनिज्म) या वामनता तथा मंदबुद्धि, त्वचा असामान्यता, मूक बधिरता आदि हो जाती हैं। वयस्क स्त्रियों में अवथाइराइडता मासिक चक्र को अनियमित कर देता है। थाइरॉइड ग्रंथि के कैंसर अथवा इसमें गांठों की वृद्धि से थाइरॉइड हारर्मोन के संश्लेषण की दर असामान्य रूप से अधिक हो जाती है। इस स्थिति को थाइरॉइड अतिक्रियता कहते हैं, जो शरीर की कार्यिकी पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।

अग्नाशय

अग्नाशय एक संयुक्त ग्रंथि है जो अंतःस्रावी और बहिःस्रावी दोनों के रूप में कार्य करती है। अंतःस्रावी अग्नाशय ‘लैंगरहैंस द्वीपों’ से निर्मित होता है। साधारण मनुष्य के अग्नाशय में लगभग 10 से 20 लाख लैंगरहैंस द्वीप होते हैं जो अग्नाशयी ऊतकों का 1 से 2 प्रतिशत होता है। प्रत्येक लैंगरहैंस द्वीप में मुख्य रूप से दो प्रकार की कोशिकाएं होती हैं जिन्हें ¬ α और β कोशिकाएं कहते हैं। ¬ कोशिकाएं ग्लूकगॅान तथा इंसुलिन हार्मोन का स्राव करती हैं। ग्लूकागॉन एक पेप्टाइड हार्मोन है जो सामान्य रक्त शर्करा स्तर के नियमन में मुख्य भूमिका निभाता है। ग्लूकागॉन मुख्य रूप से यकृत कोशिकाओं पर कार्य कर ग्लाइकोजेन अपघटन को प्रेरित करता है जिसके फलस्वरूप रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।

इसके अतिरिक्त पेट ग्लूकोनियोजिनेसिस की प्रक्रिया को भी प्रेरित करता है जिससे कि हाइपरग्लाइसिमिया (अति ग्लूकोज रक्तता) होती है। ग्लूकागॉन कोशिकीय शर्करा के अभिग्रहण और उपयोग को कम करता है। अतः ग्लूकोगॉन हाइपरग्लाइसिमिक हार्मोन है। इंसुलिन भी एक प्रोटीन हार्मोन है जो ग्लूकोज समस्थापन के नियमन में मुख्य भूमिका निभाता है। इंसुलिन मुख्यतः हिपेटोसाइट और एडीपोसाइट पर कार्य करता है और कोशिकीय ग्लूकोज अभिग्रहण और उपयोग को बढ़ाता है। इसके फलस्वरूप ग्लूकोज तीव्रता से रक्त हिपेटोसाइट और एडीपोसाइट में जाता है और तथा रक्त शर्करा का स्तर कम (हाइपोग्लासीमिया) हो जाता है। इंसुलिन लक्ष्य कोशिकाओं में ग्लूकोज से ग्लाइकोजेन बनने की प्रक्रिया को भी प्रेरित करता है। रक्त में ग्लूकोज समस्थापन का नियमन सम्मिलित रूप से दो हार्मोन इंसुलिन और ग्लूकागॅान द्वारा होता है।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 19
कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 19 रासायनिक समन्वय तथा एकीकरण
कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 19 के प्रश्न उत्तर
कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 19 के हल
कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 19