एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 17 गमन एवं संचलन

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 17 गमन एवं संचलन के प्रश्न उत्तर अभ्यास के सवाल जवाब हिंदी और अंग्रेजी मीडियम में यहाँ से प्राप्त किए जा सकते हैं। छात्र कक्षा 11 में जीव विज्ञान के पाठ 17 के सभी प्रश्नों के उत्तर तथा एमसीक्यू के उत्तर यहाँ से सरल भाषा में विस्तर से पा सकते हैं।

जीवों में गमन

संचलन जीवों की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। जंतुओं एवं पादपों में अनेकों तरह के संचलन होते हैं। अमीबा सदृश एक कोशिक जीव में जीवद्रव्य का प्रवाही संचलन इसका एक साधारण रूप है। कई जीव पक्ष्माभ, कशाभ और स्पर्शक द्वारा संचलन दर्शाते हैं। मनुष्य अपने पाद, जबड़े, पलक, जिह्ना आदि को गतिशील कर सकता है। कुछ संचलनों में स्थान या अवस्थिति परिवर्तन होता है। ऐसे ऐच्छिक संचलनों को गमन कहते हैं।

कक्षा 11 जीव विज्ञान अध्याय 17 के बहुविकल्पीय प्रश्न उत्तर

Q1

पसलियाँ कहाँ पर जुड़ी होती हैं?

[A]. स्केपुला पर
[B]. उपास्थि पर
[C]. क्लैविकल पर
[D]. इलियन पर
Q2

एटलस और अक्ष के बीच किस प्रकार की गतिशील संधि होती है?

[A]. धुराग्र संधि
[B]. सैडल संधि
[C]. कब्जा संधि
[D]. विसर्पी संधि
Q3

पेशी का एटीपेज कहाँ स्थित होता है?

[A]. ऐक्टिनिन में
[B]. ट्रोपोनिन में
[C]. मायोसिन में
[D]. ऐक्टिन में
Q4

अंतराकशेरुक डिस्क किसके कशेरुक दंड में पाई जाती है?

[A]. पक्षियों के
[B]. सरीसृपों के
[C]. स्तनधारियों के
[D]. उभयचरों के

गति के प्रकार

मानव शरीर की कोशिकाएं मुख्यतः तीन प्रकार की गति दर्शाती हैं, यथा-अमीबीय, पक्ष्माभी और पेशीय। कशामिका गति शुक्राणुओं को तैरने में सहायता करती है, स्पंज के नाल तंत्र में जल संचारण को बनाए रखती है तथा यूग्लीना जैसे प्रोटोजोआ में चलन का कार्य करती है।

हमारे शरीर में कुछ विशिष्ट कोशिकाएं, जैसे – महाभक्षकाणु और श्वेताणु रुधिर में अमीबीय गति प्रदर्शित करती हैं। यह क्रिया जीवद्रव्य की प्रवाही गति द्वारा कूकूट पाद बनाकर की जाती है (अमीबा सदृश)। कोशिका कंकाल तंत्र जैसे – सूक्ष्मतंतु भी अमीबीय गति में सहयोगी होते हैं।

कक्षा 11 जीव विज्ञान पाठ 17 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

हड्डियों और उपास्थि के मैट्रिक्स में क्या अंतर है?

हड्डियों में कैल्शियम लवण और कोलेजन फाइबर से भरपूर एक कठोर और गैर-लचीला जमीन पदार्थ होता है जो हड्डी को उसकी ताकत देता है। उपास्थि की अंतरकोशिकीय सामग्री ठोस और लचीली होती है जो संपीड़न का प्रतिरोध करती है। उपास्थि की कोशिका को चोंड्रोसाइट्स कहा जाता है जो उनके द्वारा स्रावित मैट्रिक्स के भीतर एक छोटी गुहा (खाली) में संलग्न होती हैं।

पेशियों द्वारा कंकाल में गति कैसे होती है?

हमारे शरीर के कंकाल ऐच्छिक पेशियों के द्वारा एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। जब पेशी तन्तु कंकाल को किसी पेशी से जोड़ते हैं, तब इन्हें टेण्डन कहते हैं, लेकिन जब पेशी तन्तु कंकाल से कंकाल को जोड़ते हैं। तब इन्हें लिगामेण्ट्स कहते हैं। पेशी कोशिकाएँ पेशी तन्तुओं की बनी होती हैं, जिनमें संकुचन तथा शिथिलन का गुण पाया जाता है। इसी कारण पेशी कोशिकाओं में भी संकुचन तथा शिथिलन का गुण पाया जाता है। इन्हीं पेशियों के संकुचन तथा शिथिलन के कारण कंकाल में गति होती है।

मानव शरीर में बॉल और सॉकेट सन्धि की स्थिति बताइए।

बॉल और सॉकेट ज्वाइंट: ह्यूमरस और कंधे का जोड़ के बीच। फीमर और एसिटाबुलम के बीच श्रोणि मेखला (कूल्हे का जोड़)। मानव शरीर में कुल 4 बॉल और सॉकेट जोड़ होते हैं – 2 कंधे का जोड़ और 2 कूल्हे का जोड़।

पेशी

पेशी एक विशेष प्रकार का ऊतक है जिसकी उत्पत्ति अध्यजनस्तर से होती है। एक वयस्क मनुष्य के शरीर के भार का 40-50 प्रतिशत हिस्सा पेशियों का होता है। इनके कई विशेष गुण होते हैं, जैसे- उत्तेजनशीलता, संकुचनशीलता, प्रसार्य एंव प्रत्यास्थता। पेशियों को भिन्न-भिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया गया है, जैसे-स्थापन, रंग-रूप और उनकी क्रिया की नियमन पद्धति। स्थापन के आधार पर, तीन प्रकार की पेशियाँ पाई जाती हैं:
1. कंकाल
2. अंतरंग
3. हृद

कक्षा 11 जीव विज्ञान पाठ 17 एमसीक्यू के उत्तर

Q5

घुटक-संधि और कोहनी-संधि किस प्रकार की संधि के उदाहरण हैं?

[A]. सैडल संधि
[B]. कंदुक-खल्लिका संधि
[C]. धुराग्र संधि
[D]. कब्जा संधि
Q6

महाभक्षकाणुओं और श्वेताणुओं में किस प्रकार की गति प्रदर्शित होती है?

[A]. पक्ष्माभी गति
[B]. कशाभी गति
[C]. अमीबीय गति
[D]. विसर्पी गति
Q7

निम्नलिखित में से कौन-सा अस्थि विकार नहीं है?

[A]. संधि शोथ
[B]. अस्थि सुषिरता
[C]. रिकेट्स
[D]. ऐथेरोस्कलेरोसिस
Q8

निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही नहीं है?

[A]. हृद्पेशियाँ रेखित और अनैच्छिक होती हैं।
[B]. हाथ और पैर की अस्थियाँ रेखित और ऐच्छिक होती हैं।
[C]. आहार-नाल की भीतरी भित्तियों में स्थित पेशियाँ रेखित और अनैच्छिक होती हैं।
[D]. जनन क्षेत्रें में स्थित पेशियाँ आरेखित और अनैच्छिक होती हैं।
कंकाल तंत्र

कंकाल तंत्र में अस्थियों का एक ढांचा और उपास्थियां होती हैं। शरीर की गति में इस तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कल्पना कीजिए, जब बिना जबड़ों के भोजन चर्वण करना पड़े और बिना पाद अस्थियों के टहलना हो। अस्थि एवं उपास्थि विशेष प्रकार के संयोजी ऊतक हैं। मैट्रिक्स में लवणों की उपस्थिति से अस्थियाँ कठोर होती हैं जबकि कोंड्रोइटिन लवण उपास्थियों के मैट्रिक्स को आनन्य बनाते हैं। मनुष्य में, यह तंत्र 206 अस्थियों और कुछ उपास्थियों का बना होता है। इसे दो मुख्य समूहों में बाँटा गया है- अक्षीय कंकाल एवं उपांगीय कंकाल।

संधियाँ या जोड़

संधियाँ या जोड़ हर प्रकार की गति के लिए आवश्यक है जिनमें शरीर की अस्थियाँ सहयोगी होती हैं चलन गति भी इसका अपवाद नहीं है। जोड़ अस्थियों अथवा एक अस्थि एवं एक उपास्थि के बीच का संधिस्थल है। जोड़ों द्वारा गति के लिए पेशी जनित बल का उपयोग किया जाता है। यहाँ जोड़ आलंब का कार्य करते हैं। इन जोड़ों पर गति विभिन्न कारकों पर निर्भरता के कारण बदलती हैं। जोड़ों को मुख्यतः तीन संरचनात्मक रूपों में वर्गीकृत किया गया है, जैसे- रेशीय, उपास्थियुक्त और साइनोवियल (स्राव)।

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